सुकमा: बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित सुकमा जिला में नक्सली मोर्चे पर तैनात सुरक्षाबल के जवानों को एक सफलता हासिल हुई है. नक्सलियों की खोखले विचारधारा से तंग आकर एक नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है. राज्य सरकार की पुनर्वास नीति और जिले में चलाए जा रहे "पूना नर्कोम अभियान"से प्रभावित होकर नक्सली ने आत्मसमर्पण किया. आत्मसमर्पित नक्सली का नाम पुनेम हुर्रा है. वह नक्सली संगठन में मिलिशिया सदस्य के तौर पर सक्रिय था.
नक्सली ने किया सरेंडर: जिले के नक्सल ऑपरेशन कार्यालय में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी परमेश्वर तिलकवार के सामने पुनेम हुर्रा ने बगैर हथियार के आज आत्मसमर्पण किया है. पुनेम हुर्रा नक्सली संगठन में मिलिशिया सदस्य के रूप में सक्रिय था. इसके सरेंडर कराने में सीआरपीएफ 131 वाहिनी का खास सहयोग रहा है. समर्पित नक्सली को छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति योजना के तहत 10 हजार प्रोत्साहन राशि मुहैया कराई गई. सुकमा पुलिस ने जल्द ही दूसरी सुविधाएं भी देने की बात कही है.
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" जिले में उच्च अधिकारियों के निर्देश पर "पूना नर्कोम अभियान" चलाया जा रहा है. अभियान के तहत जिले के अंदरूनी इलाके में नक्सलियों के आत्मसमर्पण के लिए बैनर-पोस्टर के माध्यम से लगातार अपील की जा रही है. इसी से प्रभावित होकर आज सुकमा जिले के चिंतागुफा थाना क्षेत्र में सक्रिय 1 नक्सली ने आत्मसमर्पण किया है." -परमेश्वर तिलकवार, पुलिस अनुविभागीय अधिकारी
क्या है पूना नर्कोम अभियान: नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए सुकमा जिले में सरकार ने नक्सल उन्मूलन अभियान चलाया है. पूना नर्कोम अभियान के तहत सुकमा के नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बैनर पोस्टर लगाने के साथ ही ग्रामीणों से मिलकर नक्सलियों से आत्मसमर्पण करने के लिए अपील की जा रही है.