सुकमा: जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन पूना नर्कोम अभियान और छत्तीसगढ़ सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर सोमवार को 8 लाख के इनामी नक्सली ने सरेंडर किया है. नक्सलवाद से तौबा करने वाला माड़ डिवीजन कंपनी नंबर 1 का सक्रिय सदस्य था. सुकमा पुलिस अधीक्षक सुनील शर्मा ने बताया कि "नक्सलवाद के खात्मे के लिए लगातार अंदरूनी क्षेत्रों में सुरक्षा बल के नए कैंप स्थापित किए जा रहे हैं. नए कैंप के खुलने से क्षेत्र में विकास तेजी से हो रहा है."
ग्रामीणों के बीच पहुंच रहे जवान, बढ़ रहा भरोसा: पुलिस अधीक्षक ने बताया कि "अंदरूनी क्षेत्र के ग्रामीण पुलिस से हमेशा से ही दूरी बनाए रखती थी. लेकिन कैंप के जरिए सुरक्षाबल के जवान उनके नजदीक पहुंचकर उनकी समस्याओं का भी समाधान करने में जुटे हुए हैं. बीते दिनों अति नक्सल प्रभावित कहे जाने वाले डब्बामरका व तोंडामरका नवीन कैंप स्थापित किया गया और कैंप स्थापना के तीसरे ही दिन पुलिस का प्रभाव क्षेत्र में दिखने लगा."
कैंप खुलने के तीसरे दिन 33 नक्सलियों ने किया था सरेंडर: सुनील शर्मा ने बताया कि "कैंप खुलने के तीसरे दिन तीन इनामी नक्सली सहित 33 नक्सलियों ने नक्सल विचारधारा को त्याग कर समाज की मुख्यधारा में जुड़कर आत्मसमर्पण किया. इसी कड़ी में नक्सलियों की नक्सलियों खोखली विचारधारा से तंग आकर और सरकार की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर मार डिवीजन कंपनी नंबर 1 के सदस्य दिरदो माड़ा ने पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया है. जिसके ऊपर छत्तीसगढ़ सरकार ने 8 लाख रुपये का इनाम घोषित कर रखा था. साथ ही सुकमा एसपी सुनील शर्मा ने बताया कि जल्द ही इसे सरकार की पुनर्वास नीति के तहत सुविधाएं उपलब्ध कराया जाएगा."
इन कमेटियों के सदस्य रहे नक्सली: सरेंडर नक्सली वर्ष- 2010-2011 तक बाल संगम सदस्य थे. वर्ष 2012-2014 तक प्रेस टीम इंचार्ज सुखदेव का गार्ड सदस्य. जनवरी 2015 से जुलाई 2015 तक दंडकारण्य प्रेस टीम सदस्य और अगस्त 2015- से अब तक कंपनी 1 का सदस्य रहे, जिन पर छत्तीसगढ़ शासन ने 8 लाख का इनाम घोषित कर रखा था."