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सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर 28 दिनों से जारी सिलगेर आंदोलन खत्म

28 दिनों से चल रहा सिलगेर आंदोलन खत्म हो गया है. आदिवासी 28 दिनों से सिलगेर पुलिस कैंप का विरोध कर रहे थे. जिसे आज 20 हजार से अधिक ग्रामीणों के सभा में निर्णय लेकर खत्म किया गया है. हालांकि ग्रामीण सैद्धांतिक रूप से सुकमा में कैंप के विरोध में धरना देंगे.

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सिलगेर कैंप के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन खत्म
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Published : Jun 9, 2021, 8:21 PM IST

Updated : Jun 10, 2021, 6:03 AM IST

सुकमा: सिलगेर में 28 दिनों से चल रहा आंदोलन खत्म हो गया है. सिलगेर में स्थापित किए जा रहे पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण अब केवल सैद्धांतिक रूप से धरने पर बैठेंगे. 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में सभा का आयोजन किया गया था. सभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि फिलहाल आंदोलन खत्म किया जाए. ग्रामीण अब सैद्धांतिक धरना देंगे.

सिलगेर कैंप के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन खत्म

आंदोलन खत्म करने के ऐलान के साथ ही आदिवासियों ने स्पष्ट किया है कि कैंप का विरोध जारी रहेगा. उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. उनका कहना है कि पुलिस कैंप बिना ग्रामीणों के इजाजत के स्थापित किया गया है. ऐसे में अब सैद्धांतिक धरना देकर इसका विरोध जारी रखा जाएगा.

सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की तैयारी

जानकारी के मुताबिक मूलवासी बचाओ मंच के सदस्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने वाले हैं. पिछले 28 दिनों से चल रहे इस आंदोलन को लेकर राजधानी से बीजापुर के तर्रेम तक बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा था. मंगलवार को तर्रेम में प्रशानिक अधिकारियों से ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हुई थी. वहीं रायपुर में समाजिक कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की थी. जिसके बाद से आंदोलन को खत्म करने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था.

सिलगेर विवाद: गांव के प्रतिनिधिमंडल से मिल सकते हैं सीएम भूपेश बघेल

मंगलवार को हुई थी दो अहम मुलाकात

मंगलवार की दोपहर 12 बजे जिला प्रशासन की टीम आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से वार्ता करने तर्रेम पहुंची थी. आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल भी जिला प्रशासन से चर्चा करने के लिए सामने आया था. ग्रामीणों की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी (social worker Soni Sori ) और अन्य 8 से 10 लोग वार्ता में शामिल हुए. जिला प्रशासन की ओर से डीआईजी कोमल सिंह, कलेक्टर रितेश अग्रवाल और एसपी कमलोचन कश्यप ने ग्रामीणों से चर्चा की है. चर्चा लगभग दो घंटे तक चली थी.

सिलगेर गोलीकांड (Silger Movement and Shooting) को लेकर जनसंगठनों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात (Delegation met CM Bhupesh Baghel ) की थी. प्रतिनिधि मंडल ने यह मांग रखी कि सिलगेर गांव का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री बघेल से मिलना चाहता है. मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग पर सहमति व्यक्त की थी. अब जल्द ही सिलगेर गांव का प्रतिनिधि मंडल सीएम से मुलाकात कर सकता है.

सिलगेर में ग्रामीणों के विरोध के बीच विकास के लिए तैनात हैं CRPF के जवान

एक नजर में पूरे मामले को समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
  • इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.
  • कांग्रेस जांच समिति के साथ बैठक में गांववालों ने अपनी 7 मांगे सौंपी हैं. इस समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज हैं.

सुकमा: सिलगेर में 28 दिनों से चल रहा आंदोलन खत्म हो गया है. सिलगेर में स्थापित किए जा रहे पुलिस कैंप के विरोध में ग्रामीण अब केवल सैद्धांतिक रूप से धरने पर बैठेंगे. 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में सभा का आयोजन किया गया था. सभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि फिलहाल आंदोलन खत्म किया जाए. ग्रामीण अब सैद्धांतिक धरना देंगे.

सिलगेर कैंप के खिलाफ ग्रामीणों का आंदोलन खत्म

आंदोलन खत्म करने के ऐलान के साथ ही आदिवासियों ने स्पष्ट किया है कि कैंप का विरोध जारी रहेगा. उनकी लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. उनका कहना है कि पुलिस कैंप बिना ग्रामीणों के इजाजत के स्थापित किया गया है. ऐसे में अब सैद्धांतिक धरना देकर इसका विरोध जारी रखा जाएगा.

सीएम भूपेश बघेल से मुलाकात की तैयारी

जानकारी के मुताबिक मूलवासी बचाओ मंच के सदस्य मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात करने वाले हैं. पिछले 28 दिनों से चल रहे इस आंदोलन को लेकर राजधानी से बीजापुर के तर्रेम तक बैठकों और चर्चाओं का दौर चल रहा था. मंगलवार को तर्रेम में प्रशानिक अधिकारियों से ग्रामीणों के प्रतिनिधिमंडल की मुलाकात हुई थी. वहीं रायपुर में समाजिक कार्यकर्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने सीएम भूपेश बघेल और राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की थी. जिसके बाद से आंदोलन को खत्म करने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म था.

सिलगेर विवाद: गांव के प्रतिनिधिमंडल से मिल सकते हैं सीएम भूपेश बघेल

मंगलवार को हुई थी दो अहम मुलाकात

मंगलवार की दोपहर 12 बजे जिला प्रशासन की टीम आंदोलन कर रहे ग्रामीणों से वार्ता करने तर्रेम पहुंची थी. आंदोलन कर रहे ग्रामीणों की ओर से एक प्रतिनिधि मंडल भी जिला प्रशासन से चर्चा करने के लिए सामने आया था. ग्रामीणों की तरफ से सामाजिक कार्यकर्ता सोनी सोरी (social worker Soni Sori ) और अन्य 8 से 10 लोग वार्ता में शामिल हुए. जिला प्रशासन की ओर से डीआईजी कोमल सिंह, कलेक्टर रितेश अग्रवाल और एसपी कमलोचन कश्यप ने ग्रामीणों से चर्चा की है. चर्चा लगभग दो घंटे तक चली थी.

सिलगेर गोलीकांड (Silger Movement and Shooting) को लेकर जनसंगठनों के एक प्रतिनिधि मंडल ने मंगलवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मुलाकात (Delegation met CM Bhupesh Baghel ) की थी. प्रतिनिधि मंडल ने यह मांग रखी कि सिलगेर गांव का एक प्रतिनिधिमंडल भी मुख्यमंत्री बघेल से मिलना चाहता है. मुख्यमंत्री ने उनकी इस मांग पर सहमति व्यक्त की थी. अब जल्द ही सिलगेर गांव का प्रतिनिधि मंडल सीएम से मुलाकात कर सकता है.

सिलगेर में ग्रामीणों के विरोध के बीच विकास के लिए तैनात हैं CRPF के जवान

एक नजर में पूरे मामले को समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे हैं.
  • इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे हुए हैं.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई है. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे हैं. पुलिस महकमे के अधिकारियों का दावा है कि नक्सलियों के उकसावे में ये ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे हैं.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है. फिलहाल मौके पर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण डटे हुए हैं.
  • कांग्रेस जांच समिति के साथ बैठक में गांववालों ने अपनी 7 मांगे सौंपी हैं. इस समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज हैं.
Last Updated : Jun 10, 2021, 6:03 AM IST
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