सुकमा: सिलगेर गोलीकांड (silger firing case) की जांच करने शनिवार को दंडाधिकारी डिप्टी कलेक्टर रूपेंद्र पटेल (Magistrate Deputy Collector Rupendra Patel) पहुंचे थे, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण वे जांच स्थल तक नहीं पहुंच पाए.
रूपेंद्र पटेल को किया गया था नियुक्त
सुकमा कलेक्टर विनीत नंदनवार (Sukma Collector Vineet Nandanwar) ने जगरगुंडा थाना क्षेत्र सिलगेर गोलीकांड घटना की जांच (Investigation of silger firing case) के निर्देश दिए हैं. इसके लिए डिप्टी कलेक्टर रूपेंद्र पटेल को नियुक्त किया गया था. उन्होंने घटना स्थल तक जाने की कोशिश की लेकिन ग्रामीणों के विरोध के कारण वे वहां तक नहीं पहुंच पाए. जिसके कारण जांच प्रभावित हो गई.
तर्रेम तक ही पहुंच पाए अधिकारी
जांच अधिकारी ने बताया कि वे दो दिनों से बीजापुर में हैं. सिलगेर स्थित घटना स्थल पहुंचने के लिए वे लगातार कोशिश कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वे तर्रेम तक ही पहुंच पाए. ग्रामीणों ने सड़क पर पेड़, पत्थर डालकर सड़क को बाधित कर रखा है. तर्रेम क्षेत्र के आसपास ग्रामीणों से चर्चा करने की कोशिश भी की गई, लेकिन कुछ साक्ष्य नहीं मिला है.
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उन्होंने कहा है कि घटना के सम्बंध में कोई भी व्यक्ति अपना पक्ष रखना चाहता है तो वो निडर होकर अपना पक्ष रख सकते हैं. व्यक्ति के लिए आवाजाही की व्यवस्था प्रशासन करेगा.
क्या है पूरा मामला ?
सुरक्षाबल लगातार बस्तर के कोर इलाके में कैंप स्थापित कर रहे हैं. पुलिस की मानें तो नक्सलियों के दबाव में ग्रामीण इन कैंप का विरोध कर रहे हैं. 16 मई को भी इसी तरह 3 हजार के लगभग ग्रामीण सिलगेर में स्थापित हो रहे कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. आंदोलन अचानक उग्र हुआ और ग्रामीण कैंप के अंदर घुसने की कोशिश करने लगे. इस दौरान दोनों ओर से गोलीबारी हुई थी. जिसमें कुछ लोगों की मौत हुई थी. पुलिस का कहना है कि मारे गए लोगों का संबंध नक्सलियों था. जबकि ग्रामीण का कहना है कि मारे गए लोग ग्रामीण थे. इसी को लेकर विवाद है. जिसकी जांच की जा रही है.