सुकमा: आसमान से बरसी आफत ने जमीन पर ऐसा अत्याचार किया कि यहां रह रहे लोगों का सब कुछ बर्बाद हो गया. तिनका-तिनका जोड़कर जो गृहस्थी बनाई थी वो एक झटके में तबाह हो गई.
शनिवार को शबरी नदी ने थोड़ा रहम दिखाया, जिसके बाद नदी का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे उतरा. पानी के उतरते ही जिंदगी ने पटरी पर लौटने की जद्दोजेहद शुरू की.
उजड़ गई गृहस्थी
शनिवार की दोपहर से ही जिले के ग्रामीण इलाकों में हालात सामान्य होने लगे थे. राहत शिविर में ठहरे लोगों ने रविवार को अपने-अपने घरों की ओर का रुख किया. आशियाने में पहुंचकर लोगों ने देखा कि, पाई-पाई जोड़कर उन्होंने जो गृहस्थी बनाई थी, वो बर्बाद हो चुकी है.
बाढ़ पीड़ितों ने दिखाई जिंदादिली
सिर की छत डामाडोल थी, पानी के प्रहार से घर की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई थी. लेकिन संघर्ष का नाम ही जिंदगी है. लोगों ने फिर हिम्मत जुटाई और जिंदगी की दौड़ में फिर शामिल हो लिए.
जिला मुख्यालय से टूटा संपर्क
ये लगातार तीसरी बार है जब जल ने जिले में तांडव मचाया है. भारी बारिश से शबरी नदी के साथ अंदरूनी इलाकों में बहने वाले छोटे-छोटे नदी-नाले उफान पर आ गए थे. इसका नतीजा यह हुआ कि ग्रामीण क्षेत्रों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट गया.
बाढ़ ने किया बेहाल
जलभराव के कारण निचली बस्तियों को खाली कराया गया था. नेशनल हाईवे पर पानी भरने से आवागमन 48 घंटे से ज्यादा वक्त के लिए बाधित हो गया था और इसके आस-पास रहने वाले लोग बाढ़ के जल में बंधक बन गए थे.
1200 से ज्यादा लोग हुए प्रभावित
बाढ़ ने सुकमा में जमकर कहर बरपाया. 1200 से ज्यादा लोग इससे प्रभावित हुए थे. जैसे-जैसे बाढ़ का पानी उतर रहा है लोग अपनी बिखरी जिंदगी को समेटने की कोशिश कर रहे हैं. इस उम्मीद के साथ कि, वक्त एक बार फिर बदलेगा और उनके पुराने दिन वापस लौट आएंगे.