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बारिश में बेघर हुए गरीब, आशियाने पर चला प्रशासन का बुल्डोजर

शहर में हुए अवैध कब्जे पर प्रशासन ने बुल्डोजर चला दिया है. इसके कारण शहर के सैकड़ों लोगों के सामने छत का संकट हो गया है. इधर, रहवासियों का कहना है कि ये जमीन उन्हें नगर पंचायत द्वारा बाढ़ पीड़ित के रूप में दी गई थी.

पीड़ित रहवासी.
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Published : Jul 13, 2019, 7:56 AM IST

सुकमा: शहर में बने अवैध घरों पर प्रशासन का बुल्डोजर चलने से बारिश में गरीबों के सिर से छत छिन गया है. अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई से कई गरीब बेघर हो गए हैं. इन लोगों का कहना है कि बुल्डोजर चलाने से पहले ने उन्हें किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिसके कारण उनके सामने अचानक घर का संकट हो गया है. लोग इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.

बारिश में बेघर हुए गरीब

रहवासियों का कहना है कि साल 2006 में इस भूमि को नगर पंचायत में प्रस्ताव पारित कर बाढ़ प्रभावितों को दी गई थी. जिसमें इन लोगों का नाम भी शामिल था, लेकिन तहसीलदार ने बिना किसी अग्रिम सूचना के घरों पर बुल्डोजर चला दिया. जिसके बाद एक बार फिर से उनके सामने घर की समस्या आ गई है.

प्रशासन को दोहरा मापदंड
प्रशासन की इस कार्रवाई पर कम्यूनिस्ट नेता रामा सोढ़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में अवैध रूप से राजस्व विभाग की जमीनों का खरीद फरोख्त का धंधा चल रहा है. जिसके खिलाफ तहसीलदार कोई एक्शन नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पहले तहसीलदार को कब्जाधारियों को अग्रिम सूचना या सामान हटाने का समय देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होने कहा कि तहसीलदार अपने पॉवर का गलत उपयोग करते हुए बारिश में गरीबों को सड़क पर ला दिया है.

कोई जरुरत नहीं नोटिस की
इधर, तहसीलदार आरपी बघेल ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि जिन लोगों के घरों पर बुल्डोजर चलाया गया है, उनमें कोई भी बाढ़ प्रभावित नहीं है. बाहरी लोगों ने यहां कब्जा कर रखा था. साथ ही निर्माणाधीन घरों को तोड़ने के लिए कोई अग्रिम सूचना का प्रावधान नहीं है.

सुकमा: शहर में बने अवैध घरों पर प्रशासन का बुल्डोजर चलने से बारिश में गरीबों के सिर से छत छिन गया है. अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई से कई गरीब बेघर हो गए हैं. इन लोगों का कहना है कि बुल्डोजर चलाने से पहले ने उन्हें किसी तरह की कोई सूचना नहीं दी गई थी. जिसके कारण उनके सामने अचानक घर का संकट हो गया है. लोग इस कार्रवाई की निंदा कर रहे हैं.

बारिश में बेघर हुए गरीब

रहवासियों का कहना है कि साल 2006 में इस भूमि को नगर पंचायत में प्रस्ताव पारित कर बाढ़ प्रभावितों को दी गई थी. जिसमें इन लोगों का नाम भी शामिल था, लेकिन तहसीलदार ने बिना किसी अग्रिम सूचना के घरों पर बुल्डोजर चला दिया. जिसके बाद एक बार फिर से उनके सामने घर की समस्या आ गई है.

प्रशासन को दोहरा मापदंड
प्रशासन की इस कार्रवाई पर कम्यूनिस्ट नेता रामा सोढ़ी ने आरोप लगाते हुए कहा कि जिले में अवैध रूप से राजस्व विभाग की जमीनों का खरीद फरोख्त का धंधा चल रहा है. जिसके खिलाफ तहसीलदार कोई एक्शन नहीं ले रहा है. उन्होंने कहा कि इस कार्रवाई से पहले तहसीलदार को कब्जाधारियों को अग्रिम सूचना या सामान हटाने का समय देना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. उन्होने कहा कि तहसीलदार अपने पॉवर का गलत उपयोग करते हुए बारिश में गरीबों को सड़क पर ला दिया है.

कोई जरुरत नहीं नोटिस की
इधर, तहसीलदार आरपी बघेल ने ETV भारत से बात करते हुए कहा कि जिन लोगों के घरों पर बुल्डोजर चलाया गया है, उनमें कोई भी बाढ़ प्रभावित नहीं है. बाहरी लोगों ने यहां कब्जा कर रखा था. साथ ही निर्माणाधीन घरों को तोड़ने के लिए कोई अग्रिम सूचना का प्रावधान नहीं है.

Intro:बगैर नोटिस के गरीबों के आशियानों पर चला प्रशासन का बुलडोजर

सुकमा. बारिश के दिनों में प्रशासन ने गरीबों के आशियानों पर बुलडोज़र चलाकर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की है। कुम्हाररास में जिला कार्यालय के पीछे गुरुवार शाम को राजस्व भूमि पर अतिक्रमण हटाया गया। आशियानों को बगैर नोटिस दिए प्रशासन ने अचानक कार्रवाई कर दी। बारिश के मौसम में बगैर किसी सूचना के प्रशासन द्वारा की गई कार्रवई से लोगो मे भारी आक्रोश है। लोगों के विरोध के बाद भी अतिक्रमण हटाने पहुंचे सुकमा तहसीलदार आरपी बघेल ने कार्रवाई जारी रखा।

बाढ़ प्रभावितों को आबंटित की गई थी भूमि...
प्रभावित लोगों ने etv bharat से कहा कि 2006 में बाढ़ प्रभावितों को उक्त भूमि आबंटित की गई है। नगर पंचायत की प्रेसिडेंट इन कौंसिल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर भूमि प्रभावितों को दी गई थी। जिसमे उक्त सभी लोगों का नाम शामिल है। पीड़ित महिला सुचित्रा विश्वास ने बताया कि उन्हें सीमेंट सीट और ईंट हटाने का भी मौका नही दिया गया। वे घरों से केवल अपना सामान ही निकाल सके।



Body:भूमि दलालों पर मेहरबान और गरीबों पर कार्रवाई - रामा सोढ़ी
भाकपा नेता रामा सोढ़ी ने प्रशासन की कार्रवाई की निंदा करते हुए कहा कि गरीबों को लेकर प्रशासन दोहरा मापदंड अपना रही है। जिले में अवैध रूप से राजस्व एयर आबंटित भूमि का दलालों द्वारा बेचा जा रहा है। उन लोगों पर तहसीलदार की मेहरबानी बनी हुई है। श्री सोढ़ी ने बताया कि राजस्व की भूमि में यदि बेजा कब्जा किया गया है तो उन्हें संवैधानिक तरीके से हटाया जा सकता था। प्रशासन पहले कब्जेधारियों को खिलाफ नोटिस जारी करना था उसके बाद कार्रवाई की जानी थी। लेकिन यहां तहसीलदार अपने पॉवर का गलत इस्तेमाल करते हुए गरीबों को बारिश के मौसम में बेघर कर दिया है। उन्होंने तहसीलदार ले खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए गरीबों के लिए घर व्यवस्था करने की बात कही है।


Conclusion:निर्माणधीन मकानों के लिए नोटिस की जरूरत नही - बघेल
सुकमा तहसीलदार आरपी बघेल ने कहा कि राजस्व भूमि पर अविध रूप से कब्जा किये लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। बाढ़ प्रभावितों के विस्तापन हेतु आबंटित भूमि के सवाल पर उन्होंने कहा कि एक भी व्यक्ति बाढ़ प्रभावित नही है। सभी बाहरी है। निर्माणधीन मकानों को हटाने में लिए नोटिस की अव्यस्था नही है।

बाइट 01 : सुचित्रा विश्वास
बाइट 02 : गीता मंडल
बाइट 03 : परितोष
बाइट 04 :रामा सोढ़ी (भाकपा नेता)
बाइट 05 : आरपी बघेल (तहसीलदार, सुकमा)
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