सुकमा: सिलगेर में स्थापित नए कैंप के विरोध में बीते दिनों हुई गोलीबारी में मृतकों के परिजनों, घायल ग्रामीणों और विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात करने शनिवार को सीपीआई की 10 सदस्यीय टीम और सर्व आदिवासी समाज की 15 सदस्यीय टीम सिलगेर पहुंची. जहां कैंप से करीब 1.5 किलोमीटर दूर 24 गांव के करीब 15 हजार ग्रामीण विरोध करने के लिए इकट्ठा हुए थे. विरोध कर रहे ग्रामीणों से मुलाकात कर 17 मई को हुई घटना की आपबीती सुनी. जिसके बाद ग्रामीण रैली निकाल प्रदर्शन करने के लिए कैंप की ओर रवाना हुए.
पूर्व विधायक मनीष कुंजाम ने सीपीआई की ओर से 10 सदस्यीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए ग्रामीणों से बात की. मृतक उरसा भीमा की पत्नी उरसा नंदे ने कहा कि उनके छोटे-छोटे बच्चों का पालन-पोषण अब कौन और कैसे करेगा. ग्रामीणों ने कुंजाम हूगा निवासी इककुमपारा के सिर के पास से गोली गुजरने से घायल होने, माड़वी कोसी का हाथ टूटने और 17 वर्षीय पुनेम सोना निवासी कोंडापल्ली से कैंप में मारपीट के साथ बासागुड़ा ले जाकर मारपीट करने का आरोप लगाया.
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'हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज करें जांच'
मनीष कुंजाम ने कहा कि ग्रामीण निहत्थे विरोध कर रहे हैं, जो कि उनका संवैधानिक अधिकार है. उसके बावजूद सुरक्षा बलों ने ग्रामीणों पर गोलीबारी की जो कि जांच का विषय है. हम शांतिपूर्वक विरोध का समर्थन करते हैं. हम मांग करते हैं कि मामले की हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनी टीम से जांच हो.
राज्यपाल से मांग किए जाने की कही बात
सर्व आदिवासी समाज के प्रदेश उपाध्यक्ष प्रकाश ठाकुर ने भी ग्रामीणों से मुलाकात की. मृतकों के परिजनों एवं घायलों का बयान लेकर जांच रिपोर्ट राज्यपाल को सौंपे जाने की बात कही. घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में बनी टीम से कराने की मांग किए जाने की भी बात कही.