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अडानी ग्रुप पर मेहरबान भूपेश सरकार : मनीष कुंजाम

भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार पर जनता से किए गए वादों को पूरा न करने का आरोप लगाया है. इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन भी सौपा है.

भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा
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Published : Oct 29, 2019, 8:14 PM IST

Updated : Oct 29, 2019, 8:53 PM IST

सुकमा : भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाकपा ने ये प्रदर्शन किसानों, युवाओं और जेल में बंद आदिवासियों से किए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए किया है. इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा.

भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा

पढ़ें : कलेक्टर के घर चोरी पर बोले गृहमंत्री- 'विभाग हर व्यक्ति के पीछे पुलिस नहीं लगा सकता'

भाकपा के पूर्व विधायक और आदिवासी नेता मनीष कुंजाम ने भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 'सरकार ने चुनाव से पहले क्षेत्र की जनता से कई वादे किये थे. इनमें प्रमुख वादा था जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को सरकार बनने के तीन महीने में ही रिहा किया जाएगा, लेकिन सरकार बने करीब दस महीने बीत गए हैं और अब तक एक भी आदिवासी रिहा नहीं हो पाया है. इसी तरह सरकार ने ये भी वादा किया था कि यदि किसी बेरोजगार को नौकरी नहीं दे पाए तो उन्हें प्रति माह 2 हजार 500 रूपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है.'

अडानी ग्रुप के मामले ने कांग्रेस ने साधी चुप्पी

भाकपा ने सरकार पर अडानी ग्रुप को बैलाडिला मे कोल माइन में खनन के लिए लीज में देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता अडानी को बस्तर में घुसने नहीं देने की बात करते थे, लेकिन अब अडानी से इतना प्रेम हो गया कि बैलाडिला के 13 नंबर डिपाजिट को आडानी ग्रुप को लीज देने के पक्ष में काम कर रहे हैं. जबकि पूरे बस्तर में पेशा कानून लागू है और यहां बगैर ग्रामसभा के किसी भी तरह की कार्रवाई असंभव है. बगैर ग्रामसभा के ही अडानी ग्रुप को कोल माइन खनन की लीज दे दी गई. जांच के बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की है लेकिन सरकार लगातार चुप्पी साधे बैठी है. '

सुकमा : भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. भाकपा ने ये प्रदर्शन किसानों, युवाओं और जेल में बंद आदिवासियों से किए वादों को पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए किया है. इस दौरान पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन रैली निकालकर मुख्यमंत्री के नाम तहसीलदार को ज्ञापन सौपा.

भारतीय कम्यूनिष्ट पार्टी ने भूपेश सरकार के खिलाफ मोर्चा

पढ़ें : कलेक्टर के घर चोरी पर बोले गृहमंत्री- 'विभाग हर व्यक्ति के पीछे पुलिस नहीं लगा सकता'

भाकपा के पूर्व विधायक और आदिवासी नेता मनीष कुंजाम ने भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि 'सरकार ने चुनाव से पहले क्षेत्र की जनता से कई वादे किये थे. इनमें प्रमुख वादा था जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को सरकार बनने के तीन महीने में ही रिहा किया जाएगा, लेकिन सरकार बने करीब दस महीने बीत गए हैं और अब तक एक भी आदिवासी रिहा नहीं हो पाया है. इसी तरह सरकार ने ये भी वादा किया था कि यदि किसी बेरोजगार को नौकरी नहीं दे पाए तो उन्हें प्रति माह 2 हजार 500 रूपए बेरोजगारी भत्ता दिया जाएगा. जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है.'

अडानी ग्रुप के मामले ने कांग्रेस ने साधी चुप्पी

भाकपा ने सरकार पर अडानी ग्रुप को बैलाडिला मे कोल माइन में खनन के लिए लीज में देने का आरोप लगाते हुए कहा कि 'चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता अडानी को बस्तर में घुसने नहीं देने की बात करते थे, लेकिन अब अडानी से इतना प्रेम हो गया कि बैलाडिला के 13 नंबर डिपाजिट को आडानी ग्रुप को लीज देने के पक्ष में काम कर रहे हैं. जबकि पूरे बस्तर में पेशा कानून लागू है और यहां बगैर ग्रामसभा के किसी भी तरह की कार्रवाई असंभव है. बगैर ग्रामसभा के ही अडानी ग्रुप को कोल माइन खनन की लीज दे दी गई. जांच के बाद ग्रामीणों ने इसकी शिकायत भी की है लेकिन सरकार लगातार चुप्पी साधे बैठी है. '

Intro:भूपेश सरकार की वादाखिलाफी के विरोध में सीपीआई ने किया धरना—प्रदर्शन

सुकमा. छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार के खिलाफ किसानों, युवाओं और जेल में बंद आदिवासियों से किये गये वादे पूरा नहीं करने का आरोप लगाते हुए भारतीय क्म्यूनिष्ठ पार्टी ने पूरे जिले में धरना प्रदर्शन करने का ऐलान किया था. इसी कड़ी में मंगलवार को दोरनापाल में सीपीआई द्वारा धरना—प्रदर्शन किया गया. इस दौरान प्रदेश सरकार के खिलाफ विशाल रैली का आयेाजन कर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नाम 7 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन तहसीलदार को सौंपा.

Body:भाकपा के पूर्व विधायक व आदिवासी नेता मनीष कुंजाम ने छग की भूपेश सरकार पर वादाखिलाफ का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने चुनाव से पहले क्षेत्र की जनता से कई वादे किये थे. इनमें प्रमुख वादा था जेलों में बंद निर्दोष आदिवासियों को सरकार बनने के तीन माह में हीे रिहा किया जायेगा लेकिन सरकार बने करीब दस माह बीत गये हैं और अब तक एक भी आदिवासी रिहा नहीं हो पाया है. इसी तरह बेरोजगार युवाओं को सरकारी नौकरी देने का वादा किया था सरकार ने यह भी वादा किया था कि यदि किसी बेरोजगार को नौकरी नहीं दे पाये तो उन्हें प्रति माह दो हजार पांच सौ रूपये बेरोजगारी भत्ता दिया जायेगा. जिसे अब तक पूरा नहीं किया गया है.

सरकारी की कथनी और करनी मेंं अंतर
भाकपा नेता मनीष कुंजाम ने कहा कि सरकार चुनाव से पहले कांग्रेस के नेता आडानी को बस्तर में घुसने नहीं देने की बात करते थे लेकिन अब आडानी से इतना प्रेम हो गया कि बैलाडिला के 13 नंबर डिपाजिट को आडानी ग्रुप को लीज देने के पक्ष में काम कर रहे हैं. जबकि पूरे बस्तर में पेशा कानून लागू है और यहां बगैर ग्राम सभा के किसी भी तरह की कार्यवाही असंभव है. बगैर ग्राम सभा के ही आडानी ग्रुप को कोल माईन खनन की लीज दे दी गई. ग्रामीणों ने जांच मेंं इसे सही ठहराया भी है. इसके बावजूद कांग्रेसी चुप्पी साधे बैठे हैं. Conclusion:बाइट: मनीष कुंजाम, पूर्व विधायक
Last Updated : Oct 29, 2019, 8:53 PM IST
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