जगदलपुर: बस्तर आईजी ने 21 मार्च को सुकमा जिले के मिनपा में हुए मुठभेड़ में 23 नक्सलियों के मारे जाने का खुलासा किया है. मिनपा में बड़ी संख्या में नक्सलियों की मौजूदगी की सूचना पर डीआरजी, एसटीएफ और सीआरपीएफ की संयुक्त पार्टी को ऑपरेशन के लिए उतारा गया था. नक्सलियों को घेरने गई पार्टी उनके ही एम्बुश में फंस गई थी और दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई. इस मुठभेड़ में 17 जवान शहीद हुए थे. बस्तर आईजी ने जवानों के बयान के आधार पर 10 से अधिक नक्सलियों के मारे जाने का दावा किया था.
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मुठभेड़ के कुछ दिनों बाद ही नक्सलियों ने विज्ञप्ति जारी कर अपने 3 साथियों के मारे जाने की जानकारी दी और जवानों से लूटे हथियारों की फोटो भी जारी की थी. घटना के 7 महीने बाद आईजी ने नया खुलासा किया है. 2 दिन पहले सुकमा जिले के ही एटापाड़ में जवानों ने नक्सलियों के कैंप पर हमला कर उनका सामान बरामद किए था, जिसमें नक्सलियों के साहित्य और कई दस्तावेज भी मिले थे. गोंडी भाषा मे लिखे हुए दस्तावेजों में एक पत्र भी मिला है, जिसे दक्षिण बस्तर डिवीजन के एक बड़े नक्सली ने सम्भवतः सुजाता को लिखा है.
कुल 38 नक्सलियों के मारे जाने की सूचना
पत्र में नक्सली ने लॉकडाउन की वजह से खाना और पानी के साथ ही सामानों की आपूर्ति में आ रही समस्याओं का जिक्र करते हुए संगठन की खराब स्थिति की जानकारी दी है, साथ ही मीनपा मुठभेड़ में अपने 23 साथियों के मारे जाने की जानकारी देते हुए बताया है कि जगरगुंडा एरिया कमेटी से 12 और पश्चिम एरिया कमेटी से 11 नक्सलियों के मारे जाने की जानकारी है. इसके अलावा दक्षिण बस्तर और दरभा डिवीजन में अलग-अलग मुठभेड़ों 38 नक्सलियों के मारे जाने से बड़ा नुकसान होने का जिक्र करते हुए लिखा गया है कि लगातार हो रहे नुकसान के कारण संगठन में नए सदस्य जुड़ने को तैयार नहीं हो रहे फिर भी वे लगातार कोशिश कर रहे हैं.