सुकमा: नक्सल उन्मूलन अभियान के तहत सुकमा पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. राज्य शासन की पुनर्वास नीति से प्रभावित होकर नौ नक्सलियों ने मुख्यधारा से जुड़ने का फैसला लिया है. इन नक्सलियों में दस लाख का इनामी नक्सली गुड्डू कृष्णा उर्फ बदरू भी शामिल है, जो 2009 में घटित मदनवाड़ा घटना में शामिल रह चुका है. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में एक दंपति भी शामिल है. सुकमा ASP सिद्धार्थ तिवारी ने नक्सलियों के सरेंडर की पुष्टि की है.
एएसपी ने बताया कि सभी आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत और पुनर्वास योजना के अनुसार सहायता प्रदान की जाएगी.
कई बड़ी घटनाओं को दिया अंजाम
गुड्डू कृष्णा उर्फ बदरू साल 2001 में नक्सली संगठन में शामिल हुआ था. साल 2009 में राजनांदगांव के मदनवाड़ा एंबुश में शामिल था. इस घटना में एसपी चौबे समेत 22 जवान शहीद हुए थे. इसके अलावा माचकोट एलजीएस डिप्टी कमांडर मड़कम बोटी पर तीन लाख का इनाम है. मड़कम बोटी 2010 में नक्सली संगठन में शामिल होकर अब तक कार्य कर रहा था. इस दौरान चांदामेटा मुठभेड़, तहाकवाड़ा एम्बुश, माचकोट गुड़िया चौक केनल्स बम ब्लास्ट और डोंडीपदर में आईईडी ब्लास्ट की घटना में शामिल था.
नक्सली विचारधारा से तंग आकर किया समर्पण
आत्मसमर्पित नक्सलियों के कंपनी नंबर 4 कमांडर गुड्डू कृष्णा उर्फ बदरू(10 लाख), कंपनी नंबर 7 के प्लाट नंबर 3 के डिप्टी कमांडर कुंजाम हिड़मा, सीसी साकेत दादा प्रोटेक्शन टीम सदस्य कुंजामी बुधरा और मोड़कम सनी, माचकोट एलजीएस डिप्टी कमांडर मड़कम बोटी (3 लाख), केरलापाल एरिया कमेंट सदस्य पोडियम हूंगा, जनताना सरकार अध्यक्ष चिंतक़गुफ़ा आरपीसी पोडियाम लछु, एरिया मिलिशिया कमांडर सदस्त कवासी हिड़मा और पोलमपल्ली एलओएस सदस्य मड़कम मुके (एक लाख) ने नक्सली विचारधारा से तंग आकर समर्पण किया है.