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सरगुजा निगम के वार्ड 46 का दो इलाका अब गांव गणराज्य, ग्रामीण बोले-बिना हमारी मर्जी हस्तक्षेप नहीं कर पाएगा शासन-प्रशासन - Surguja Municipal Corporation latest news

Two areas of Ward 46 of Surguja Corporation now Village Republic : सरगुजा जिले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी क्षेत्र के लोगों ने खुद को नगर निगम से अलग कर ग्राम पंचायतवासी घोषित कर दिया है. जानिये पूरा मामला...

Two areas of Ward 46 of Surguja Corporation now Village Republic
सरगुजा निगम के वार्ड 46 का दो इलाका अब गांव गणराज्य
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Published : Mar 17, 2022, 10:00 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : सरगुजा जिले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी क्षेत्र के लोगों ने खुद को नगर निगम से अलग कर ग्राम पंचायतवासी घोषित कर दिया है. संविधान में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए शहर के वार्ड 46 के लोगों ने अपने क्षेत्र चाऊरपारा व हुंडरालता (Surguja Chaurpara and Hunderlata Gram Panchayat declared) को ग्राम पंचायत घोषित कर दिया है. साथ ही पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार के कार्यकारिणी मंत्रि मंडल का भी गठन कर लिया है. गांव गणराज्य सरकार का गठन करने के बाद आज दोनों गांव के ग्रामीण कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को इसकी सूचना देने पहुंचे थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गांव में उनकी मर्जी के बिना शासन प्रशासन भी अब हस्तक्षेप नहीं कर पायेगा.

नगर निगम के वार्ड 46 के हैं दोनों इलाके
दरअसल नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 46 संत गहिरा गुरु वार्ड अंतर्गत चाऊरपारा व हुंडरालता का इलाका आता है. दोनों क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग आज कलेक्टर के पास पहुंचे थे. ग्रामीणों का कहना था कि वे बीते 20-22 वर्षों से नगर निगम के अधीन थे, लेकिन ये दोनों क्षेत्र पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र है. निगम के अधीन रहते हुए उनके क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा की गई है. उन्हें संविधान में दिये गए अधिकारों का धरातल पर लाभ नहीं मिला. इस लिए चाऊरपारा व हुंडरालता के ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र को नगर निगम से अलग कर संविधान में किये गए प्रावधान 244 (1) व 13 (3) (क) के तहत पारंपरिक ग्राम सभा का गठन कर लिया है.

यह भी पढ़ें : India First Garbage Cafe in Ambikapur : जानिये देश के पहले गार्बेज कैफे की सच्चाई, क्या इसे बंद करने का ख्याल उचित ?

ग्राम सभा बुलाकर गांव गणराज्य सरकार का किया गठन
नाराज चाऊरपारा व हुंडरालता के ग्रामीणों ने ग्राम सभा बुलाकर 6 फरवरी को अपने गांव को पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार का गठन कर दिया है. गांव गणराज्य घोषित करने के साथ ही ग्रामीणों ने अब यहां अपनी सरकार व कार्यकारिणी मंत्रिमंडल का गठन भी कर लिया है. सर्व आदिवासी समाज के तरुण कुमार भगत ने बताया कि गांव गणराज्य सरकार का गठन होने के बाद अब दोनों गांव में सम्पूर्ण निर्णय व विकास के कार्य ग्राम सभा की मर्जी से ही किये जाएंगे. इसके साथ ही अब उन्हें गांव में शासन-प्रशासन का हस्तक्षेप भी बर्दाश्त नहीं है.

नगर निगम से वापस लेंगे टैक्स
आज कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि निगम क्षेत्र में रहने पर हमेशा उनकी उपेक्षा की गई. ग्रामीण देव प्रसाद खलखो ने बताया कि निगम सरकार व प्रशासन ने उनसे हमेशा टैक्स लिया, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया. गांव की सड़कें जर्जर हैं. बिजली जाने पर 15 दिनों तक सुधार कार्य नहीं होता. पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में ग्रामीण जेल से निकलने वाले गंदे पानी का उपयोग निस्तार के लिए करते आ रहे हैं. निगम की उपेक्षा से परेशान होकर इन लोगों ने यह निर्णय लिया है. निगम सरकार को उन्हें जमा किया गया टैक्स भी जोड़कर वापस करना होगा.

यह भी पढ़ें : एक ही शहर में 2 आदेश: अंबिकापुर में चौपाटी व्यवसायियों के साथ प्रशासन का सौतेला व्यवहार

कार्यकारिणी भी कर ली गठित
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपनी कार्यकारिणी भी घोषित कर ली है. इसमें ग्राम चाऊरपारा में ग्राम बेल गुड्डा केरकेट्टा, ग्राम देवान संतोष केरकेट्टा, ग्राम उप देवान राम टोप्पो, ग्राम रकम उर्बस गोवर्धन खलखो, ग्राम बैगा बैजनाथ एक्का, ग्राम कहतो लाल साय केरकेट्टा, ग्राम कोटवार बदन एक्का, ग्राम पंच अमर साय एक्का, केंदला एक्का, बृजलाल एक्का, राम प्रसाद एक्का, रजन केरकेट्टा को घोषित किया है. इसके साथ ही गांव में शिक्षा व खेल मंत्री, ग्राम विकास मंत्री, व्यवस्था एवं वाणिज्य मंत्री, वन एवं खनिज मंत्री सहित अनेकों पदों पर ग्रामीणों का सर्वसम्मति से चयन किया गया है.

गांव के विकास की बनाई ऐसी योजना
ग्रामीणों ने न सिर्फ अपने पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार का गठन किया, बल्कि इसके विकास की योजना भी बनाई है. गांव में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए फीस के बदले श्रम दान कर स्कूलों का निर्माण किया जाएगा. ग्रामीणों ने अपने पंचायत विकास प्रबंधन के लिए पंचायत में आने वाली सभी शासकीय योजनाओं की समीक्षा करने व गांव की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम अर्थव्यवस्था कोष का निर्माण करने की योजना बनाई है. खेती व लघु वनोपज, मत्स्य व बकरी पालन जैसे कार्य को प्रोत्साहन देने की बात ग्रामीणों ने की है. ग्रामीण गांव के लोगों को ईंट, गिट्टी, रेत, जलाऊ लकड़ी, शासकीय व वन भूमि में निवास की अनुमति देंगे. गांव गणराज्य सरकार लोगों को आय, जाति, निवास, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने के साथ ही अन्य कार्य करेगी.

सरगुजा : सरगुजा जिले के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब किसी क्षेत्र के लोगों ने खुद को नगर निगम से अलग कर ग्राम पंचायतवासी घोषित कर दिया है. संविधान में प्रदत्त अधिकारों का प्रयोग करते हुए शहर के वार्ड 46 के लोगों ने अपने क्षेत्र चाऊरपारा व हुंडरालता (Surguja Chaurpara and Hunderlata Gram Panchayat declared) को ग्राम पंचायत घोषित कर दिया है. साथ ही पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार के कार्यकारिणी मंत्रि मंडल का भी गठन कर लिया है. गांव गणराज्य सरकार का गठन करने के बाद आज दोनों गांव के ग्रामीण कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को इसकी सूचना देने पहुंचे थे. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि गांव में उनकी मर्जी के बिना शासन प्रशासन भी अब हस्तक्षेप नहीं कर पायेगा.

नगर निगम के वार्ड 46 के हैं दोनों इलाके
दरअसल नगर निगम क्षेत्र के वार्ड 46 संत गहिरा गुरु वार्ड अंतर्गत चाऊरपारा व हुंडरालता का इलाका आता है. दोनों क्षेत्रों से बड़ी संख्या में लोग आज कलेक्टर के पास पहुंचे थे. ग्रामीणों का कहना था कि वे बीते 20-22 वर्षों से नगर निगम के अधीन थे, लेकिन ये दोनों क्षेत्र पांचवीं अनुसूचित क्षेत्र है. निगम के अधीन रहते हुए उनके क्षेत्र की हमेशा उपेक्षा की गई है. उन्हें संविधान में दिये गए अधिकारों का धरातल पर लाभ नहीं मिला. इस लिए चाऊरपारा व हुंडरालता के ग्रामीणों ने अपने क्षेत्र को नगर निगम से अलग कर संविधान में किये गए प्रावधान 244 (1) व 13 (3) (क) के तहत पारंपरिक ग्राम सभा का गठन कर लिया है.

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ग्राम सभा बुलाकर गांव गणराज्य सरकार का किया गठन
नाराज चाऊरपारा व हुंडरालता के ग्रामीणों ने ग्राम सभा बुलाकर 6 फरवरी को अपने गांव को पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार का गठन कर दिया है. गांव गणराज्य घोषित करने के साथ ही ग्रामीणों ने अब यहां अपनी सरकार व कार्यकारिणी मंत्रिमंडल का गठन भी कर लिया है. सर्व आदिवासी समाज के तरुण कुमार भगत ने बताया कि गांव गणराज्य सरकार का गठन होने के बाद अब दोनों गांव में सम्पूर्ण निर्णय व विकास के कार्य ग्राम सभा की मर्जी से ही किये जाएंगे. इसके साथ ही अब उन्हें गांव में शासन-प्रशासन का हस्तक्षेप भी बर्दाश्त नहीं है.

नगर निगम से वापस लेंगे टैक्स
आज कलेक्टर के माध्यम से राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने पहुंचे ग्रामीणों का कहना था कि निगम क्षेत्र में रहने पर हमेशा उनकी उपेक्षा की गई. ग्रामीण देव प्रसाद खलखो ने बताया कि निगम सरकार व प्रशासन ने उनसे हमेशा टैक्स लिया, लेकिन सुविधा के नाम पर कुछ भी नहीं दिया. गांव की सड़कें जर्जर हैं. बिजली जाने पर 15 दिनों तक सुधार कार्य नहीं होता. पेयजल के लिए कोई व्यवस्था नहीं है. ऐसे में ग्रामीण जेल से निकलने वाले गंदे पानी का उपयोग निस्तार के लिए करते आ रहे हैं. निगम की उपेक्षा से परेशान होकर इन लोगों ने यह निर्णय लिया है. निगम सरकार को उन्हें जमा किया गया टैक्स भी जोड़कर वापस करना होगा.

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कार्यकारिणी भी कर ली गठित
ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने अपनी कार्यकारिणी भी घोषित कर ली है. इसमें ग्राम चाऊरपारा में ग्राम बेल गुड्डा केरकेट्टा, ग्राम देवान संतोष केरकेट्टा, ग्राम उप देवान राम टोप्पो, ग्राम रकम उर्बस गोवर्धन खलखो, ग्राम बैगा बैजनाथ एक्का, ग्राम कहतो लाल साय केरकेट्टा, ग्राम कोटवार बदन एक्का, ग्राम पंच अमर साय एक्का, केंदला एक्का, बृजलाल एक्का, राम प्रसाद एक्का, रजन केरकेट्टा को घोषित किया है. इसके साथ ही गांव में शिक्षा व खेल मंत्री, ग्राम विकास मंत्री, व्यवस्था एवं वाणिज्य मंत्री, वन एवं खनिज मंत्री सहित अनेकों पदों पर ग्रामीणों का सर्वसम्मति से चयन किया गया है.

गांव के विकास की बनाई ऐसी योजना
ग्रामीणों ने न सिर्फ अपने पारंपरिक गांव गणराज्य सरकार का गठन किया, बल्कि इसके विकास की योजना भी बनाई है. गांव में शिक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए फीस के बदले श्रम दान कर स्कूलों का निर्माण किया जाएगा. ग्रामीणों ने अपने पंचायत विकास प्रबंधन के लिए पंचायत में आने वाली सभी शासकीय योजनाओं की समीक्षा करने व गांव की अर्थ व्यवस्था को मजबूत करने के लिए ग्राम अर्थव्यवस्था कोष का निर्माण करने की योजना बनाई है. खेती व लघु वनोपज, मत्स्य व बकरी पालन जैसे कार्य को प्रोत्साहन देने की बात ग्रामीणों ने की है. ग्रामीण गांव के लोगों को ईंट, गिट्टी, रेत, जलाऊ लकड़ी, शासकीय व वन भूमि में निवास की अनुमति देंगे. गांव गणराज्य सरकार लोगों को आय, जाति, निवास, जन्म मृत्यु प्रमाण पत्र देने के साथ ही अन्य कार्य करेगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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