सरगुजा: अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डीन और कलेक्टर के बीच हुए कथित विवाद का मामला तूल पकड़ चुका है. डीन से हुए विवाद और फिर उनके तबादले के बाद अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के डाक्टर्स ने 13 नवंबर को विरोध स्वरूप काली पट्टी बांध कर काम करने का निर्णय लिया है.
गौरतलब है कि कुछ ही दिन पहले जिला खनिज न्यास की बैठक आयोजित हुई थी. जिसके बाद मेडिकल कॉलेज के डाक्टर्स को डीएमएफ मद से सैलरी दिए जाने की बात को लेकर सरगुजा कलेक्टर सारांश मित्तर और तत्कालीन डीन डॉ विष्णु दत्त के बीच अनबन की बात सामने आई थी.
लिहाजा एक-दो दिन में डीन विष्णु दत्त का तबादला हो गया. जिसको लेकर डाक्टर्स की प्रदेश स्तरीय संगठन के अह्वान पर 13 नवंबर को मेडिकल कॉलेज के सभी चिकित्सक काली पट्टी बांध कर विरोध प्रदर्शन करेंगे. इधर इस मसले को लेकर प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने अपने तेवर स्पष्ट करते हुए मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के बदइंतजामी के लिए तत्कालीन डीन को जिम्मेदार ठहराया है.
सिंहदेव ने डीन को ठहराया जिम्मेदार
मंत्री ने कहा कि, 'मीडिया के माध्यम से ही मुझे पता चलता था की मेडिकल कालेज में मवेशी बैठे हैं. बार बार ऐसी जानकारी मिलती थी कि मरीजों को स्ट्रेचर नहीं मिलता है. ये मेडिकल कॉलेज नर्सों की भर्ती नहीं कर सका, पिछला वर्ष जीरो ईयर हो गया.'
सिंहदेव ने जिस तरह से मेडिकल कालेज की कमियों को एक तरफ से खुद गिनाया उससे एक बात तो साफ है कि मेडिकल कॉलेज में लगातार हो रही लापरवाहियों की वजह से मंत्री सिंहदेव इतने दिन खमोश थे. लेकिन शायद अब पानी उनके भी सिर के ऊपर से निकल चुका था, लिहाजा इन सब के जिम्मेदार डीन का ट्रांसफर कर दिया गया, लेकिन ट्रांसफर के बाद से ही अब डीन मेडिकल एसोसिएशन का सहारा लेकर सरगुजा कलेक्टर को टारगेट कर मामले को नया ही मोड़ दे चुके हैं.