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राज्योत्सव में दिखी कांग्रेस की गुटबाजी, मंच से नदारद रहा सिंहदेव खेमा

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Published : Nov 1, 2021, 9:37 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

छत्तीसगढ़ कांग्रेस में लंबे समय से चल रहा विवाद सरगुजा में राज्योत्सव (Rajyotsava Celebrations in Surguja) जैसे बड़े आयोजन में भी देखने को मिल गया. इसमें सिंहदेव खेमे के समर्थक मंच से नदारद देखे गए.

Singhdev camp was absent from the stage of Rajyotsava
राज्योत्सव के मंच से नदारद रहा सिंहदेव खेमा

सरगुजा : प्रदेश कांग्रेस में लंबे समय से चला आ रहा विवाद प्रदेश के सबसे बड़े आयोजन में भी देखने को मिल गया. राज्योत्सव (State Festival) के मंच पर कांग्रेस सरकार की गुटबाजी दिख गई. कार्यक्रम में आमंत्रित मंत्री व विधायक कार्यक्रम में पहुंचे ही नहीं. सरगुजा संभाग मुख्यालय के समारोह के मुख्य अतिथि मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल (Manendragarh MLA Vinay Jaiswal) थे. जबकि सीनियर विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों को प्रोटोकॉल में नीचे रखा गया था. सिंहदेव खेमे के समर्थक राज्योत्सव के मंच से गायब दिखे. आमंत्रित अतिथियों में सिर्फ मुख्य अतिथि विनय जायसवाल और खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ही पहुंचे. आयोजन में बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली ही दिखीं.

राज्योत्सव में कांग्रेस की गुटबाजी

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 21 साल होने पर हर साल की तरह इस साल भी सरगुजा में समारोह का आयोजन किया गया. लेकिन आयोजन में अतिथियों की सूची ने सबको हैरत में डाल दिया. क्योंकि पहली बार विधायक बने मनेन्द्रगढ़ विधायक का नाम इस सूची में मुख्यातिथि के रूप में लिखा गया और कई सीनियर जनप्रतिनिधियों का नाम इनसे नीचे लिखा गया. इस सूची के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों का अपमान होने की बात सामने आ सकती है. भाजपा ने प्रशासन के इस बर्ताव को गलत बताया है. प्रशासन के प्रोटोकॉल के अनुसार जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर. विधायक से वरिष्ठ होते हैं, लेकिन इन सबको समारोह में उचित सम्मान नहीं दिया गया. इस मामले में भाजपा नेता प्रबोध मिंज ने इसे आदिवासियों और वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री की आपसी लड़ाई से भी इस मामले को जोड़ा है.

भूपेश बघेल के खास हैं विनय जायसवाल

मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल भूपेश बघेल खेमे के माने जाते हैं. मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही विधायकों की दिल्ली दौड़ में भी विनय जायसवाल सबसे आगे नजर आ रहे थे, और उन्हें जिले के आयोजन में मुख्यातिथि बनाकर भेजना कहीं ना कहीं सिंहदेव समर्थक विधायकों और जनप्रतिनिधियों के अपमान करने का प्रयास माना जा रहा है. भाजपा ने तो विनय जायसवाल को आयातीत मुख्यातिथि तक कह दिया.

राज्योत्सव के दौरान श्रेय लेने की होड़ में जुटे सीएम बघेल और नेता प्रतिपक्ष कौशिक

अब इस पूरे मामले में जिला कांग्रेस समेत पूरे जनप्रतिनिधियों के गायब रहने के पीछे की जो वजह सामने आ रही है वो वरिष्ठ और कनिष्ठ के प्रोटोकॉल से जुड़ा दिख रहा है. क्योंकि अंबिकापुर विधायक व मंत्री टीएस सिंहदेव व सीतापुर विधायक व मंत्री अमरजीत भगत तो राज्य के समारोह में शामिल थे. लेकिन इनके बाद भी जिले की लुंड्रा विधानसभा से आदिवासी विधायक डॉ प्रीतम राम हैं. जो 2 बार के विधायक हैं. महिला, आदिवासी जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह हैं. अंबिकापुर नगर निगम से आदिवासी मेयर डॉ अजय तिर्की हैं, इस समारोह में इन सबको विनय जायसवाल के मुख्यातिथि वाले समारोह में उनसे नीचे बैठना था. इसके आलवा कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद, औषधी पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल को प्रशासन ने अतिथियों की सूची में शामिल किया था. लेकिन इनमें से एक भी जनप्रतिनिधि या मंडल आयोग के नेता समारोह में नहीं पहुंचे, सिर्फ खाद्य आयोग में अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ही कार्यक्रम में आये, ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि गुरप्रीत सिंह बाबरा मंत्री अमरजीत भगत के करीबी हैं.

आयोजन में नहीं दिखे NSUI नेता और कार्यकर्ता
आयोजन के दौरान बड़ी बात यह रही कि आम तौर पर किसी भी प्रशानिक आयोजन में कांग्रेस, युवक कांग्रेस और NSUI के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ इतनी रहती थी कि कुर्सियां कम पड़ जाती थी. लेकिन इस आयोजन में जिले की पूरी कांग्रेस गायब रही. 2-4 लोगों के अलावा एक भी कार्यकर्ता समारोह में नहीं दिखा.

'सब नजरिए की बात'

इस मामले में सरगुजा कांग्रेस की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है. सभी नेता शहर में नहीं होने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल का कहना है कि 'ये तो मेरा सौभाग्य है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने सरगुजा में मुझे मौका दिया है, ये नजरिया की बात है कि किसको क्या दिखता. आपको कांग्रेस में गुटबाजी दिखता है हमको लगता है पार्टी इतनी बड़ी है की यहां लोग संघर्ष शील हैं. आगे बढ़ने के लिये और कांग्रेस में ऐसे सभी साथियों का स्वागत हैं. प्रीतम राम हमारे वरिष्ठ साथी हैं. मुझे नहीं लगता कि उनका इस तरह का कोई बयान आया होगा. हो सकता है प्रोटोकॉल में जो लोग हैं वो कहीं बिजी हो, लेकिन गुटबाजी जैसी कोई बात नहीं है'.

सरगुजा में कांग्रेस भले ही बयानबाजी से बच रही हो. विधायक विनय का कहना है कि सब ठीक है. प्रोटोकॉल के अथिति कहीं बिजी होंगे. लेकिन एक सवाल अब भी खड़ा है कि क्या सारे जनप्रतिनिधि, सारे कांग्रेसी, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नेता एक ही दिन व्यस्त हो गए.

सरगुजा : प्रदेश कांग्रेस में लंबे समय से चला आ रहा विवाद प्रदेश के सबसे बड़े आयोजन में भी देखने को मिल गया. राज्योत्सव (State Festival) के मंच पर कांग्रेस सरकार की गुटबाजी दिख गई. कार्यक्रम में आमंत्रित मंत्री व विधायक कार्यक्रम में पहुंचे ही नहीं. सरगुजा संभाग मुख्यालय के समारोह के मुख्य अतिथि मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल (Manendragarh MLA Vinay Jaiswal) थे. जबकि सीनियर विधायकों और कैबिनेट मंत्रियों को प्रोटोकॉल में नीचे रखा गया था. सिंहदेव खेमे के समर्थक राज्योत्सव के मंच से गायब दिखे. आमंत्रित अतिथियों में सिर्फ मुख्य अतिथि विनय जायसवाल और खाद्य आयोग के अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ही पहुंचे. आयोजन में बड़ी संख्या में कुर्सियां खाली ही दिखीं.

राज्योत्सव में कांग्रेस की गुटबाजी

छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 21 साल होने पर हर साल की तरह इस साल भी सरगुजा में समारोह का आयोजन किया गया. लेकिन आयोजन में अतिथियों की सूची ने सबको हैरत में डाल दिया. क्योंकि पहली बार विधायक बने मनेन्द्रगढ़ विधायक का नाम इस सूची में मुख्यातिथि के रूप में लिखा गया और कई सीनियर जनप्रतिनिधियों का नाम इनसे नीचे लिखा गया. इस सूची के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों का अपमान होने की बात सामने आ सकती है. भाजपा ने प्रशासन के इस बर्ताव को गलत बताया है. प्रशासन के प्रोटोकॉल के अनुसार जिले में जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम के मेयर. विधायक से वरिष्ठ होते हैं, लेकिन इन सबको समारोह में उचित सम्मान नहीं दिया गया. इस मामले में भाजपा नेता प्रबोध मिंज ने इसे आदिवासियों और वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों का अपमान बताया है. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Bhupesh Baghel) और स्वास्थ्य मंत्री की आपसी लड़ाई से भी इस मामले को जोड़ा है.

भूपेश बघेल के खास हैं विनय जायसवाल

मनेन्द्रगढ़ विधायक विनय जायसवाल भूपेश बघेल खेमे के माने जाते हैं. मुख्यमंत्री की कुर्सी को लेकर चल रही विधायकों की दिल्ली दौड़ में भी विनय जायसवाल सबसे आगे नजर आ रहे थे, और उन्हें जिले के आयोजन में मुख्यातिथि बनाकर भेजना कहीं ना कहीं सिंहदेव समर्थक विधायकों और जनप्रतिनिधियों के अपमान करने का प्रयास माना जा रहा है. भाजपा ने तो विनय जायसवाल को आयातीत मुख्यातिथि तक कह दिया.

राज्योत्सव के दौरान श्रेय लेने की होड़ में जुटे सीएम बघेल और नेता प्रतिपक्ष कौशिक

अब इस पूरे मामले में जिला कांग्रेस समेत पूरे जनप्रतिनिधियों के गायब रहने के पीछे की जो वजह सामने आ रही है वो वरिष्ठ और कनिष्ठ के प्रोटोकॉल से जुड़ा दिख रहा है. क्योंकि अंबिकापुर विधायक व मंत्री टीएस सिंहदेव व सीतापुर विधायक व मंत्री अमरजीत भगत तो राज्य के समारोह में शामिल थे. लेकिन इनके बाद भी जिले की लुंड्रा विधानसभा से आदिवासी विधायक डॉ प्रीतम राम हैं. जो 2 बार के विधायक हैं. महिला, आदिवासी जिला पंचायत अध्यक्ष मधु सिंह हैं. अंबिकापुर नगर निगम से आदिवासी मेयर डॉ अजय तिर्की हैं, इस समारोह में इन सबको विनय जायसवाल के मुख्यातिथि वाले समारोह में उनसे नीचे बैठना था. इसके आलवा कैबिनेट मंत्री का दर्जा प्राप्त श्रम कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष शफी अहमद, औषधी पादप बोर्ड के अध्यक्ष बालकृष्ण पाठक, बीस सूत्रीय कार्यक्रम के उपाध्यक्ष अजय अग्रवाल को प्रशासन ने अतिथियों की सूची में शामिल किया था. लेकिन इनमें से एक भी जनप्रतिनिधि या मंडल आयोग के नेता समारोह में नहीं पहुंचे, सिर्फ खाद्य आयोग में अध्यक्ष गुरप्रीत सिंह बाबरा ही कार्यक्रम में आये, ये बात भी किसी से छिपी नहीं है कि गुरप्रीत सिंह बाबरा मंत्री अमरजीत भगत के करीबी हैं.

आयोजन में नहीं दिखे NSUI नेता और कार्यकर्ता
आयोजन के दौरान बड़ी बात यह रही कि आम तौर पर किसी भी प्रशानिक आयोजन में कांग्रेस, युवक कांग्रेस और NSUI के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भीड़ इतनी रहती थी कि कुर्सियां कम पड़ जाती थी. लेकिन इस आयोजन में जिले की पूरी कांग्रेस गायब रही. 2-4 लोगों के अलावा एक भी कार्यकर्ता समारोह में नहीं दिखा.

'सब नजरिए की बात'

इस मामले में सरगुजा कांग्रेस की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया नहीं दी जा रही है. सभी नेता शहर में नहीं होने की बात कह रहे हैं. कांग्रेस विधायक विनय जायसवाल का कहना है कि 'ये तो मेरा सौभाग्य है कि माननीय मुख्यमंत्री जी ने सरगुजा में मुझे मौका दिया है, ये नजरिया की बात है कि किसको क्या दिखता. आपको कांग्रेस में गुटबाजी दिखता है हमको लगता है पार्टी इतनी बड़ी है की यहां लोग संघर्ष शील हैं. आगे बढ़ने के लिये और कांग्रेस में ऐसे सभी साथियों का स्वागत हैं. प्रीतम राम हमारे वरिष्ठ साथी हैं. मुझे नहीं लगता कि उनका इस तरह का कोई बयान आया होगा. हो सकता है प्रोटोकॉल में जो लोग हैं वो कहीं बिजी हो, लेकिन गुटबाजी जैसी कोई बात नहीं है'.

सरगुजा में कांग्रेस भले ही बयानबाजी से बच रही हो. विधायक विनय का कहना है कि सब ठीक है. प्रोटोकॉल के अथिति कहीं बिजी होंगे. लेकिन एक सवाल अब भी खड़ा है कि क्या सारे जनप्रतिनिधि, सारे कांग्रेसी, कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त नेता एक ही दिन व्यस्त हो गए.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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