ETV Bharat / state

Sarguja Latest news : बॉलीवुड सिंगर विनोद राठौड़ की युवाओं को नसीहत, कंप्यूटराइज गाने की बजाय रीयल संगीत पर करें फोकस

छत्तीसगढ़ में बॉलीवुड के फेमस सिंगर विनोद राठौड़ आए हुए हैं. उनके गानों का हर कोई दीवाना है.उनके गाए हुए गाने आज भी लोगों के जेहन में ताजा है.ऐसे में ईटीवी भारत ने सिंगर विनोद राठौड़ से खास बातचीत की.

Singer Vinod Rathore on Etv Bharat
Etv भारत पर सिंगर विनोद राठौड़
author img

By

Published : Jan 18, 2023, 5:45 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

विनोद राठौड़ ने आधुनिक संगीत पर दी राय

सरगुजा : बॉलीवुड के महशूर गायक विनोद राठौड़ से ETV भारत ने खास बातचीत की है. विनोद कोरिया जिले में आयोजित झुमका जल महोत्सव कार्यक्रम के लिये सरगुजा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ETV भारत को दिये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में संगीत से जुड़ी कई अहम बातें कहीं हैं. आइये जानते हैं क्या कहा सिंगर विनोद राठौड़ ने.


सवाल : नये सीखने वालों को क्या शिक्षा देना चाहेंगे?
जवाब : सबसे पहले देखने वालों को मेरा नमस्कार, वैसे मैं किसी से नाराज नहीं हूं. किसी भी चीज से क्योंकि मैं किसी को सुनता नही हूं ना किसी की बात मानता हूं. मैं वही करता हूं जो मुझे अच्छा लगता है. बाहर क्या हो रहा है इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है. इट्स ए म्यूजिक, इट्स ए 7 सुर, वहीं सात सुरों में रफी साहब गाते थे हम गा रहे हैं हमारे बाद आने वाला जेनरेशन गाएगा, संगीत अच्छा होना चाहिये बस, शब्द अच्छे होने चाहिए फिल्में अच्छी बनेगी तो गाने अच्छे बनेंगे ही बनेंगे.


सवाल : हम सब आपके कई गानों के फैन हैं आपको अपना कौन सा गाना बेहद पसंद है?
जवाब : फिल्म प्रेम ग्रंथ "दिल देने की रुत आई दिल लेने की रुत आई", उसके बाद "छुपाना भी नहीं आता", " नायक नहीं खलनायक हूं मैं" लक्ष्मी जी का प्यार है उनका आशीर्वाद है. ये बहुत सुंदर सी बात है. जो लोग एंजॉय करते हैं. इवेंट्स के रियल म्यूजिक तो वो म्यूजिक आज थोड़ा लोग मिस करते हैं. जो मैं अपने शोज में फील करता हूं. जो ऑडियंस का रिस्पॉन्स होता है. मेलोडी है सुंदर शब्द है सुंदर क्वालिटी है तो दिमाग को थोड़ा संभाल कर रखना पड़ता है.



सवाल : लाइव म्यूजिक बजाकर रिकॉर्ड करना और कंप्यूटर से म्यूजिक बनाने में कितना अंतर देखते हैं?
जवाब : अंतर यही है कि आज कल के गाने आपके हार्ट को टच नहीं करते हैं. रीजन ये है कि गाना कम्यूटर बजाता है इससे वो जिंक निकल जाता है. ये वही मामला है जब आप लाइव मैच देखते हैं उस वक्त ऑडियंस की आवाज क्या होती है. आपको क्या एक्साइटमेन्ट होती है.उसी मैच को आप रात को देखते हैं दोबारा तो वो एक्साइटमेंट खत्म हो जाती है. यही इसका साईंटिफिक कारण है.

ये भी पढ़ें- कोरिया के झुमका में जल महोत्सव


सवाल : सरगुजा दोबारा आना हुआ है कैसे लगे यहां के लोग?
जवाब : मेरा बहुत ही पसंदीदा शहर है . मुझे ये एरिया बहुत अच्छा लगता है. छत्तीसगढ़ में पहले फिल्में बनती थी. मैंने काफी फिल्मों में गाया भी है. गाने काफी हिट भी हैं. यहां पर इस लेंग्वेज को काफी मिस करते हैं हम लोग, लेकिन जब यहां आता हूं बहुत मजा आता है.

विनोद राठौड़ ने आधुनिक संगीत पर दी राय

सरगुजा : बॉलीवुड के महशूर गायक विनोद राठौड़ से ETV भारत ने खास बातचीत की है. विनोद कोरिया जिले में आयोजित झुमका जल महोत्सव कार्यक्रम के लिये सरगुजा पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने ETV भारत को दिये एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में संगीत से जुड़ी कई अहम बातें कहीं हैं. आइये जानते हैं क्या कहा सिंगर विनोद राठौड़ ने.


सवाल : नये सीखने वालों को क्या शिक्षा देना चाहेंगे?
जवाब : सबसे पहले देखने वालों को मेरा नमस्कार, वैसे मैं किसी से नाराज नहीं हूं. किसी भी चीज से क्योंकि मैं किसी को सुनता नही हूं ना किसी की बात मानता हूं. मैं वही करता हूं जो मुझे अच्छा लगता है. बाहर क्या हो रहा है इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है. इट्स ए म्यूजिक, इट्स ए 7 सुर, वहीं सात सुरों में रफी साहब गाते थे हम गा रहे हैं हमारे बाद आने वाला जेनरेशन गाएगा, संगीत अच्छा होना चाहिये बस, शब्द अच्छे होने चाहिए फिल्में अच्छी बनेगी तो गाने अच्छे बनेंगे ही बनेंगे.


सवाल : हम सब आपके कई गानों के फैन हैं आपको अपना कौन सा गाना बेहद पसंद है?
जवाब : फिल्म प्रेम ग्रंथ "दिल देने की रुत आई दिल लेने की रुत आई", उसके बाद "छुपाना भी नहीं आता", " नायक नहीं खलनायक हूं मैं" लक्ष्मी जी का प्यार है उनका आशीर्वाद है. ये बहुत सुंदर सी बात है. जो लोग एंजॉय करते हैं. इवेंट्स के रियल म्यूजिक तो वो म्यूजिक आज थोड़ा लोग मिस करते हैं. जो मैं अपने शोज में फील करता हूं. जो ऑडियंस का रिस्पॉन्स होता है. मेलोडी है सुंदर शब्द है सुंदर क्वालिटी है तो दिमाग को थोड़ा संभाल कर रखना पड़ता है.



सवाल : लाइव म्यूजिक बजाकर रिकॉर्ड करना और कंप्यूटर से म्यूजिक बनाने में कितना अंतर देखते हैं?
जवाब : अंतर यही है कि आज कल के गाने आपके हार्ट को टच नहीं करते हैं. रीजन ये है कि गाना कम्यूटर बजाता है इससे वो जिंक निकल जाता है. ये वही मामला है जब आप लाइव मैच देखते हैं उस वक्त ऑडियंस की आवाज क्या होती है. आपको क्या एक्साइटमेन्ट होती है.उसी मैच को आप रात को देखते हैं दोबारा तो वो एक्साइटमेंट खत्म हो जाती है. यही इसका साईंटिफिक कारण है.

ये भी पढ़ें- कोरिया के झुमका में जल महोत्सव


सवाल : सरगुजा दोबारा आना हुआ है कैसे लगे यहां के लोग?
जवाब : मेरा बहुत ही पसंदीदा शहर है . मुझे ये एरिया बहुत अच्छा लगता है. छत्तीसगढ़ में पहले फिल्में बनती थी. मैंने काफी फिल्मों में गाया भी है. गाने काफी हिट भी हैं. यहां पर इस लेंग्वेज को काफी मिस करते हैं हम लोग, लेकिन जब यहां आता हूं बहुत मजा आता है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.