सरगुजा: सरगुजा और कोरबा जिले के आदिवासियों की आवाज भी विश्व स्तर के आंदोलन में सुनाई दे रही है. सरवाइवल इंटरनेशनल नाम की संस्था ने लंदन साइंस म्यूजियम के सामने एकत्र लोगों को हसदेव अरण्य के आदिवासी आंदोलन पर बने वीडियो को दिखाया है. ट्विटर में भी यह जानकारी साझा की गई है.
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लंदन साइंस म्यूजियम में क्यों हुआ प्रदर्शन
अडानी कंपनी की खनन परियोजनाओं से हो रहे पर्यावरणीय विनाश और आदिवासियों की जल-जंगल-जमीन की लड़ाई को लेकर विभिन्न देशों के लोगों ने लंदन साइंस म्यूजियम में प्रदर्शन किया. हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के आलोक शुक्ला ने बताया कि ''अडानी के खिलाफ यह आंदोलन पर्यावरणीय दुष्परिणाम के कारण हो रहा है. हसदेव अरण्य के मुद्दे के आंदोलन के वीडियो को उन्होंने लंदन में दिखाया. हसदेव के लोग एक दशक से आंदोलन कर रहे हैं. अपने संवैधानिक अधिकारों का हल चाहते हैं. लेकिन उनके हक छीन कर फर्जी ग्राम सभा कराने का आरोप ग्रामीणों ने लगाया है. इसकी आज तक जांच नहीं की गई. अंतरराष्ट्रीय मंच पर आवाज उठने से इस आंदोलन को मजबूती मिलेगी. हम उम्मीद करते हैं की इससे आंदोलन को और मजबूती मिलेगी.''
खदान का ग्रामीण कर रहे हैं विरोध
दरअसल सरगुजा में पहले से चल रही खदानों को सार्वजनिक उपक्रम राजस्थान राज्य विद्धुत निगम को दिया गया है. लेकिन अडानी ने यह काम एमडीयू के माध्यम से ले लिया है और प्रस्तावित कोयला खदानों का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं. लंबे समय से ग्रामीण खदानों के विरोध मे अलग-अलग तरह से प्रदर्शन करते रहे हैं. हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति ने भी ग्रामीणों के साथ एक लंबा धरना प्रदर्शन इस क्षेत्र मे किया है. ग्रामीण नहीं चाहते की किसी भी तरह के दबाव और कूट रचित दस्तावेजों के आधार पर यहां कोयले की खदाने खोल दी जाए.