सरगुजा : सरगुजा में सिस्टम की सुस्त चाल से लोग परेशान हैं. यहां सड़क निर्माण का काम तो लगभग पूरा हो (compensation affected in Surguja Highway construction ) गया है. लेकिन लोगों को मुआवजे की राशि नहीं मिल पाई है. लिहाजा ऐसे में वो लोगों जिन्होंने सड़क के लिए जमीन दी वह खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. अम्बिकापुर से बिलासपुर और फिर राजधानी रायपुर को जोड़ने वाली सड़क का निर्माण लगभग पूरा हो ( surguja latest news) चुका है. यह नेशनल हाईवे क्रमांक 130 है. बीते 5 वर्ष से यहां के प्रभावित लोगों को भू अर्जन की राशि नहीं मिल सकी है. अधिकारी बताते हैं कि केंद्र से 15 करोड़ रुपये की रासि आई थी. जिसे वितरित कर दिया गया है. शेष 33 करोड़ की राशि नहीं मिल सकी है. लिहाजा केंद्र सरकार के राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग द्वारा भू अर्जन की 33 करोड़ राशि नहीं मिलने से सरगुजा के कई गांव के लोग प्रभावित हैं. उन्हें मुआवजा नहीं मिल पाया है.
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केंद्र से नहीं मिली राशि: हाईवे के किनारे बसे प्रभावित लोग जब मुआवजे की मांग करते करते थक गये तब उन्होंने आंदोलन का रुख इख्तियार किया. कई बार विरोध प्रदर्शन हुआ.. नेशनल हाइवे तक को जाम किया गया. प्रशासन ने दिल्ली स राशी आते ही देने का अस्वाशन दिया। लेकिन अब भी दिल्ली से राशि नही आ सकी है। ऐसे में ग्रामीण बेहद आक्रोशित हैं।
मुआवजे की जगह मिला सिर्फ आश्वासन: ग्रामीण रणविजय सिंह बताते हैं कि " कई बार आंदोलन किया लेकिन कुछ नहीं हुआ. अधिकारी सिर्फ भरोसा देकर चले जाते हैं. बाबू लोग बोलते हैं कि पैसा ही नहीं है कहां से देंगे. वहीं ग्रामीणों का आरोप है कि कुछ लोगों को मुआवजा दे दिया गया है. अम्बिकापुर से लखनपुर और उदयपुर तक ना जाने कितने लोग हैं जिनको मुआवजा नहीं मिला है. बिजली वाले अपना पैसा लेने तो हर महीने आ जाते हैं, लेकिन हमारा पैसा देने वाला कोई नहीं आ रहा है.
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79 करोड़ में मिले सिर्फ 15 करोड़: वहीं इस मामले में अम्बिकापुर एसडीएम प्रदीप साहू से जब हमने बात की तो उन्होंने बताया की 15 करोड़ रुपये आये थे जिसे वितरित कर दिया गया है। शेष 33 करोड अम्बिकापुर और उदयपुर का नही आ सका है। इसके साथ ही बाद में हुई भू अर्जन की प्रक्रिया के तहत लखनपुर का भी लगभग 30 करोड़ रुपये का अवार्ड पारित हुआ है। इस प्रकार कुल 79 करोड़ रुपये राष्ट्रीय राज मार्ग मंत्रालय से आना है जो अब तक प्राप्त नही हुआ है।
प्रशासन अलाप रहा अपना राग: बहरहाल ग्रामीण वर्षों से अपनी जमीन नेशनल हाईवे को देकर अब खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं. इधर जिला प्रशासन भी लाचार है क्योंकि उसके हाथ मे कुछ नहीं है. जब तक राष्ट्रीय राजमार्ग विभाग राशि उपलब्ध नहीं कराता है. तब तक जिला प्रशासन भी मुआवजा वितरण नहीं कर सकता है. ऐसे में ये मामला जिला प्रशासन के लिये मुसीबत बन चुका है. अब देखना यह होगा कि कब दिल्ली से पैसा आएगा और ग्रामीणों को भू अर्जन की राशि मिल सकेगी.