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समूचे छत्तीसगढ़ में नहीं हो सकती है शराबबंदी- पीसीसी चीफ मोहन मरकाम

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने शराब बंदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि साठ फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं हो सकती है.

PCC Chief Mohan Markam statement on Liquor prohibition
शराबबंदी पर मोहन मरकाम का बयान
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Published : Feb 11, 2022, 6:39 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं हो सकती है. मैं भी आदिवासी हूं, शराब हमारी परपंरा में रचा बसा है. बाकी 40फीसदी के हिस्से में शराबबंदी पर सरकार विचार कर सकती है. मोहन मरकाम के बयान ने एक बात तय कर दी है की बस्तर, सरगुजा संभाग और कोरबा जिले में शराब बंदी संभव नहीं है.

शराबबंदी पर मोहन मरकाम का बयान

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि, हम आदिवासियों के जीने से लेकर मरने तक हर काम में शराब का इस्तेमाल होता है. तर्पण में इसका इतेमाल होता है. इसलिए इसे आदिवासी क्षेत्रों में तो बंद नहीं करना चाहिए. 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं की जा सकती है. ये हमारे जीवन मे रचा बसा है. बाकी के 40 फीसदी हिस्से में सरकार फैसला ले कि उसे क्या करना है.

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था. लेकिन अब तक शराबबंदी हो नहीं सकी. सरकार ने शराबबंदी करने एक कमेटी बनाई लेकिन वो भी अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. इधर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने ऐसा बयान दे दिया है. जिससे ये स्पष्ट हो गया है की 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होगी. अगर सरकार शराब बंदी करती भी है तो सिर्फ 40 फीसदी हिस्से में ही शराबबंदी की जाएगी

शराबबंदी पर छत्तीसगढ़ में क्या हुआ ?

पहले जहां सीधे-सीधे शराबबंदी करने की बात होती थी, वहीं अब सरकार इसे घुमाकर कहती है कि, वे अब भी इसके पक्ष में है. लेकिन इसके सामाजिक और आर्थिक असर को समझ लिया जाए फिर ये कदम उठाया जाएगा.एकदम से शराब बंदी करने से खतरनाक नतीजे भी सामने आ सकते हैं. सरकार ने इसके लिए तीन समितियां भी गठित की हैं, लेकिन ये समितियां भी सियासत का शिकार हैं. पिछले दो सालों में न तो इनकी नियमित बैठकें हुई हैं, न ही कोई अनुशंसा अब तक इनकी ओर से आया है.

जिस दिन बघेल सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेगी, वह गिर जाएगी- अजय चंद्राकर

वहीं विपक्ष का साफ कहना है कि आपने जनता से वादा करते वक्त तो नहीं कहा था कि हम शराबबंदी को लेकर कमेटी गठित करेंगे और उसकी अनुशंसा के आधार पर कोई फैसला लिया जाएगा. विपक्ष इसे सरकार द्वारा जनता को गुमराह करना करार दे रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के इस आरोप पर आपत्ति जताई की कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल की कसम शराबबंदी को लेकर खाई थी.

सरगुजा: पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने शराबबंदी पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा है कि 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं हो सकती है. मैं भी आदिवासी हूं, शराब हमारी परपंरा में रचा बसा है. बाकी 40फीसदी के हिस्से में शराबबंदी पर सरकार विचार कर सकती है. मोहन मरकाम के बयान ने एक बात तय कर दी है की बस्तर, सरगुजा संभाग और कोरबा जिले में शराब बंदी संभव नहीं है.

शराबबंदी पर मोहन मरकाम का बयान

पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने कहा कि, हम आदिवासियों के जीने से लेकर मरने तक हर काम में शराब का इस्तेमाल होता है. तर्पण में इसका इतेमाल होता है. इसलिए इसे आदिवासी क्षेत्रों में तो बंद नहीं करना चाहिए. 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं की जा सकती है. ये हमारे जीवन मे रचा बसा है. बाकी के 40 फीसदी हिस्से में सरकार फैसला ले कि उसे क्या करना है.

कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव से पहले अपने घोषणा पत्र में शराबबंदी का वादा किया था. लेकिन अब तक शराबबंदी हो नहीं सकी. सरकार ने शराबबंदी करने एक कमेटी बनाई लेकिन वो भी अब तक किसी नतीजे तक नहीं पहुंच सकी है. इधर पीसीसी चीफ मोहन मरकाम ने ऐसा बयान दे दिया है. जिससे ये स्पष्ट हो गया है की 60 फीसदी छत्तीसगढ़ में शराबबंदी नहीं होगी. अगर सरकार शराब बंदी करती भी है तो सिर्फ 40 फीसदी हिस्से में ही शराबबंदी की जाएगी

शराबबंदी पर छत्तीसगढ़ में क्या हुआ ?

पहले जहां सीधे-सीधे शराबबंदी करने की बात होती थी, वहीं अब सरकार इसे घुमाकर कहती है कि, वे अब भी इसके पक्ष में है. लेकिन इसके सामाजिक और आर्थिक असर को समझ लिया जाए फिर ये कदम उठाया जाएगा.एकदम से शराब बंदी करने से खतरनाक नतीजे भी सामने आ सकते हैं. सरकार ने इसके लिए तीन समितियां भी गठित की हैं, लेकिन ये समितियां भी सियासत का शिकार हैं. पिछले दो सालों में न तो इनकी नियमित बैठकें हुई हैं, न ही कोई अनुशंसा अब तक इनकी ओर से आया है.

जिस दिन बघेल सरकार छत्तीसगढ़ में शराबबंदी करेगी, वह गिर जाएगी- अजय चंद्राकर

वहीं विपक्ष का साफ कहना है कि आपने जनता से वादा करते वक्त तो नहीं कहा था कि हम शराबबंदी को लेकर कमेटी गठित करेंगे और उसकी अनुशंसा के आधार पर कोई फैसला लिया जाएगा. विपक्ष इसे सरकार द्वारा जनता को गुमराह करना करार दे रही है. मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने विपक्ष के इस आरोप पर आपत्ति जताई की कांग्रेस नेताओं ने गंगाजल की कसम शराबबंदी को लेकर खाई थी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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