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छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री के गृह जिले सरगुजा में मरीज परेशान - Patient upset in Surguja

मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर में सोनोग्राफी के लिए मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा है. जिससे मरीजों को काफी परेशानी हो रही है.

waiting for sonography
सोनोग्राफी के लिए लंबा इंतजार
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Published : Jun 23, 2022, 1:50 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सा संस्थान मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में सोनोग्राफी जैसी सामान्य और आवश्यक जांच के लिये मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा (waiting for sonography in Medical College Hospital Ambikapur) है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के गृह जिले का अस्पताल होने के कारण हर वक्त मंत्री की नजर अस्पताल पर होती है. बावजूद इसके यहां सोनोग्राफी में लंबी वेटिंग से लोग परेशान हैं. इस विषय में ईटीवी भारत ने अस्पताल जाकर लोगों से बातचीत पर उनके सामने पेश आ रही परेशानियों के बारे जानने की कोशिश की.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर

6 जून के बाद 22 को आया नंबर: बीमारियों के आलवा यह जांच सबसे जरूरी गर्भवती महिलाओं के लिये होती है. जांच के लिये लाइन में इंतजार कर रही पूजा देवी ने बताया " मैं 6 तारीख को यहां सोनोग्राफी जांच के लिए आई थी, तो 22 को बुलाये थे. 22 को सुबह आकर नंबर लगायी तो काफी देर बाद सोनोग्राफी हुआ."

अन्य जांच में भी दिक्कत: इसी प्रकार अपनी गर्भवती पत्नी की सोनोग्राफी के लिए बलरामपुर जिले से आये राम प्रवेश ने बताया "17 को मैं डॉक्टर से जांच कराया. 17 को जांच के लिए डॉक्टर ने कहा था. जब मैं 18 को आया तो काफी भीड़ थी हमारा नंबर आते-आते टाइम खत्म हो गया. कल जब हम लोग आए तो सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे गया सिर्फ ब्लड सैम्पल देने में."

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ के जनजातीय क्षेत्रों में मृत्यु दर में आई है गिरावट- स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

3 डॉक्टर के पद खाली: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में रेडियोलॉजी विभाग के लिये एक प्रोफेसर, एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एक असोसिएट प्रोफेसर का पद खाली है क्योंकी संभाग का ये एक मात्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इसलिये यहां भीड़ भी संभाग भर से आती है और इस भीड़ को सम्हालने के लिये मात्र 2 ही डॉक्टर यहां उपलब्ध हैं. अब स्वास्थ्य विभाग या तो खाली पड़े डॉक्टरों के तीन पदों पर जल्द भर्ती करे या फिर सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को देने के लिये आउटसोर्सिंग से प्राइवेट कांट्रेक्ट में काम करे. क्योंकि वर्तमान में बढ़ी भीड़ को सम्हाल पाना 2 रेडियोलॉजिस्ट के बस का नहीं है.

2 डक्टरों के भरोसे रेडियोलॉजी विभाग: मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि यहां रोजाना करीब 40 से 50 सोनोग्राफी होते हैं. एक जांच में लगभग 20 मिनट का समय लग जाता है और रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सिर्फ 2 हैं. अब 2 डॉक्टर दिन भर में इतने ही जांच कर पाते हैं. असल में मामला रेडियोलॉजिस्ट के खाली पड़े पदों की वजह से परेशानी का सबब बना हुआ है.

हर माह बढ़ रहा जांच का प्रतिशत: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में बीते कुछ महीनों में सोनोग्राफी जांच के आंकड़ों पर नजर डालें, तो जांच का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है. इस वर्ष जनवरी महीने में 412 सोनोग्राफी हुई तो वहीं फरवरी में 509, मार्च में 610, अप्रैल में 673. तो वहीं मई के महीने में जांच का प्रतिशत और तेजी से बढ़ा है. इस महीने 917 लोगो की जांच की गई है.

जल्द करना होगा समाधान: आंकड़े भी बताते हैं कि लोग निजी अस्पतालों की जगह अब सरकारी अस्पताल की ओर रुख अधिक कर रहे हैं. लेकिन पुराने सेटअप में ही सबका जांच कर पाना सम्भव नहीं है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग को इस व्यवस्था को दुरुस्त करने जल्द ही कोई कदम उठाना होगा. वरना लोग लंबी वेटिंग से परेशान होंगे और प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों में जाने को मजबूर होंगे. जहां उन्हें मोटी रकम देकर जांच करना होगा.

सरगुजा: सरगुजा संभाग का सबसे बड़ा सरकारी चिकित्सा संस्थान मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में सोनोग्राफी जैसी सामान्य और आवश्यक जांच के लिये मरीजों को लंबा इंतजार करना पड़ रहा (waiting for sonography in Medical College Hospital Ambikapur) है. प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव के गृह जिले का अस्पताल होने के कारण हर वक्त मंत्री की नजर अस्पताल पर होती है. बावजूद इसके यहां सोनोग्राफी में लंबी वेटिंग से लोग परेशान हैं. इस विषय में ईटीवी भारत ने अस्पताल जाकर लोगों से बातचीत पर उनके सामने पेश आ रही परेशानियों के बारे जानने की कोशिश की.

मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर

6 जून के बाद 22 को आया नंबर: बीमारियों के आलवा यह जांच सबसे जरूरी गर्भवती महिलाओं के लिये होती है. जांच के लिये लाइन में इंतजार कर रही पूजा देवी ने बताया " मैं 6 तारीख को यहां सोनोग्राफी जांच के लिए आई थी, तो 22 को बुलाये थे. 22 को सुबह आकर नंबर लगायी तो काफी देर बाद सोनोग्राफी हुआ."

अन्य जांच में भी दिक्कत: इसी प्रकार अपनी गर्भवती पत्नी की सोनोग्राफी के लिए बलरामपुर जिले से आये राम प्रवेश ने बताया "17 को मैं डॉक्टर से जांच कराया. 17 को जांच के लिए डॉक्टर ने कहा था. जब मैं 18 को आया तो काफी भीड़ थी हमारा नंबर आते-आते टाइम खत्म हो गया. कल जब हम लोग आए तो सुबह 9 बजे से दोपहर एक बजे गया सिर्फ ब्लड सैम्पल देने में."

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3 डॉक्टर के पद खाली: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में रेडियोलॉजी विभाग के लिये एक प्रोफेसर, एक असिस्टेंट प्रोफेसर और एक असोसिएट प्रोफेसर का पद खाली है क्योंकी संभाग का ये एक मात्र मेडिकल कॉलेज अस्पताल है. इसलिये यहां भीड़ भी संभाग भर से आती है और इस भीड़ को सम्हालने के लिये मात्र 2 ही डॉक्टर यहां उपलब्ध हैं. अब स्वास्थ्य विभाग या तो खाली पड़े डॉक्टरों के तीन पदों पर जल्द भर्ती करे या फिर सोनोग्राफी की सुविधा मरीजों को देने के लिये आउटसोर्सिंग से प्राइवेट कांट्रेक्ट में काम करे. क्योंकि वर्तमान में बढ़ी भीड़ को सम्हाल पाना 2 रेडियोलॉजिस्ट के बस का नहीं है.

2 डक्टरों के भरोसे रेडियोलॉजी विभाग: मेडिकल कॉलेज अस्पताल से प्राप्त आंकड़ों से पता चलता है कि यहां रोजाना करीब 40 से 50 सोनोग्राफी होते हैं. एक जांच में लगभग 20 मिनट का समय लग जाता है और रेडियोलॉजिस्ट डॉक्टर सिर्फ 2 हैं. अब 2 डॉक्टर दिन भर में इतने ही जांच कर पाते हैं. असल में मामला रेडियोलॉजिस्ट के खाली पड़े पदों की वजह से परेशानी का सबब बना हुआ है.

हर माह बढ़ रहा जांच का प्रतिशत: मेडिकल कॉलेज अस्पताल अम्बिकापुर में बीते कुछ महीनों में सोनोग्राफी जांच के आंकड़ों पर नजर डालें, तो जांच का प्रतिशत लगातार बढ़ रहा है. इस वर्ष जनवरी महीने में 412 सोनोग्राफी हुई तो वहीं फरवरी में 509, मार्च में 610, अप्रैल में 673. तो वहीं मई के महीने में जांच का प्रतिशत और तेजी से बढ़ा है. इस महीने 917 लोगो की जांच की गई है.

जल्द करना होगा समाधान: आंकड़े भी बताते हैं कि लोग निजी अस्पतालों की जगह अब सरकारी अस्पताल की ओर रुख अधिक कर रहे हैं. लेकिन पुराने सेटअप में ही सबका जांच कर पाना सम्भव नहीं है. लिहाजा स्वास्थ्य विभाग को इस व्यवस्था को दुरुस्त करने जल्द ही कोई कदम उठाना होगा. वरना लोग लंबी वेटिंग से परेशान होंगे और प्राइवेट डायग्नोस्टिक सेंटरों में जाने को मजबूर होंगे. जहां उन्हें मोटी रकम देकर जांच करना होगा.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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