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हसदेव बचाओ आंदोलन के समर्थन में मेधा पाटकर सहित कई दिग्गज

मेधा पाटकर सहित कई दिग्गज हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन के समर्थन में हरिहरपुर धरना स्थल (Medha Patkar reached Hariharpur in support of Hasdeo Bachao Andolan) पहुंचे. आंदोलनकारियों में केन्द्र और राज्य सरकार के प्रति नाराजगी दिखी.

hasdeo bachao andolan
हसदेव बचाओ आंदोलन
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Published : Jun 30, 2022, 2:08 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के खिलाफ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संघर्ष को देश के 15 राज्यों से कई दिग्गजों का समर्थन मिला है. सभी हरिहरपुर धरना स्थल हसदेव बचाओ आंदोलन के समर्थन में पहुंचे हैं. जन आंदोलनों की नेत्री मेधा पाटकर, पूर्व विधायक और किसान नेता डॉ. सुनिलम, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह इस सभा में (Medha Patkar reached Hariharpur in support of Hasdeo Bachao Andolan) पहुंचे.

पैसे नहीं जमीन देगी हमेशा साथ: हरिहरपुर में आयोजित सभा में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह ने देश भर से जुटे साथियों का अभिनंदन किया. समिति के रामलाल ने हसदेव अरण्य संघर्ष के सभी महत्वपूर्ण पक्षों के बारे में बताया. इस दौरान सुनीता पोर्ते ने संघर्ष समिति के संकल्प को दोहराते हुए इस आंदोलन में महिलाओं की सोच और भूमिका के बारे में बताया. सुनीता ने कहा कि कम्पनी के दिए पैसे पेड़ में लगे पत्तों की तरह झड़ जाएंगे. लेकिन हमारी जमीन और जंगल हमें हमेशा साथ देंगे.

15 राज्यों से आये लोग: आंदोलन के दौरान दौरान उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, बिहार, झारखंड व उड़ीसा से आए साथियों ने अपना परिचय दे कर हसदेव अरण्य आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया. इस दौरान अनुराधा भार्गव ने बताया कि मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा में अडानी थर्मल प्लांट के खिलाफ चले संघर्ष में उन्हें व ग्रामीणों को प्रताड़ित किया गया. लेकिन भरोसा रखिये भले ही सरकार व सरकारी संस्थान आपके खिलाफ होगी. लेकिन अंत में जीत जनता की ही होती है.

मुम्बई में जमीन मिली वापस: सर्वहारा जन आंदोलन की नेता उल्का महाजन ने बताया कि अम्बानी के मुनाफे के लिए बनाए जा रहे महा मुंबई सेज के खिलाफ चले संघर्ष में कम्पनी ने गांव-गांव में दलाल पैदा किए. संघर्ष को तोड़ने की कोशिश की. प्रशासन, राजनीति और मीडिया ने अम्बानी की हर तरह से मदद की, पर जीत जनता की ही हुई. आंदोलन के चलते आज वे जमीनें वापस मिल गयी, जो धोखे से ली गयी थी.

यह भी पढ़ें: हसदेव अरण्य बचाओ आंदोलन का मेधा पाटकर ने किया समर्थन, कही ये बात

विधायक भी साथ: लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि संघर्ष के साथियों को अडानी के दलालों से सावधान रहने की जरूरत है. राहुल गांधी ने मदनपुर में किया वादा किया था कि प्रदेश में अगले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी. हम जल, जंगल, जमीन बचाने को प्रतिबद्ध हैं.

जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार: मेधा पाटकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की जनवादी संघर्ष की परम्परा रही है कि वह हसदेव के संघर्ष की जीवटता व प्रतिबद्धता को प्रणाम करती है. उन्होंने अडानी व उन जैसे पूंजीपतियों को संरक्षण व समर्थन देने वाली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारें अब सविधान और जनता से आंखे फेर चुकी है. पर लोग अब संविधान की रक्षा में खड़े है. भूपेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है.

सरगुजा: हसदेव अरण्य क्षेत्र में कोयला खदान के खिलाफ हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संघर्ष को देश के 15 राज्यों से कई दिग्गजों का समर्थन मिला है. सभी हरिहरपुर धरना स्थल हसदेव बचाओ आंदोलन के समर्थन में पहुंचे हैं. जन आंदोलनों की नेत्री मेधा पाटकर, पूर्व विधायक और किसान नेता डॉ. सुनिलम, लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह इस सभा में (Medha Patkar reached Hariharpur in support of Hasdeo Bachao Andolan) पहुंचे.

पैसे नहीं जमीन देगी हमेशा साथ: हरिहरपुर में आयोजित सभा में हसदेव अरण्य बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक उमेश्वर सिंह ने देश भर से जुटे साथियों का अभिनंदन किया. समिति के रामलाल ने हसदेव अरण्य संघर्ष के सभी महत्वपूर्ण पक्षों के बारे में बताया. इस दौरान सुनीता पोर्ते ने संघर्ष समिति के संकल्प को दोहराते हुए इस आंदोलन में महिलाओं की सोच और भूमिका के बारे में बताया. सुनीता ने कहा कि कम्पनी के दिए पैसे पेड़ में लगे पत्तों की तरह झड़ जाएंगे. लेकिन हमारी जमीन और जंगल हमें हमेशा साथ देंगे.

15 राज्यों से आये लोग: आंदोलन के दौरान दौरान उत्तरप्रदेश, महाराष्ट्र, राजस्थान, मध्यप्रदेश, गुजरात, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, बिहार, झारखंड व उड़ीसा से आए साथियों ने अपना परिचय दे कर हसदेव अरण्य आंदोलन के प्रति अपना समर्थन जताया. इस दौरान अनुराधा भार्गव ने बताया कि मध्यप्रदेश के छिन्दवाड़ा में अडानी थर्मल प्लांट के खिलाफ चले संघर्ष में उन्हें व ग्रामीणों को प्रताड़ित किया गया. लेकिन भरोसा रखिये भले ही सरकार व सरकारी संस्थान आपके खिलाफ होगी. लेकिन अंत में जीत जनता की ही होती है.

मुम्बई में जमीन मिली वापस: सर्वहारा जन आंदोलन की नेता उल्का महाजन ने बताया कि अम्बानी के मुनाफे के लिए बनाए जा रहे महा मुंबई सेज के खिलाफ चले संघर्ष में कम्पनी ने गांव-गांव में दलाल पैदा किए. संघर्ष को तोड़ने की कोशिश की. प्रशासन, राजनीति और मीडिया ने अम्बानी की हर तरह से मदद की, पर जीत जनता की ही हुई. आंदोलन के चलते आज वे जमीनें वापस मिल गयी, जो धोखे से ली गयी थी.

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विधायक भी साथ: लोरमी विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि संघर्ष के साथियों को अडानी के दलालों से सावधान रहने की जरूरत है. राहुल गांधी ने मदनपुर में किया वादा किया था कि प्रदेश में अगले चुनाव में जनता सरकार को सबक सिखाएगी. हम जल, जंगल, जमीन बचाने को प्रतिबद्ध हैं.

जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतरी सरकार: मेधा पाटकर ने अपने सम्बोधन में कहा कि छत्तीसगढ़ की जनवादी संघर्ष की परम्परा रही है कि वह हसदेव के संघर्ष की जीवटता व प्रतिबद्धता को प्रणाम करती है. उन्होंने अडानी व उन जैसे पूंजीपतियों को संरक्षण व समर्थन देने वाली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि सरकारें अब सविधान और जनता से आंखे फेर चुकी है. पर लोग अब संविधान की रक्षा में खड़े है. भूपेश सरकार जनता की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर रही है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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