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Bhatgaon Assembly Seat : भटगांव विधानसभा क्यों है प्रत्याशियों की पसंद ?

सरगुजा संभाग की 14 विधानसभा सीटों में से भटगांव एक ऐसी विधानसभा है. जिसकी कहानी अलग है. इस विधानसभा के अस्तित्व में आते ही यहां से अम्बिकापुर के रहने वाले स्व. रवि शंकर त्रिपाठी ने धमाकेदार जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस समेत 28 प्रत्याशियों की जमानत जब्त कराई थी. तब से यह सीट अम्बिकापुर के नेताओं की पसंदीदा बनी हुई है. हमने जानने की कोशिश की क्या वजह है कि भटगांव से अम्बिकापुर के लोग चुनाव लड़ने के इच्छुक रहते हैं.

भटगांव विधानसभा क्यों है प्रत्याशियों की पसंद
भटगांव विधानसभा क्यों है प्रत्याशियों की पसंद
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Published : Nov 7, 2023, 5:27 PM IST

Updated : Nov 14, 2023, 9:42 PM IST

सरगुजा : भटगांव सीट में हमेशा ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहती है.लेकिन इस सीट का अंबिकापुर के करीब होना ही सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है.ईटीवी भारत ने जब भटगांव सीट की पड़ताल की तो पाया कि यहां के लोगों को स्थानीय प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं है.वहीं अंबिकापुर के कद्दावर नेता इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए आतुर रहते हैं. पूर्व में भी अम्बिकापुर के कद्दावर भाजपा नेता यहां से विधायक रह चुके हैं. उनके निधन के बाद यहां से उनकी पत्नी ने भी उप चुनाव जीता था.

इस बार कौन लड़ रहा चुनाव : अंबिकापुर की भटगांव सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर पारसनाथ राजवाड़े पर भरोसा जताया है.वहीं बीजेपी ने सामान्य सीट होने के बावजूद लक्ष्मी राजवाड़े को उम्मीदवार बनाकर चुनाव में चुनौती दी है.236720 है.जिसमें से पुरुष मतदाता 118916 ,महिला मतदाता 117803 और थर्ड जेंडर 1 है.

मतदाताओं की संख्या - अंबिकापुर के भटगांव सीट में मतदाताओं की संख्या

क्या है कांग्रेस और बीजेपी का मत : कांग्रेस नेता द्वितेन्द्र मिश्रा कहते हैं " ऐसी बात नही है कि नेतृत्व की कमी है ना ही भटगांव में न ही सरगुजा में है. सरगुजा अब संभाग मुख्यालय है, इसके पहले जब एकीकृत सरगुजा था, जनकपुर से लेकर चांद भखार, सीतापुर से लेकर मदनपुर तक सब सरगुजा में था, धीरे धीरे बंटता गया लेकिन फिर भी लोगों की उपस्थिति और लगाव बना रहा. वहीं बीजेपी नेता अभिमन्यु गुप्ता कहते हैं "भटगांव में 45 से 50% जनरल आबादी है, संभाग की जनरल सीट है. सूरजपुर आदिवासी बाहुल्य एरिया है. इसलिए जनरल सीट पर भी पार्टी टिकट दे देती है. बचती है अम्बिकपुर और भटगांव. इसलिए लोगों को जनरल की सेफ सीट लगती है.''

ये भी पढ़ें- जानिए छत्तीसगढ़ में किस सीट पर नहीं खुला बीजेपी का खाता


टीएस सिंहदेव के कारण भटगांव प्रत्याशियों के लिए है हॉट सेंटर : वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि अंबिकापुर में टीएस सिंहदेव एकतरफा जीतते हैं.ऐसे में अंबिकापुर की करीबी सीट भटगांव है.जहां से प्रत्याशी जीत की उम्मीद लगा सकते हैं. वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि जो जनप्रतिनिधि 20 साल पहले राजनीति में आये. आज वो बड़े नेता हो गए हैं. इसलिए संभावना देखते हैं. रविशंकर त्रिपाठी भाजपा के कद्दावर नेता थे. उनको भटगांव से टिकट मिला. अम्बिकापुर से जाकर रविशंकर ने धमाकेदार जीत दर्ज की. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी समेत 28 लोगों की जमानत जब्त हुई थी.'' मौजूदा समय की यदि बात करें तो इस सीट से कांग्रेस में जहां शफी अहमद दावेदारी कर सकते हैं.वहीं बीजेपी से अनिल सिंह मेजर और अनुराग सिंहदेव का नाम सबसे ऊपर है.लेकिन बीजेपी इस बार टिकट बंटवारे में फूंक-फूंककर कदम रखेगी.

सरगुजा : भटगांव सीट में हमेशा ही बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर रहती है.लेकिन इस सीट का अंबिकापुर के करीब होना ही सबसे बड़ा प्लस प्वाइंट है.ईटीवी भारत ने जब भटगांव सीट की पड़ताल की तो पाया कि यहां के लोगों को स्थानीय प्रत्याशियों पर भरोसा नहीं है.वहीं अंबिकापुर के कद्दावर नेता इस सीट से चुनाव लड़ने के लिए आतुर रहते हैं. पूर्व में भी अम्बिकापुर के कद्दावर भाजपा नेता यहां से विधायक रह चुके हैं. उनके निधन के बाद यहां से उनकी पत्नी ने भी उप चुनाव जीता था.

इस बार कौन लड़ रहा चुनाव : अंबिकापुर की भटगांव सीट पर कांग्रेस ने एक बार फिर पारसनाथ राजवाड़े पर भरोसा जताया है.वहीं बीजेपी ने सामान्य सीट होने के बावजूद लक्ष्मी राजवाड़े को उम्मीदवार बनाकर चुनाव में चुनौती दी है.236720 है.जिसमें से पुरुष मतदाता 118916 ,महिला मतदाता 117803 और थर्ड जेंडर 1 है.

मतदाताओं की संख्या - अंबिकापुर के भटगांव सीट में मतदाताओं की संख्या

क्या है कांग्रेस और बीजेपी का मत : कांग्रेस नेता द्वितेन्द्र मिश्रा कहते हैं " ऐसी बात नही है कि नेतृत्व की कमी है ना ही भटगांव में न ही सरगुजा में है. सरगुजा अब संभाग मुख्यालय है, इसके पहले जब एकीकृत सरगुजा था, जनकपुर से लेकर चांद भखार, सीतापुर से लेकर मदनपुर तक सब सरगुजा में था, धीरे धीरे बंटता गया लेकिन फिर भी लोगों की उपस्थिति और लगाव बना रहा. वहीं बीजेपी नेता अभिमन्यु गुप्ता कहते हैं "भटगांव में 45 से 50% जनरल आबादी है, संभाग की जनरल सीट है. सूरजपुर आदिवासी बाहुल्य एरिया है. इसलिए जनरल सीट पर भी पार्टी टिकट दे देती है. बचती है अम्बिकपुर और भटगांव. इसलिए लोगों को जनरल की सेफ सीट लगती है.''

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टीएस सिंहदेव के कारण भटगांव प्रत्याशियों के लिए है हॉट सेंटर : वहीं स्थानीय लोगों का मानना है कि अंबिकापुर में टीएस सिंहदेव एकतरफा जीतते हैं.ऐसे में अंबिकापुर की करीबी सीट भटगांव है.जहां से प्रत्याशी जीत की उम्मीद लगा सकते हैं. वहीं राजनीति के जानकारों का कहना है कि जो जनप्रतिनिधि 20 साल पहले राजनीति में आये. आज वो बड़े नेता हो गए हैं. इसलिए संभावना देखते हैं. रविशंकर त्रिपाठी भाजपा के कद्दावर नेता थे. उनको भटगांव से टिकट मिला. अम्बिकापुर से जाकर रविशंकर ने धमाकेदार जीत दर्ज की. इसमें कांग्रेस प्रत्याशी समेत 28 लोगों की जमानत जब्त हुई थी.'' मौजूदा समय की यदि बात करें तो इस सीट से कांग्रेस में जहां शफी अहमद दावेदारी कर सकते हैं.वहीं बीजेपी से अनिल सिंह मेजर और अनुराग सिंहदेव का नाम सबसे ऊपर है.लेकिन बीजेपी इस बार टिकट बंटवारे में फूंक-फूंककर कदम रखेगी.

Last Updated : Nov 14, 2023, 9:42 PM IST
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