सरगुजा: पंडित संजय तिवारी बताते हैं कि, "हनुमान जी बेहद पराक्रमी, वीर, अतुलित बलशाली देवता हैं. कई ऐसे कार्य उन्होंने किये, जिसके कारण माता सीता ने इन्हें कई तरह के वरदान दिए हैं. अन्य देवों से भी उन्हें बहुत से वरदान प्राप्त हैं. उसमें, इन्हें अष्टसिद्धि और नौ निधि का भी वरदान मिला है."
क्या है अष्टसिद्धि ? : पहले ये जान लीजिए कि ये अष्ट सिध्दि और नौ निधि क्या होती है. जो अष्ट सिद्धि हैं, उनके नाम इस प्रकार हैं
- अणिमा
- महिमा
- लघिमा
- गरिमा
- प्राप्ति
- प्राकाम्य
- इशित्व
- वशित्व
इन सिद्धियों से होता ये है कि हनुमान जी इन शक्तियों के कारण कैसा भी रूप ले सकते हैं. छोटा से छोटा और बड़े से बड़ा रूप वो ले सकते हैं. किसी भी इंसान या जीव का रूप लेकर आ सकते हैं."
क्या है नौ निधियां ? : पुराणों में बताया गया है कि, "नौ निधियों से बुद्धि और श्रेष्ठ गुणों की प्राप्ति होती है. इन नौ निधियों के नाम हैं: पद्म निधि, महापद्म, नील, मुकुंद निधि, नंद, मकर, कच्छप निधि, शंख और खर्व हैं. इन निधियों में हर तरफ से मनुष्य अपने आप को बुद्धिमान, श्रेष्ठ और गुणवत्ता से शोभायमान पाता है. इसी वजह से हनुमान जी इतने बुद्धिशाली हैं."
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हनुमानजी की भक्ति से मिलती है सफलता: पंडित संजय तिवारी बताते हैं कि "हम भी इन सिद्धियों और निधियों को प्राप्त कर सकते हैं. माता पार्वती या उनकी स्वरूपा मां दुर्गा की कठिन पूजा से इन्हें प्राप्त किया जा सकता है. लेकिन इतना कठिन तप और संयम करना होगा कि, इंसान को कलयुग के प्रभाव से बाहर आना होगा. हनुमान जी की पूजा से उनके भक्तों के संकट कट जाते हैं. उनके सारे काम बन जाते हैं. हनुमानजी को प्राप्त इन्हीं सिद्धियों और निधियों के करण उनके भक्तों को यह लाभ होते हैं."
हनुमान जी के बीज मंत्र का करें जाप: ये सब जानकारी ब्रम्हयवर्त पुराण और मार्कण्डेय पुराण में भी दी गई हैं. आप और विस्तृत जानकारी चाहते हैं, तो इन पुराणों का अध्ययन कर अष्ट सिद्धि और नौ निधियों के बारे में विस्तार से जानकारी ले सकते हैं. हनुमान जन्मोत्सव 2023 में जन्मोत्सव से पहले हनुमान जी के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए. "ॐ ह्न हनुमंते नमः" इस मंत्र का जप करने से आपके हृदय और दिमाग में एक तेज उत्पन्न होता है. इससे भी हम हनुमानजी की कृपा प्राप्त कर सकते हैं."