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अंबिकापुर में गणपति विसर्जन के बाद नदियों के घाट पर पसरी गंदगी

गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के दौरान लोगों ने नदियों में गंदगी (dirty in rivers) फैला दी है. जिस पर अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) कोई कार्रवाई करता नहीं दिख रहा. वहीं शंकर घाट में पॉलीथिन के ढेर लगे हुए हैं.

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नदियों के घाट में पसरी गंदगी
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Published : Sep 20, 2021, 5:03 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: सिद्धि के दाता भगवान गणेश (Lord Ganesh) का पूजन 9 दिनों तक धूम धाम से मनाया गया. गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के दौरान लोगों ने लापरवाही का परिचय दिया. लोगों ने गणेश विसर्जन के बाद नदी और नालों में गंदगी फैला दी. इस ओर अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) का कोई ध्यान नहीं जा रहा है.

गणेश विसर्जन के बाद पसरी गंदगी
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घाटों पर दिखी गंदगी

दरअसल, अंबिकापुर में 10 सितंबर से गणेशोत्सव शुरू हुआ. घर-घर भगवान गणेश विराजमान हुए, लेकिन बीते 5 दिनों से भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन शुरू हुआ और विसर्जन के अंतिम दिन जब ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने घाटों की पड़ताल की तो वहां स्थिति बेहद विपरीत दिखी.

शंकर घाट पर पॉलीथिन के ढेर

शहर के सबसे बड़े घाट शंकर घाट में पॉलीथिन के ढेर (Pile of polythene in Shankar Ghat) लगे दिखे. नदी में डाली गई यह पॉलीथिन किसी ने नदी से निकालकर घाट के किनारे रख दिया है. जीवन दायनी नदी के किनारे इतनी गंदगी पसरी है जितना कचरा अंबिकापुर के कचरा संग्रहण केंद्रों में भी नहीं दिखता. क्योंकि अंबिकापुर क्लीन सिटी है, यहां कचरा फेंकने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है.


स्वच्छता के क्षेत्र में अव्वल रहा अंबिकापुर

अंबिकापुर स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे देश को शिक्षा देता है, लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) देश मे अव्वल रहने का रिकॉर्ड कायम किया है, लेकिन उसी नगर निगम क्षेत्र के नागरिक भगवान के विसर्जन के दौरान इतनी गंदगी कर रहे हैं. कागज, कार्टून, और पॉलीथिन का ढेर नदियों के किनारे पड़ा है और नगर निगम भी अब तक इस कचरे को यहां से नहीं उठा सका है.

सरगुजा: सिद्धि के दाता भगवान गणेश (Lord Ganesh) का पूजन 9 दिनों तक धूम धाम से मनाया गया. गणेश विसर्जन (Ganesh Visarjan) के दौरान लोगों ने लापरवाही का परिचय दिया. लोगों ने गणेश विसर्जन के बाद नदी और नालों में गंदगी फैला दी. इस ओर अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) का कोई ध्यान नहीं जा रहा है.

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दरअसल, अंबिकापुर में 10 सितंबर से गणेशोत्सव शुरू हुआ. घर-घर भगवान गणेश विराजमान हुए, लेकिन बीते 5 दिनों से भगवान गणेश की प्रतिमा का विसर्जन शुरू हुआ और विसर्जन के अंतिम दिन जब ईटीवी भारत (ETV BHARAT) ने घाटों की पड़ताल की तो वहां स्थिति बेहद विपरीत दिखी.

शंकर घाट पर पॉलीथिन के ढेर

शहर के सबसे बड़े घाट शंकर घाट में पॉलीथिन के ढेर (Pile of polythene in Shankar Ghat) लगे दिखे. नदी में डाली गई यह पॉलीथिन किसी ने नदी से निकालकर घाट के किनारे रख दिया है. जीवन दायनी नदी के किनारे इतनी गंदगी पसरी है जितना कचरा अंबिकापुर के कचरा संग्रहण केंद्रों में भी नहीं दिखता. क्योंकि अंबिकापुर क्लीन सिटी है, यहां कचरा फेंकने पर कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ता है.


स्वच्छता के क्षेत्र में अव्वल रहा अंबिकापुर

अंबिकापुर स्वच्छता के क्षेत्र में पूरे देश को शिक्षा देता है, लगातार स्वच्छता सर्वेक्षण में अंबिकापुर नगर निगम (Ambikapur Municipal Corporation) देश मे अव्वल रहने का रिकॉर्ड कायम किया है, लेकिन उसी नगर निगम क्षेत्र के नागरिक भगवान के विसर्जन के दौरान इतनी गंदगी कर रहे हैं. कागज, कार्टून, और पॉलीथिन का ढेर नदियों के किनारे पड़ा है और नगर निगम भी अब तक इस कचरे को यहां से नहीं उठा सका है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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