अंबिकापुर: जिले के बतौली विकासखण्ड के ग्राम भटकों, करदना और कालीपुर में दबंगों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक हजार एकड़ से अधिक बड़े झाड़ एवं पहाड़ मद में दर्ज शासकीय भूमि को अपने नाम करा लिया. ग्रामीणों की शिकायत के बाद जब हल्ला मचा तब प्रशासन ने मामले की जांच की. जांच में इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ. तहसीलदार ईश्वर चंद्र यादव ने मामले में पटवारी, काननूगों सहित फर्जीवाड़ा करने वाले 25 में से 24 लोगों के खिलाफ अलग-अलग 2 एफआईआर दर्ज कराई है. दो अलग अलग मामलों में एक में 20 और दूसरे में 4 लोगों पर एफआईआर की गई है. फरार पटवारी की भी तलाश जारी है.
ग्रामीणों की शिकायत पर शासकीय एवं गोचर भूमि की जांच 7 सदस्यीय टीम से कराई गई थी. पटवारी आरआई के माध्यम से फर्जी रजिस्ट्री में नामचीन व्यक्तियों और विभिन्न राजनीतिक पार्टियों से जुड़े लोगों के नाम सामने आए हैं. सभी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया था. जांच में यह बात सामने आई कि शासकीय भूमि निजी मद में नामांतरण करने में कोई पंजी नहीं चली है न ही न्यायालयीन प्रकरण दर्ज किया गया है. औने-पौने तरीके से नामांतरण किया गया है. कुछ खातों से धान भी बेचा गया है. टीम ने 25 लोगों के नाम दिये हैं. तहसीलदार के प्रतिवेदन पर 24 लोगों के विरूद्ध अपराध दर्ज किया गया है. पटवारी की खोजबीन चल रही है. पटवारी की मिली भगत के बिना नामांतरण संभव नहीं है. पटवारी ही वास्तविक स्थिति के आधार पर रिकॉर्ड दर्ज करते हैं.- कलेक्टर कुंदन कुमार
- Dhamtari News: सड़क निर्माण में लेटलतीफी पर भड़के ग्रामीणों ने किया चक्काजाम
- Mahasamund News: पुलिस को देख 41 लाख का गांजा छोड़ भाग खड़े हुए तस्कर
- Bilaspur News: बिजली कटौती के खिलाफ अमर अग्रवाल का हल्ला बोल
भूमि फर्जीवाड़े के एक दूसरे मामले में तहसीलदार ने पटवारी कंचराम, कानूनगो जॉन बड़ा, बैगीन लोहार और अमित गुप्ता के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है. एफआईआर के अनुसार ग्राम कालीपुर स्थित खसरा क्रमांक 973/46 रकबा 2.023 हेक्टेयर का विक्रय फर्जी तरीके से किया गया है. भूमि की बिक्री ग्राम कुनकुरी कला निवासी बैगीन लोहार ने ग्राम भटको निवासी अमित कुमार गुप्ता के नाम की है. विक्रित भूमि का मूल खसरा क्रमांक 973 रकबा 114.65 एकड़ है जो बड़े झाड़ के जंगल मद में दर्ज है. कूट रचना कर अधिकार अभिलेख में भूमि मंगल के नाम दर्ज है. भूमि को फर्जी तरीके से बैगीन के नाम पर दर्ज करा भूमि का बिक्री पत्र निष्पादित किया गया है.
समिति में बेचा लाखों का धान: इन दबंगों ने ना सिर्फ कूटरचित दस्तावेज तैयार कर जमीन अपने नाम कराई बल्कि फर्जीवाड़ा कर लाखों रुपयों का धान भी सहकारी समिति में बेचा है. तहसीलदार की जांच में साल 2021-22 में शशांक ने 2 लाख 97 हजार 704 रुपये, रामानंद यादव ने 7 लाख 95 हजार 204 रुपये, प्रेमलता और अश्वनी सिंह ने 1 लाख 11 हजार 976 रुपये और 1 लाख 50 हजार 809 रुपये, कुल 2 लाख 62 हजार 785 रुपये, जगमोहन ने 5 लाख 49 हजार 240 रुपये, हेमंत ने 4 लाख 76 हजार 964 रुपये, भूपेंद्र यादव ने 2 लाख 29 हजार 216 रुपये, अनुप गुप्ता ने 1 लाख 3 हजार 257 रुपये का धान बेचा है. फर्जीवाड़े के बड़े खुलासे के बाद अब इनसे राशि की रिकवरी की जाएगी.
इन धाराओं के तहत अपराध दर्ज: इस मामले में आरोपियों के खिलाफ धारा 120 बी, 420, 467, 468, 471 का अपराध पंजीबद्ध किया है. बड़ी बात यह है कि आरोपियों में कांग्रेस, भाजपा के पदाधिकारी, ठेकेदार एवं खाद्यमंत्री के पूर्व निज सचिव सहित उसके रिश्तेदार भी शामिल हैं. मामला हाई प्रोफाइल है, ज्यादातर आरोपी सफेदपोश नेताओं के चहेते हैं. बवाल होता देख प्रशासन ने एक्शन तो लिया है लेकिन देखना यह होगा की क्या आरोपियों की गिरफ्तारी भी होगी.