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शव वाहन नहीं मिला तो बेटी की लाश कंधे पर लेकर पैदल ही निकल पड़ा पिता - father walks carrying daughter body

सरगुजा जिले के लखनपुर स्वास्थ्य केंद्र से एक पिता अपनी बेटी के शव को कंधे पर लेकर पैदल सड़क पर निकल गया.

girl died in surguja
सरगुजा में बच्ची की मौत
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Published : Mar 25, 2022, 9:23 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: संभाग से दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया है. यहां इलाज के दौरान 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. बच्ची बुखार और पेट दर्द से पीड़ित थी. मामला लखनपुर का है. एंबुलेंस सुविधा न मिलने के कारण पिता अपनी बेटी का शव कंधे पर लेकर निकल पड़ा. हालांकि स्थानीय लोगों ने बाइक की व्यवस्था कर उसे घर पहुंचाया. पिता के कंधे पर बच्ची का हृदय विदारक दृश्य देख सबकी आंखें भर आई. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने संज्ञान लिया. संयुक्त संचालक हेल्थ को कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने लखनपुर बीएमओ को हटाने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग से शो काज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

कंधे पर शव ले निकल पड़ा पिता

अमदला गांव के ईश्वर दास की सात साल की बेटी सुरेखा को पिछले 2 दिनों से तेज बुखार आ रहा था. परिजन घर पर ही उसका इलाज करा रहे थे. गुरुवार रात अचानक पेट में दर्द शुरू होने पर शुक्रवार सुबह 7 बजे उसे परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। मृतिका के पिता के अनुसार अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची को भर्ती कर उपचार शुरू किया और उसे आश्वासन दिया कि बच्ची जल्द स्वस्थ हो जाएगी.

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगाने के दौरान नर्स को बताया गया था कि बच्ची ने रात से कुछ खाया नहीं है और उसका पेट खाली है, लेकिन नर्स ने इंजेक्शन लगा दिया. इंजेक्शन लगाने के बाद बच्ची की नाक से खून निकलना शुरू हुआ और उसकी मौत हो गई.

15 दिन से था बुखार: बीएमओ डॉ. पीएस केरकेट्टा का कहना है कि बच्ची 15 दिनों से बीमार थी. उसे बुखार आ रहा था और ऑक्सीजन की कमी थी. उसे गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में वेंटिलेटर व शव वाहन की कमी है, जिससे लोगों को परेशानियां होती है.

मृतका के पिता ने 1099 पर फोन करने के बजाए शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए किसी अधिकारी को फोन किया. लखनपुर में शव वाहन नहीं होने के कारण उदयपुर की ओर शव वाहन को भेजा गया. शव वाहन सुबह 9:15 पर लखनपुर पहुंच गया लेकिन तब तक बेटी की मौत का गम झेल रहा पिता पैदल ही घर की ओर निकल गया.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री ने की कार्रवाई : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएमएचओ ने बीएमओ पीएस केरकेट्टा को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है. सीएमएचओ ने बीएमओ को अपना प्रभार रुपेश गुप्ता को सौंपने के निर्देश दिए हैं. शव वाहन उपलब्ध नहीं कराना बड़ी लापरवाही मानते हुए बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि बच्ची की हालत गंभीर थी, ऑक्सीजन लेवल कम था. उपचार किया गया लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका. 1099 से शव वाहन सुबह 9 बजे तक पहुंची थी लेकिन इससे पहले परिजन लाश लेकर चले गए थे. जिम्मेदार लोगों को देखना चाहिए था कि शोकाकुल परिवार के पास वाहन की व्यवस्था थी या नहीं. जब व्यवस्था है तो शव वाहन आने तक शोकाकुल परिवार को सब्र रखने के लिए समझाने की जरूरत थी. यह स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों को देखना था. मैंने जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जो काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें हटाया जाए. जिले में पांच वाहन हैं, जिनमें उदयपुर में भी एक वाहन है. शव वाहन 17 किमी की दूरी तय कर पहुंचा भी लेकिन तब तक परिजन लाश ले जा चुके थे.

सरगुजा: संभाग से दिल दहला देने वाला दृश्य सामने आया है. यहां इलाज के दौरान 7 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई. बच्ची बुखार और पेट दर्द से पीड़ित थी. मामला लखनपुर का है. एंबुलेंस सुविधा न मिलने के कारण पिता अपनी बेटी का शव कंधे पर लेकर निकल पड़ा. हालांकि स्थानीय लोगों ने बाइक की व्यवस्था कर उसे घर पहुंचाया. पिता के कंधे पर बच्ची का हृदय विदारक दृश्य देख सबकी आंखें भर आई. इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने संज्ञान लिया. संयुक्त संचालक हेल्थ को कार्रवाई को लेकर निर्देश दिए हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने लखनपुर बीएमओ को हटाने का निर्देश दिया है. स्वास्थ्य मंत्री ने विभाग से शो काज नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

कंधे पर शव ले निकल पड़ा पिता

अमदला गांव के ईश्वर दास की सात साल की बेटी सुरेखा को पिछले 2 दिनों से तेज बुखार आ रहा था. परिजन घर पर ही उसका इलाज करा रहे थे. गुरुवार रात अचानक पेट में दर्द शुरू होने पर शुक्रवार सुबह 7 बजे उसे परिजन सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के लिए भर्ती कराया गया था। मृतिका के पिता के अनुसार अस्पताल में डॉक्टरों ने बच्ची को भर्ती कर उपचार शुरू किया और उसे आश्वासन दिया कि बच्ची जल्द स्वस्थ हो जाएगी.

बताया जा रहा है कि स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ नर्स ने बच्ची को इंजेक्शन लगाया. इंजेक्शन लगाने के दौरान नर्स को बताया गया था कि बच्ची ने रात से कुछ खाया नहीं है और उसका पेट खाली है, लेकिन नर्स ने इंजेक्शन लगा दिया. इंजेक्शन लगाने के बाद बच्ची की नाक से खून निकलना शुरू हुआ और उसकी मौत हो गई.

15 दिन से था बुखार: बीएमओ डॉ. पीएस केरकेट्टा का कहना है कि बच्ची 15 दिनों से बीमार थी. उसे बुखार आ रहा था और ऑक्सीजन की कमी थी. उसे गंभीर हालत में भर्ती कराया गया था. अस्पताल में वेंटिलेटर व शव वाहन की कमी है, जिससे लोगों को परेशानियां होती है.

मृतका के पिता ने 1099 पर फोन करने के बजाए शव वाहन उपलब्ध कराने के लिए किसी अधिकारी को फोन किया. लखनपुर में शव वाहन नहीं होने के कारण उदयपुर की ओर शव वाहन को भेजा गया. शव वाहन सुबह 9:15 पर लखनपुर पहुंच गया लेकिन तब तक बेटी की मौत का गम झेल रहा पिता पैदल ही घर की ओर निकल गया.

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव

स्वास्थ्य मंत्री ने की कार्रवाई : इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है. सीएमएचओ ने बीएमओ पीएस केरकेट्टा को तत्काल प्रभाव से पद से हटा दिया है. सीएमएचओ ने बीएमओ को अपना प्रभार रुपेश गुप्ता को सौंपने के निर्देश दिए हैं. शव वाहन उपलब्ध नहीं कराना बड़ी लापरवाही मानते हुए बीएमओ को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है. नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं होने पर कार्रवाई की चेतावनी दी गई है.

इस मामले में स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंहदेव ने कहा कि बच्ची की हालत गंभीर थी, ऑक्सीजन लेवल कम था. उपचार किया गया लेकिन बच्ची को बचाया नहीं जा सका. 1099 से शव वाहन सुबह 9 बजे तक पहुंची थी लेकिन इससे पहले परिजन लाश लेकर चले गए थे. जिम्मेदार लोगों को देखना चाहिए था कि शोकाकुल परिवार के पास वाहन की व्यवस्था थी या नहीं. जब व्यवस्था है तो शव वाहन आने तक शोकाकुल परिवार को सब्र रखने के लिए समझाने की जरूरत थी. यह स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार लोगों को देखना था. मैंने जांच व कार्रवाई के निर्देश दिए हैं. जो काम नहीं कर पा रहे हैं तो उन्हें हटाया जाए. जिले में पांच वाहन हैं, जिनमें उदयपुर में भी एक वाहन है. शव वाहन 17 किमी की दूरी तय कर पहुंचा भी लेकिन तब तक परिजन लाश ले जा चुके थे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

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