सरगुजा: संभाग के बलरामपुर में स्टोन माइनिंग और स्टोन क्रशिंग का काम बदस्तूर जारी है. जिससे पर्यावरण को नुकसान हो रहा है. इसके अलावा मानव जीवन पर भी संकट मंडरा रहा है. लोगों को सांस की बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. सरगुजा संभाग के बलरामपुर जिले में दर्जन भर गांव ऐसे हैं जहां स्टोन डस्ट उड़ना आम बात हो चुकी है. ETV भारत की ग्राउंट रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ. ईटीवी भारत की टीम बलरामपुर के बरियों थाना क्षेत्र के राजपुर पहुंची. वहां लगातार स्टोन माइनिंग और क्रशिंग का काम लगातार जारी था. वहां के रहवासियों से जब इस बारे में बात की गई तो पता चला कि स्टोन क्रशिंग और स्टोन माइनिंग यहां आम बात है.
बड़ी-बड़ी मशीनों से खदानों में माइनिंग कार्य जारी था. जिसकी वजह से खदान ने खाई का रूप ले लिया था.अब सवाल यह खड़ा होता है कि क्या इन क्रेशर संचालकों को जो जमीन लीज पर दी गई है. ये उससे ही स्टोन निकाल रहे हैं, या फिर मनमाने तरीके से यह सब चल रहा है क्योंकि सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सोनी सीधा आरोप लगाते हैं कि, प्रशासन इनकी जांच करा लें, ये सभी अवैध तरीके से लीज से अधिक क्षेत्रफल में स्टोन निकालते हैं. वन भूमि में भी खदान और माइनिंग का कार्य किया जा रहा है. दिनेश सोनी ने आरोप लगाया कि इसकी जांच कराने पर राजस्व के नुकसान का भी पता चलेगा.
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खुदाई से वन क्षेत्र हो रहा प्रभावित
सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश सोनी ने सीधा पत्थर के व्यवसाय से जुड़े व्यापारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन इनकी जांच करा लें. ये सभी अवैध तरीके से लीज से अधिक क्षेत्रफल में स्टोन निकालते हैं. उन्होंने कहा कि इतना ही नहीं पत्थर के व्यवसाय में वयापारी इतने मशगूल हैं की उन्हें यहां रहने वाले लोगों के स्वास्थ्य की भी चिंता नहीं है. धूल के गुबार से पूरा क्षेत्र बंजर हो चुका है, पेड़ पौधों के साथ मानव जीवन नष्ट हो रहा है. बड़ी बात यह है की इस क्षेत्र के दर्जन भर गांवों में कई क्रेशर संचालित हैं और सभी का आलम यही है. राजनितिक रसूख और दबंगई ऐसी है की कोई भी ग्रामीण इनके खिलाफ कुछ बोलने की हिम्मत नहीं जुटा पाता है, ना ही कोई शिकायत करता है.
संभाग कमिश्नर ने कार्रवाई की कही बात
बहरहाल इस मामले में संभाग कमिश्नर जिनेविवा किंडो ने सभी कलेक्टरों से खनिज अधिकारियों को क्रेशर की जांच कराने और नियम के खिलाफ पाए जाने पर कड़ी करवाई करने की बात कही है. अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन कब एक्शन लेगा.