सरगुजा: दरिमा एयरपोर्ट के उन्नयन का रास्ता अब साफ होता नजर आ रहा है. खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने दरिमा एयरपोर्ट को अपग्रेड करने के साथ ही बनारस मार्ग से जोड़ने के लिए केंद्र को पत्र लिखा था. अब केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी का जवाब आया है कि एयरपोर्ट को 3-सी श्रेणी के तहत अपग्रेड करने की मंजूरी दे दी गई है. इसके साथ ही ऑपरेशन के उन्नयन के लिए रनवे, टैक्सीवे और एप्रन के लिए उच्च पेवमेंट क्लासीफिकेशन नंबर (पीसीएन) मूल्य की आवश्यकता होती है, जो कि संचालित होने वाले विमानों के प्रकार पर निर्भर करता है. छत्तीसगढ़ सरकार से मंजूरी मिलने के बाद स्थानीय पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने रनवे के विस्तार की योजना बनाई है.
दरअसल दरिमा एयरपोर्ट से घरेलु विमान सेवा शुरू करने को लेकर विगत तीन से चार वर्षों से निर्माण कार्य चल रहे हैं. दरिमा एयरपोर्ट में 22 करोड़ रुपए की लागत से लोक निर्माण विभाग ने दरिमा एयरपोर्ट में कई निर्माण कार्यों को पूरा कर लिया है.
- 1500 बाई 30 मीटर लम्बे रनवे
- 8 किमी लम्बे और 8 मीटर ऊंचे फेंसिंग युक्त दीवार
- 30 सीटर पारदर्शी टर्मिनल बिल्डिंग
- एटीसी टावर
- 6 वाच टावर
- मौसम विभाग के कार्यलय
- फायर पिट
- एक लाख लीटर क्षमता के वाटर रीजर वायर
- शेड निर्माण
- सिक्युरिटी रूम
- पैरिमेटर रोड
- गार्डन
- कार पार्किंग सहित अन्य निर्माण कार्य
डीजीसीए के मापदंड के अनुसार सारे निर्माण कार्य पूर्ण होने के बाद भी फिलहाल दरिमा एयरपोर्ट को डीजीसीए से उड़ान की अनुमति नहीं मिल पाई थी. बाद में यह निर्णय लिया गया था कि छोटे विमान के स्थान पर 72 सीटर विमान की सेवा जिले में शुरू की जाएगी. इसके लिए टर्मिनल भवन का फिर से निर्माण करने के साथ ही रनवे की लम्बाई बढ़ाने का निर्णय लेते हुए प्रोजेक्ट तैयार किया गया था और शासन को भेजा गया था.
दरिमा एयरपोर्ट में विस्तार के लिए 81 करोड़ रुपए का प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया था और जनवरी महीने में शासन से इसकी एक किस्त के रुपए में 46 करोड़ 27 लाख रुपए प्रदान भी किया गया था, लेकिन फिर लॉकडाउन के कारण प्रक्रिया अटक गई थी. इस राशि से रनवे की लम्बाई 1500 मीटर से बढाकर 2000 मीटर करनी थी और नए टर्मिनल भवन का निर्माण के साथ ही अन्य कई कार्य भी कराए जाने थे.
प्रदेश के कैबिनेट मंत्री अमरजीत भगत ने दरिमा एयरपोर्ट को अपग्रेड करने और घरेलु उड़ान शुरू करवाने की दिशा में पहल करते हुए केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखा था. खाद्यमंत्री ने मांग की थी कि दरिमा हवाई अड्डे का श्रेणी में सुधार करते हुए 3-सी केटेगिरी में शामिल करने, अंर्तराज्यीय सेवा के रूप में रायपुर-बनारस (अंबिकापुर होते हुए) उड़ान योजना में स्वीकृत प्रदान करने का अनुरोध किया था. इसके साथ ही मंत्री ने लिखा था कि छत्तीसगढ़ राज्य का उत्तरी भाग आज तक हवाई सुविधा (हवाई मार्ग) से वंचित रहा है. उड़ान योजना के तहत् इन क्षेत्रों में हवाई सेवा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए महानिदेशक नागरिक उड्ययन के निर्धारित मापदंड के अनुसार 3-सी श्रेणी की सुविधा और तकनीकी स्वीकृति दिया जाना आवश्यक है.
खाद्यमंत्री अमरजीत भगत के पत्र का केंद्रीय उड्डयन मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने जवाब दिया है. केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने अपने पत्र में लिखा कि राज्य सरकार अंबिकापुर हवाई अड्डे का विकास कर रही है. जिसके लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (भाविप्रा) आवश्यकतानुसार तकनीकी सहायता दे रहा है. छत्तीसगढ़ सरकार ने अंबिकापुर हवाई अड्डे को 3-सी श्रेणी के तहत अपग्रेड करने की योजना को मंजूरी दे दी है. ऑपरेशन के उन्नयन के लिए रनवे, टैक्सीवे और एप्रन के लिए उच्च पेवमेंट क्लासीफिकेशन नंबर (पीसीएन) मूल्य की आवश्यकता होती है जो कि संचालित होने वाले विमानों के प्रकार पर निर्भर करता है. छत्तीसगढ़ सरकार से मंजूरी मिलने के बाद, स्थानीय पीडब्ल्यूडी अधिकारियों ने रनवे के विस्तार की योजना बनाई है. केंद्रीय उड्डयन मंत्री ने दरिमा एयरपोर्ट के उन्नयन के लिए आवश्यक दिशा निर्दश दिए.