सरगुजा: अंबिकापुर नगर निगम का चुनाव से पहले परिसीमन के बाद बनाए गए नक्शे और वार्डों के विभाजन का मामला तूल पकड़ते जा रहा है. नगर निगम द्वारा तैयार किए गए नक्शे और मतदाता सूची से असंतुष्ट बीजेपी के नोताओं ने गुरुवार को एक बार फिर से निगम आयुक्त से मुलाकात की, लेकिन घंटों चली इस बैठक के बाद भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला. इसके बाद प्रतिनिधिमंडल ने कलेक्टर से मुलाकात कर अपनी मांगे रखी है.
बीजेपी ने सत्ताधारी कांग्रेस पर राजनैतिक लाभ लेने और परिसीमन के बाद वार्डों से छेड़छाड़ का आरोप लगाया गया है. बाीजेपी का आरोप है कि नगर निगम द्वारा तैयार नक्शे में कई वार्ड ऐसे हैं जो पहले नगर निगम थे, लेकिन अब निगम की सीमा रेखा से बाहर पंचायत में आ गए हैं. मामले में बढ़ती सियासत को देखते हुए बीजेपी ने शिकायतों का निराकरण नहीं होने पर सरकार के खिलाफ उग्र आंदोलन की चेतावनी के साथ कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की बात कही है.
नाराज दिखे बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल
दरअसल, नगर निगम चुनाव को लेकर 6 सितंबर को मतदाता सूची का प्रकाशन किया गया था. इससे पहले 5 सितंबर को बीजेपी के प्रतिनिधिमंडल ने आयुक्त कार्यालय में आयुक्त से मिलने पहुंचे थे, लेकिन आयुक्त की तबीयत खराब होने के कारण उनसे मुलाकात नहीं हो पाई थी. इसके बाद भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश मंत्री अनुराग सिंहदेव के नेतृत्व में बीजेपी पदाधिकारी नगर निगम कार्यालय पहुंचे थे. जहां उन्होंने निगम आयुक्त हरेश मंडावी से मुलाकात की. मुलाकात में उन्होंने परिसीमन और गजट नोटिफिकेशन के बाद तैयार किए गए शहर के नक्शे में आई विसंगतियों को लेकर चर्चा करते हुए उनमें सुधार की मांग की थी. जिसपर आयुक्त ने उन्हें निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार मतदाता सूची प्रकाशन होने तक इंतजार करने की बात कही थी, जिससे प्रतिनिधिमंडल नाराज दिखे.
वार्ड 17 को 4 वार्डों में किया गया है विलोपित
बीजेपी का आरोप है कि नगर निगम द्वारा तैयार किए गए नक्शे में वार्ड 17 को विलोपित कर दिया गया है और उस वार्ड के मतदाताओं को आस-पास के चार वार्डों में जोड़ दिया गया है, इसमें भी करीब 1200 मतदाता अभी भी ऐसे हैं जिनका पता नहीं चल रहा है कि वे किस वार्ड में मतदान करेंगे. मामले में पूर्व महापौर प्रबोध मिंज ने बताया की वार्ड 17 की जनसंख्या करीब 2300 थी जिसे पास के ही देवी वार्ड, रैदास वार्ड के सात अन्य वार्डों में शिफ्ट कर दिया गया है. इसमें भी लगभग 1200 मतदाता ऐसे हैं जिन्हें इनमें से किसी भी वार्ड में नहीं जोड़ा गया है, जिससे वे अभी पशोपेश में पड़े हुए हैं.
16 सितंबर तक दावा आपत्ति
मामले में निगम आयुक्त ने कहा कि परिसीमन के बाद बीजेपी ने वार्डों के विभाजन को लेकर कई कमियां गिनाई है. जिसपर मतदाता सूचि प्रकाशन के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी. उन्होंने कहा कि मामले में 16 सितंबर तक दावा आपत्ति मंगाई जाएगी और कमियां सामने आएगी उसका नियमानुसार हल किया जाएगा. साथ ही अगर इसमें कोई दोषी पाया जाता है तो उसपर भी कार्रवाई की जाएगी.