राजनांदगांव/डोंगरगढ़: डोंगरगढ़ में युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. जेसीसी(जे) अध्यक्ष अमित जोगी और उनकी पत्नी ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त किए जाने से प्रदेश भर में जेसीसी(जे) कार्यकर्ता गुस्से में हैं. उनका कहना है कि अवैधानिक तरीके से अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन रद्द किया गया है.
जोगी कांग्रेस के कार्यकर्ता इस मामले में मुख्यमंत्री बघेल का पुतला दहन करने आए थे. इस दौरान उनकी पुलिस के साथ झूमाझटकी भी हो गई. कार्यकर्ताओं ने भूपेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. युवा जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ के नेता अमर गोस्वामी ने बताया कि 17 अक्टूबर का दिन छत्तीसगढ़ के इतिहास में लोकतंत्र का काला दिन के रूप में जाना जाएगा. इस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आदेश पर न सिर्फ जेसीसी(जे) के अध्यक्ष अमित जोगी और ऋचा जोगी का नामांकन निरस्त हुआ है. उन्होंने कहा कि नामांकन रद्द करके लोकतंत्र की हत्या की गई है. जोगी परिवार को मरवाही से चुनाव लड़ने से रोककर भूपेश बघेल ने दिवंगत अजीत जोगी और मरवाही की जनता का अपमान किया है.
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भूपेश सरकार पर लगाए गंभीर आरोप
गोस्वामी ने आगे कहा कि जोगी परिवार से जाति पूछने वालों को पहले गांधी परिवार की जाति और मजहब के बारे में पूछना चाहिए. 20 साल से मरवाही की जनता को धोखे में रखने का आरोप लगाने वाले पहले यह बताए कि गांधी परिवार ने किस तरह देश को 70 साल से धोखे में रखा है.
छानबीन समिति ने अमित जोगी को नहीं माना आदिवासी
मरवाही उप चुनाव घोषणा के बाद JCCJ की ओर से अजीत जोगी के पुत्र अमित जोगी दावेदारी कर रहे थे, लेकिन 16 अक्टूबर को उच्च स्तरीय जाति छानबीन समिति के आदेश में अमित जोगी को कंवर आदिवासी नहीं माना गया. इसके साथ ही जाति प्रमाण पत्र निरस्त करने के आदेश दिए गए. अमित के साथ ही उनकी धर्मपत्नी ऋचा जोगी का जाति प्रमाण पत्र भी विधि अनुकूल ना पाए जाने पर निरस्त कर दिया गया. जाति प्रमाण पत्र के निरस्त होने पर दोनों के चुनाव नामांकन को भी निरस्त कर दिया गया है.