खैरागढ़/राजनांदगांव: साल्हेवारा के रामपुर में क्वॉरेंटाइन की अवधि पूरे होने के बाद घर जाने के लिए निकले युवक की मौत हो गई. मौत की खबर फैलते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया. हालांकि स्वास्थ्य विभाग हार्ट अटैक से युवक की मौत होने की बात कह रहा है, लेकिन युवक की मौत से क्वॉरेंटाइन सेंटर से लेकर पूरे क्षेत्र में लोगों में दहशत है.
बताया जा रहा है कि तेलंगाना से वापस लौटे प्रवासियों को उप स्वास्थ्य केंद्र रामपुर में क्वॉरेंटाइन किया गया था. 14 दिन की क्वॉरेंटाइन अवधि पूरी करने के बाद 32 वर्षीय चेतन यादव को क्वॉरेंटाइन मुक्त कर दिया गया. इसके बाद वह पैदल अपने घर पहुंचा और थोड़ी देर में छाती में दर्द होने की बात कही. उसकी ऐसी हालत देखकर उसके भाई रोहित यादव ने तुरंत रामपुर के उपस्वास्थ्य केंद्र में उसे भर्ती कराया, जहां डॉ सुरेखा मंडावी ने उसका इलाज किया.
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में युवक को बताया मृत
उसके बाद 108 के जरिए चेतन यादव को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र साल्हेवारा लाया गया. जहां डॉ. जयकिशन महोबिया ने उसे देखकर लक्षणों के आधार पर हार्ट अटैक बताया. वहीं ये भी बताया कि कोरोना नहीं है, न ही उसके चलते मृत्यु हुई है और शव को ले जाने की व्यवस्था के निर्देश दिए. उसके बाद परिजन शव को रामपुर लेकर आए, जहां उसका अंतिम संस्कार किया जाएगा.
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नहीं हो रही है स्वास्थ्य जांच
साल्हेवारा क्षेत्र में प्रवासी मजदूर हजारों की संख्या में आए हुए हैं और सभी को गांवों के स्कूल भवन में क्वॉरेंटाइन सेंटर बना कर रखा गया है. वहीं चेकपोस्ट में केवल एक ही स्क्रीनिंग टेस्ट मशीन है. ऐसे में क्वॉरेंटाइन सेंटर में ठहराए गए प्रवासियों की बराबर जांच नहीं हो पा रही है. इसकी वजह से कोरोना के अलावा अगर किसी भी प्रकार की समस्या मजदूरों को हो तो उसका पता तक नहीं चल पा रहा है. भले ही डॉक्टर ने कोरोना से मौत नहीं होने की बात कही है, लेकिन उसके बावजूद भी लोगों में डर होना स्वाभाविक है.