राजनांदगांव: जनपद पंचायत डोंगरगांव में विभाग की बड़ी लापरवाही देखने को मिली. बीते बुधवार को जनपद कार्यालय में कार्यरत एक महिला कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाई गई थी. इसके बाद भी बुधवार और गुरुवार को दफ्तर का कामकाज सामान्य रूप से जारी रहा. इतना ही नहीं गुरूवार दोपहर जनपद सीईओ ने अपने कक्ष में जनपद कर्मचारियों की बैठक भी ली. जबकि किसी भी बैंक या अन्य कार्यालय में संक्रमित के केस मिलने के बाद ऑफिस को कम से कम तीन दिनों के लिए सील कर दिया जाता है. जनपद सीईओ की इतनी बड़ी लापरवाही आने वाले दिनों में खतरा बन सकती है.
पढ़ें- राजनांदगांव: डोंगरगांव में कोरोना वायरस से 1 व्यक्ति की मौत, लोगों में भय कायम
जानकारी के मुताबिक बीते बुधवार को महिला कर्मचारी की कोरोना रिपोर्ट तब आई जब वह कार्यालय में ही उपस्थित थी. ये भी बताया जा रहा है कि 24 घंटे बीत जाने के बाद भी कार्यालय को सैनिटाइज नहीं किया गया था, जिसे लेकर कर्मचारियों में गुस्सा देखा गया था. महिला कर्मचारी का जनपद कार्यालय के अन्य सभी कक्षों में आना-जाना था. इसके बावजूद गुरुवार दोपहर तक कार्यालय को सैनिटाइज नहीं किया गया था.
ये भी पढ़ें- लॉकडाउन में खुलेआम बिक रही शराब, ज्यादा रेट लेकर काउंटर से बिक्री
जनप्रतिनिधियों की शिकायत पर अध्यक्ष ने दी दखल
जनपद पंचायत के जनप्रतिनिधियों ने कार्यालय को सुरक्षित रखने के सैनिटाइज करने और प्राइमरी कॉन्टैक्ट में आए अधिकारी-कर्मचारी को होम आइसोलेट करने की बात जनपद अध्यक्ष टिकेश साहू से की, जिसके बाद जनपद पंचायत दफ्तर को सैनिटाइज किया गया. कार्यालय को सील किए जाने की बात को लेकर अध्यक्ष साहू ने एसडीएम और जिला पंचायत सीईओ से चर्चा की है. जनपद अध्यक्ष टिकेश साहू ने बताया कि कार्यालय को बंद करने संबंधी कोई आदेश नहीं होने का हवाला देकर संक्रमित कर्मचारी के प्राइमरी कांटैक्ट में आने वाले अन्य कर्मियों की जांच और सीमित कर्मचारियों को बुलाकर जनपद का कार्य संचालित किया जा रहा है.