राजनांदगांव : मां बम्लेश्वरी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गांव वाली ब्रांड धूम मचा रहा है. जिसमें स्व-सहायता समूह की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है.वहीं इसकी खास बात ये है कि, इसमें खुद महिलाएं शेयर होल्डर हैं और इसमें काम कर कंपनी चला रही हैं. चवेली में गांव वाली नाम से हल्दी,मिर्च,धनिया मसाला उद्योग खोला गया है. कंपनी को स्थापित करने में पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. मां बम्लेश्वरी महिला स्व सहायता समूह की लगभग 3000 महिलाओं ने इसमें शेयर होल्डर बनकर धनिया,मिर्च हल्दी और अन्य मसालों का उत्पाद शुरू किया है. लगभग 2 एकड़ जमीन पर एक प्रोसेसिंग प्लांट लगाया गया है. जिसमें महिलाओं ने सालाना दो से ढाई करोड़ रुपए की कमाई का अनुमान लगाया है.
महिलाएं हैं कंपनी में शेयर होल्डर : स्व सहायता समूह की महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में यह पहल की गई है. महिलाएं यहां खुद गांव वाली कंपनी में शेयर होल्डर हैं. खुद मालिक बनकर यहां काम कर आत्मनिर्भर बन रही हैं.वहीं हल्दी,धनिया, मिर्च कच्चा उत्पाद जिले के मोहला-मानपुर के वनांचल क्षेत्रों में महिलाएं उगा रहीं हैं.वहां से ये सामान ग्राम चवेली के प्रोसेसिंग प्लांट में लाया जाता है. यहां महिलाएं इससे हल्दी, मिर्च,धनिया पाउडर तैयार करती हैं.
महिला स्व सहायता समूह ने हासिल किया नया मुकाम : महिला स्व सहायता समूह को एक नया आयाम देने वाली पद्मश्री फूलबासन बाई यादव ने मां बम्लेश्वरी महिला स्व सहायता समूह की शुरुआत एक छोटे रूप में की थी. जिसमें 11 महिलाओं को लेकर एक महिला स्व सहायता समूह बनाया. जिसमें अब हजारों महिलाएं काम कर रहीं हैं.इसी के तहत मां बम्लेश्वरी महिला प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने चवेली गांव में एक नई शुरुआत की. जहां गांव वाली के नाम से एक नई शुरुआत इन्होंने की है. इस प्लांट में 3000 से अधिक महिलाएं गांव वाली में काम करते हुए आर्थिक रूप से सुदृढ़ हो रही हैं.
- Surguja : अंबिकापुर में कैसे RRR सेंटर हुआ हिट ?
- छत्तीसगढ़ में इंजीनियरिंग की पढ़ाई से विद्यार्थियों ने क्यों बनाई दूरी ?
- Surguja: 11 वर्ष की मासूम के साथ गैंग रेप, आरोपी सलाखों के पीछे
उत्पादों की ब्रांडिंग और मार्केटिंग : गांव वाली सस्ते और अच्छे समान लोगों को उपलब्ध करा रही है. इसके साथ ही अपने प्रोडक्ट को मार्केट में मौजूद अन्य प्रोडक्ट की तुलना में लाने के लिए भी अलग से काम किया जा रहा है. महिला स्व सहायता समूहों ने इसके लिए टीमें तैयार की है. प्रोसेसिंग प्लांट में तैयार उत्पाद को मार्केट में अन्य कंपनियों की तुलना में कम दामों पर बेचा जा रहा है. कंपनी में हल्दी,धनिया,मिर्ची गांव वाली ब्रांड के नाम से तैयार किया जा रहा है. इसके लिए महिलाएं मार्केटिंग भी कर रही हैं. हर छोटे-बड़े दुकानों और गांव में जाकर गांव वाली ब्रांड का प्रचार किया जा रहा है.