राजनांदगांव: प्रदेश की धर्मनगरी डोंगरगढ़ में पानी को लेकर लापरवाही देखने को मिल रही है. गर्मी के दिनों में भी शहरवासी पानी की बर्बादी करते नजर आ रहे हैं. डोंगरगढ़ के 24 वार्डों में जगह-जगह सरकारी नल तो लगाए गए हैं, लेकिन उनकी देखरेख के अभाव में अधिकतर नलों की टोटियां गायब हो गई हैं. जिसकी वजह से पानी व्यर्थ बहता रहता है. जिले की आधी आबादी सरकारी नलों पर निर्भर है, ऐसे में डोंगरगढ़ में पानी की बर्बादी चिंताजनक है.
अनलाॅक की तरफ बढ़ता नारायणपुर, शनिवार-रविवार को टोटल लॉकडाउन
डोंगरगढ़ में पानी को लेकर हो रही लापरवाही के पीछे नलों के रखरखाव पर ठीक से निगरानी ना रखने के लिए नगर पालिका तो जिम्मेदार है ही, साथ ही शहरवासियों की भी गलती है. शहर में ऐसे कई वार्ड हैं, जहां गर्मी के दिनों में पानी की भारी किल्लत देखने को मिलती है. वहीं कुछ ऐसे वार्ड भी हैं, जहां पर्याप्त मात्रा में पानी मिलता है, लेकिन वार्डवासी इसका दुरुपयोग करते हैं.
छत्तीसगढ़ में आर्थिक आपातकाल लगाने राष्ट्रपति से क्यों की गई मांग ?
सरकारी नलों पर वार्डवासी धोते हैं बर्तन
डोंगरगढ़ के वार्ड नं 2 गौतम नगर बूढ़ादेव पानी टंकी के नीचे पानी की बर्बादी का नजारा आसानी से देखने को मिल रहा है, जहां पांच घरों के बीच में एक सरकारी नल लगाया गया है. पहाड़ी और पानी टंकी के नीचे बसने के कारण इस इलाके में पानी का बहाव तेज है. जिससे पानी पर्याप्त मात्रा में मिलता है, लेकिन यहां पानी को किसी बड़े बर्तन या बाल्टियों में भरकर रखने की जगह लोग बर्तनों को धोने में बड़ी मात्रा में पानी बर्बाद कर देते हैं. यहां लगभग दो घंटे नल चलता है, बावजूद इसके सभी घरों तक पानी की आपूर्ति नहीं हो पाती. इसकी वजह बर्तनों को धोने में पानी की बर्बादी है. इससे आए दिन यहां पानी को लेकर विवाद होते रहते हैं. शहरवासियों को पानी का मोल समझकर उसे बिना बर्बाद किए उपयोग में लाना चाहिए, साथ ही निगम प्रशासन को भी क्षेत्र के सरकारी नलों पर कड़ाई से निगरानी रखनी चाहिए.