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राजनांदगांव: हर घर में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य, नहीं तो होगा जुर्माना

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Published : Jun 25, 2019, 11:06 PM IST

जिन घरों में वर्तमान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, उन्हें लगाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी चुनने या फिर नगर निगम के जरिए सिस्टम फिट कराने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं.

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राजनांदगांव: पेयजल संकट से जूझने के बाद अब नगर निगम को मानसून में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त कराने की याद आ गई है. नगर निगम के अधिकारी अब इस दिशा में कड़ाई से वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं.

हर घर में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य

जिन घरों में वर्तमान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, उन्हें लगाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी चुनने या फिर नगर निगम के जरिए सिस्टम फिट कराने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. नगर निगम ने बीते दिनों वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपने कालोनियों में लागू नहीं करने पर कॉलोनाइजर्स पर एक करोड़ 40 लाख का जुर्माना लगाया था.

70 फीसदी पानी स्टॉक में कमी
नगर निगम के करीब सभी वार्डों में भीषण पेयजल संकट से लोगों को जूझना पड़ रहा है. यहां जून के पहले पखवाड़े तक स्थिति बेहद खराब रही. इसके चलते नगर निगम के पास पेयजल के लिए स्टोरेज पानी का भी स्टॉक पिछले साल की तुलना में करीबन 70 फीसदी कम रहा. इस बात से सीख लेते हुए नगर निगम ने इस मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य करने की बात कही है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य
नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे घरों को चिन्हित कर लिया है. जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है. कॉलोनाइजर्स ने शहर के करीब 980 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए हैं. इसके अलावा शहर के 51 वार्डों में करीब पचास हजार ऐसे पक्के मकान है जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं. इसके लिए अब नगर निगम ने गंभीरता से काम करते हुए उन्हें स्वयं से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने या फिर नगर निगम की एजेंसी से लगवाने के लिए आदेश जारी कर दिया है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से होगा फायदा
मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू करने पर वाटर लेवल में वृद्धि की संभावना है. इस बात को लेकर नगर निगम ने प्लानिंग के तहत काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सबसे ज्यादा कारागार है. इस कारण वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू किया जाना शहर की पहली आवश्यकता बन गई है. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अगर इस मानसून में नगर निगम 25 फीसदी भी लागू करवा पाता है, तो भू जल स्रोत को इसका बड़ा फायदा होगा. इसके साथ ही जो लोग पेयजल का उपयोग दैनिक क्रियाकलापों के लिए करते हैं इसमें भी कमी आएगी.

राजनांदगांव: पेयजल संकट से जूझने के बाद अब नगर निगम को मानसून में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त कराने की याद आ गई है. नगर निगम के अधिकारी अब इस दिशा में कड़ाई से वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं.

हर घर में वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य

जिन घरों में वर्तमान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है, उन्हें लगाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी चुनने या फिर नगर निगम के जरिए सिस्टम फिट कराने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. नगर निगम ने बीते दिनों वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपने कालोनियों में लागू नहीं करने पर कॉलोनाइजर्स पर एक करोड़ 40 लाख का जुर्माना लगाया था.

70 फीसदी पानी स्टॉक में कमी
नगर निगम के करीब सभी वार्डों में भीषण पेयजल संकट से लोगों को जूझना पड़ रहा है. यहां जून के पहले पखवाड़े तक स्थिति बेहद खराब रही. इसके चलते नगर निगम के पास पेयजल के लिए स्टोरेज पानी का भी स्टॉक पिछले साल की तुलना में करीबन 70 फीसदी कम रहा. इस बात से सीख लेते हुए नगर निगम ने इस मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य करने की बात कही है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाना अनिवार्य
नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे घरों को चिन्हित कर लिया है. जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है. कॉलोनाइजर्स ने शहर के करीब 980 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए हैं. इसके अलावा शहर के 51 वार्डों में करीब पचास हजार ऐसे पक्के मकान है जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं. इसके लिए अब नगर निगम ने गंभीरता से काम करते हुए उन्हें स्वयं से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने या फिर नगर निगम की एजेंसी से लगवाने के लिए आदेश जारी कर दिया है.

वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम से होगा फायदा
मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू करने पर वाटर लेवल में वृद्धि की संभावना है. इस बात को लेकर नगर निगम ने प्लानिंग के तहत काम करना शुरू कर दिया है. बताया जा रहा है कि वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सबसे ज्यादा कारागार है. इस कारण वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू किया जाना शहर की पहली आवश्यकता बन गई है. वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अगर इस मानसून में नगर निगम 25 फीसदी भी लागू करवा पाता है, तो भू जल स्रोत को इसका बड़ा फायदा होगा. इसके साथ ही जो लोग पेयजल का उपयोग दैनिक क्रियाकलापों के लिए करते हैं इसमें भी कमी आएगी.

Intro:राजनांदगांव पेयजल संकट से जूझने के बाद अब नगर निगम को इस मानसून वॉटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को दुरुस्त कराने की याद आ गई है नगर निगम के अधिकारी अब इस दिशा में कड़ाई से वाटर हार्वेस्टिंग लगाने के लिए प्लानिंग कर रहे हैं जिन घरों में वर्तमान में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है उन्हें लगाने के लिए स्वतंत्र एजेंसी चुनने या फिर नगर निगम के जरिए सिस्टम फिट कराने के लिए आदेश जारी कर दिए हैं. बता दें कि नगर निगम ने विगत दिनों वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अपने कालोनियों में लागू नहीं किया जाने को लेकर कॉलोनाइजर्स पर एक करोड़ 40 लाख का जुर्माना लगाया था।


Body:उल्लेखनीय है कि इस बार नगर निगम के तकरीबन सभी वार्डों में भीषण पेयजल संकट रहा जून के पहले पखवाड़े तक स्थिति काफी खराब रही इसके चलते नगर निगम के पास पेयजल के लिए स्टोरेज पानी का भी स्टॉक पिछले साल की तुलना में करीबन 70% कम रहा इस बात से सीख लेते हुए नगर निगम ने इस मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य करने की ठान ली है नगर निगम के अधिकारियों ने ऐसे घरों को चिन्हित कर लिया है जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं है तकरीबन 980 घरों में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम कॉलोनाइजर्स ने ही नहीं लगाए हैं गए हैं इसके अलावा शहर के 51 वार्डों में यह संख्या हजारों में पहुंच रही है शहर के तकरीबन पचास हजार ऐसे पक्के मकान है जहां वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाए गए हैं इसके लिए अब नगर निगम गंभीरता से काम करते हुए उन्हें स्वयं से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने या फिर नगर निगम की एजेंसी से लगवाने के लिए आदेश जारी कर दिया है।
बड़ा फायदा होगा
इस मानसून में वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू करने पर वाटर लेवल के प्रतिशत में बढ़ोतरी के आसार बनेंगे इस बात को लेकर नगर निगम ने प्लानिंग के तहत काम करना शुरू कर दिया है बताया जा रहा है कि वाटर लेवल को बढ़ाने के लिए वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम सबसे ज्यादा कारागार है इस कारण वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को कड़ाई से लागू किया जाना शहर की पहली आवश्यकता बन गई है वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम अगर इस मानसून में नगर निगम 25% भी लागू करवा पाता है तो भू जल स्रोत को इसका बड़ा फायदा होगा इसके साथ ही जो लोग पेयजल का उपयोग दैनिक क्रियाकलापों के लिए करते हैं इसमें भी कमी आएगी।


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