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राजनांदगांव: विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन कर धर्म बचाने का लिया संकल्प

राजनादंगांव में विजयदशमी के मौके पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने शस्त्र पूजन किया और धर्म बचाने का संकल्प लिया.

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Published : Oct 25, 2020, 5:35 PM IST

Updated : Oct 25, 2020, 7:03 PM IST

worshiped arms in Rajnandgaon
राजनांदगांव में शस्त्र पूजन

राजनांदगांव: विजयादशमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने रविवार को हनुमान मंदिर में पूरे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया. रावण वध के आयोजन के पहले शस्त्र पूजन की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इसके तहत विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शस्त्र पूजन किया. इसके साथ ही उन्होंने धर्म को बचाने का संकल्प भी लिया.

राजनांदगांव में वीएचपी की शस्त्र पूजा

पढ़ें: रायपुर: विजयादशमी के मौके पर पुलिस विभाग ने की अस्त्र-शस्त्र की पूजा, आला अधिकारी हुए शामिल

सालों से चली आ रही परंपरा को विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने आज भी जीवित रखा है. रावण वध के पहले शस्त्र पूजन की परंपरा चलती आ रही है. इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए रावण वध पर पाबंदियां लगाई गई है. इसके साथ ही विजयादशमी के अवसर पर होने वाले विभिन्न आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है. यही कारण है कि दशहरे के पहले ही जिला प्रशासन ने रावण दहन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे.

छुईखदान में भी नहीं निकलेगी शाही सवारी

छुईखदान में विजयादशमी के अवसर पर निकलने वाली शाही सवारी पर रोक लगा दी गई है. रावण वध के पूर्व राजघराने से शाही सवारी निकाली जाती थी और इसके बाद रावण दहन की परंपरा थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस बार इस परंपरा पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शहर में हर साल विजयादशमी के अवसर पर 2 स्थानों में बड़े आयोजन किए जाते थे. इस पर भी इस साल रोक लगाई गई है. कलेक्टर टीके वर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए ऐसे आयोजनों पर रोक लगाई गई है.

राजनांदगांव: विजयादशमी के अवसर पर विश्व हिंदू परिषद के कार्यकर्ताओं ने रविवार को हनुमान मंदिर में पूरे विधि विधान से शस्त्र पूजन किया. रावण वध के आयोजन के पहले शस्त्र पूजन की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इसके तहत विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने हिंदू रीति रिवाज के अनुसार शस्त्र पूजन किया. इसके साथ ही उन्होंने धर्म को बचाने का संकल्प भी लिया.

राजनांदगांव में वीएचपी की शस्त्र पूजा

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सालों से चली आ रही परंपरा को विश्व हिंदू परिषद के लोगों ने आज भी जीवित रखा है. रावण वध के पहले शस्त्र पूजन की परंपरा चलती आ रही है. इस बार कोरोना वायरस को देखते हुए रावण वध पर पाबंदियां लगाई गई है. इसके साथ ही विजयादशमी के अवसर पर होने वाले विभिन्न आयोजनों पर भी रोक लगा दी गई है. यही कारण है कि दशहरे के पहले ही जिला प्रशासन ने रावण दहन को लेकर दिशा-निर्देश जारी कर दिए थे.

छुईखदान में भी नहीं निकलेगी शाही सवारी

छुईखदान में विजयादशमी के अवसर पर निकलने वाली शाही सवारी पर रोक लगा दी गई है. रावण वध के पूर्व राजघराने से शाही सवारी निकाली जाती थी और इसके बाद रावण दहन की परंपरा थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस बार इस परंपरा पर रोक लगा दी है. इसके साथ ही शहर में हर साल विजयादशमी के अवसर पर 2 स्थानों में बड़े आयोजन किए जाते थे. इस पर भी इस साल रोक लगाई गई है. कलेक्टर टीके वर्मा का कहना है कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे को देखते हुए ऐसे आयोजनों पर रोक लगाई गई है.

Last Updated : Oct 25, 2020, 7:03 PM IST
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