राजनांदगांव: कोरोना वायरस संक्रमितों के अंतिम संस्कार के लिए गठला ग्राम पंचायत में श्मशान निर्माण के लिए जिला प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण करने का फैसला लिया है. लेकिन सरपंच, जनपद सदस्य सहित जनप्रतिनिधियों ने जिला प्रशासन के इस फैसले का कड़ा विरोध किया है. जानकारी के मुताबिक जिला प्रशासन की एक बैठक में नगर निगम के आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने सरपंचों से इस संबंध में चर्चा की थी. लेकिन जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इसके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है.
कोरोना वायरस के संक्रमण से शहर में मौतों का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है. इसके लिए जिला प्रशासन ने संक्रमण से मरने वाले लोगों के अंतिम संस्कार के लिए नए शमशान भूमि का चयन गठला में किया. जिला प्रशासन के अफसरों ने बैठक में इसे लेकर पूरी रूपरेखा तैयार कर ली थी. लेकिन इस बीच सरपंचों का विरोध सामने आया. सरपंचों ने कलेक्टोरेट पहुंचकर मामले को लेकर के अपना विरोध प्रकट किया. साथ ही जमीन नहीं देने की बात कही.
निगम आयुक्त पर दुर्व्यवहार का आरोप
बताया जा रहा है कि बैठक में मौजूद नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक ने सरपंचों से दुर्व्यवहार कर दिया. कलेक्ट्रेट से लौटने के बाद सरपंचों और जनप्रतिनिधियों ने ग्रामीणों के साथ बैठक की. देर रात बैठक चलने के बाद फैसला लिया गया कि गांव में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के अंतिम संस्कार के लिए जमीन नहीं दी जाएगी. नगर निगम का मामला नगर निगम सीमा में ही निपटाया जाए.
![Villagers protesting to build crematorium](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/8705221_img.jpg)
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ग्रामीणों ने किया विरोध
मौके पर सैकड़ों ग्रामीणों ने प्रशासन के इस फैसले का जमकर विरोध किया. ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासन यदि इस मामले में ग्रामीणों की बात नहीं सुनेगा तो उन्हें विरोध का सामना करना पड़ेगा. करीब 4 घंटे तक पुलिस और ग्रामीणों में कहासुनी होती रही. इस बीच जिला प्रशासन बैकफुट पर आ गया. संक्रमित लोगों के शव जलाने के लिए शमशान भूमि को निगम क्षेत्र में ही बनाने के मामले में सहमति दे दी है.
निगम आयुक्त ने आरोपों को किया खारिज
यह पहली बार नहीं है जब नगर निगम आयुक्त अपने दुर्व्यवहार को लेकर के चर्चा में आए हैं. इससे पहले महापौर के पदभार ग्रहण के बाद केबिन को लेकर भी उनकी कहासुनी हो चुकी है. कई बार पत्रकारों के साथ भी वे दुर्व्यवहार कर चुके हैं. अब सरपंचों के साथ भी ऐसा मामला सामने आते ही उनके व्यवहार को लेकर उंगलियां उठने लगी है. बताया जा रहा है कि पूरे मामले को लेकर के सरपंच सीएम तक शिकायत करने की तैयारी में हैं. मामले को लेकर नगर निगम आयुक्त चंद्रकांत कौशिक से चर्चा की गई तो उन्होंने कहा कि ग्रामीणों को केवल समझाइश दी गई थी. श्मशान भूमि की कहीं न कहीं तो जरुरत है. उन्होंने अपने ऊपर लगने वाले आरोपों को साफ तौर पर इंकार किया है.