राजनांदगांव: जिले के छुरिया डोंगरगांव क्षेत्र के ग्राम धनगांव में करोड़ों की लागत से बन रहे उच्च स्तरीय पुल को लेकर विवाद शुरू हो गया है. इसे लेकर लगभग दर्जन भर से ज्यादा गावों के ग्रामीणों में असंतोष (Rajnandgaon bridge construction dispute ) है. ग्रामीणों का आरोप है कि यह पुल धनगांव से डूमरघुचा के बीच बनने वाला था लेकिन अधिकारियों और स्थानीय विधायक इस पुल को दूसरी जगह बनाने की तैयारी में जुट गए हैं, इसे लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है. इस संबंध में ग्रामीणों ने प्रेस वार्ता की.
मुख्यमंत्री ने किया था वर्चुवल शिलान्यास
राजनांदगांव प्रेस क्लब में ग्रामीणों ने पुल निर्माण से जुड़ी जानकारी को लेकर प्रेस वार्ता की. प्रेसवार्ता के दौरान ग्रामीणों ने बताया कि 19 सितंबर को लगभग 8 करोड़ 45 लाख रूपये की लागत से बनने वाले पुल का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के माध्यम से वर्चुवल शिलान्यास किया गया था, जिसके बाद से ग्रामीणों में काफी उत्साह था कि उनकी मेहनत रंग लाई. अब उन्हें उच्च स्तरीय पुल की सुविधा लंबे समय के बाद उपलब्ध होगी. पुल का भूमिपूजन और सर्वे ग्राम पंचायत धनगांव से डुमरघूंचा के बीच हुआ.
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पुल का जगह परिवर्तन पर विरोध
ग्रामीणों ने बताया कि इंजीनियर व अधिकारियों द्वारा पुल का निर्माण उस स्थान पर ना होकर, उसी गांव में दूसरी ओर आश्रित ग्राम मानिकपुर व दाऊटोला के बीच बनाने की तैयारी हो रही है. वहां पत्थर की टेस्टिंग व नपाई भी की जा रही है और कार्य प्रारंभ ही किया जा रहा है, जिसका विरोध किया जा रहा है.
अधिकारियों से कई बार की जा चुकी है शिकायत
ग्रामीणों का कहना है कि लंबे समय से धनगांव और डूमरघुचा के बीच पुल की मांग को लेकर हम लगे हुए हैं और जब पुल बनने के लिए शिलान्यास हो गया तो उसका स्थान बदला जा रहा है. हम इसका विरोध करते हैं. जरूरत पड़ी तो पंचायत में ताला जड़कर विरोध प्रदर्शन भी करेंगे. मामले को लेकर उच्च अधिकारियों से कई बार शिकायत भी की जा चुकी है, बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है.