राजनांदगांव: प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के तेजी से बढ़ने के मामले में राजनांदगांव जिला दूसरे नंबर पर आ गया है. महामारी की इस स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने अब ट्रू नॉट (True Not) बायोलॉजिकल लैब की सुविधा लोगों के लिए शुरू कर दी है. इस लैब के शुरू होने से राजनांदगांव और आसपास के लोगों को संक्रमण की जांच के लिए अब परेशान नहीं होना पड़ेगा. इसके साथ ही कोविड-19 टेस्ट की रिपोर्ट भी जल्द मिलेगी. वर्तमान में यह सुविधा जिलेवासियों के लिए बड़ी उपलब्धि है.
कोरोना वायरस के सैंपल जांच के लिए राजनांदगांव जिले के लोगों को रायपुर एम्स के भरोसे रहना पड़ता था, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. लंबे समय के इंतजार के बाद स्वास्थ्य विभाग ने पुराने जिला चिकित्सालय भवन में ट्रू नॉट (True Not) बायोलॉजिकल लैब की शुरुआत कर दी है.अब यहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीजों के सैंपल की जांच हो सकेगी. स्वास्थ्य विभाग लंबे समय से जिले में लैब की स्थापना किए जाने को लेकर संचालनालय स्तर पर मांग कर रहा था. स्वीकृति मिलने के बाद अब यहां ट्रू नॉट (True Not) बायोलॉजिकल लैब शुरू किया जा रहा है.
रोजाना 80 मरीजों की जांच क्षमता
CMHO मिथिलेश चौधरी का कहना है कि लैब में एक माइक्रोबायोलॉजिस्ट और 8 लैब टेक्नीशियन की नियुक्ति की गई है, जो कोरोना से संक्रमित संदिग्ध मरीजों की जांच करेंगे. लैब की शुरुआती क्षमता करीब 80 मरीजों के जांच की है. जहां रोजाना 80 मरीजों के सैंपल की जांच हो सकेगी. इससे संक्रमण के फैलाव को रोकने में काफी मदद मिलेगी. जांच जल्द होने से लोगों की ट्रेसिंग जल्दी हो पाएगी और संक्रमण का फैलाव कम होगा.
बढ़ाएंगे जांच की क्षमता
CMHO मिथलेश चौधरी ने बताया कि शुरुआती तौर पर लैब में 80 सैंपल के जांच किए जाने की योजना बनाई गई है. आने वाले दिनों में इसकी क्षमता 150 मरीजों तक किए जाने की तैयारी की जा रही है. लैब में सैंपल जांच की क्षमता लगातार बढ़ाई जाएगी, ताकि लोगों को जल्द से जल्द सैंपल जांच की रिपोर्ट उपलब्ध कराई जा सके. आने वाले समय में करीब 200 से 300 सैंपल के जांच की सुविधा उपलब्ध हो सके इसके लिए स्वास्थ विभाग लगातार काम कर रहा है.
मौत के बाद हरकत में आया विभाग
कोरोना वायरस के संक्रमण की चपेट में आने वाले लखोली के रहने वाले युवक की अस्पताल में ही मौत हो गई. इस दौरान 2 दिन बाद उसके सैंपल की रिपोर्ट पॉजिटिव आई. जिसके बाद विभाग में हड़कंप मच गया. वहीं दूसरे मामले में भी ऐसी ही स्थिति पैदा हुई थी, जब संक्रमित व्यक्ति की मौत के बाद एम्स रायपुर से उसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई. दोनों ही मामलों के सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी हरकत में आए और लगातार लैब की स्थापना को लेकर आला अधिकारियों के समक्ष मांग रखी. जिस पर स्वीकृति मिलने के बाद अब लैब की शुरुआत की गई. इसके पहले संक्रमित मरीजों के सैंपल जांच के लिए एम्स रायपुर भेजे जाते थे. रायपुर AIIMS से रिपोर्ट आने में काफी देर हो जाती थी, जिसकी वजह से संक्रमण बढ़ते का खतरा ज्यादा होता था.
राजनांदगांव कोरोना मीटर
- कुल पॉजिटिव केस- 437
- डिस्चार्ज केस- 348
- एक्टिव केस- 87
- मौत- 03
लखोली इलाके में सबसे ज्यादा संक्रमित मरीज
कोरोना संक्रमण की चपेट में शहर का लखोली इलाका सबसे ज्यादा है. यहां पर अब तक 105 मरीज संक्रमित हो चुके हैं. सेठी नगर, राहुल नगर, दुर्गा चौक और बैगा पारा जैसे इलाकों में संक्रमण तेजी से फैला है. इस कारण लखोली इलाके की स्थिति काफी खराब है. स्वास्थ विभाग यहां पर लगातार सर्वे कराकर संदिग्ध मरीजों को ढूंढने की कोशिश में लगा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग ने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, शिक्षा विभाग और मितानिन की मदद से वार्ड के अलग-अलग इलाकों में सर्वे कराया है. इनमें अब तक के करीब 125 मरीज सर्दी खांसी से पीड़ित मिले हैं. जिन्हें लक्षण के आधार पर सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया है.
लखोली में ऐसे बढ़ा संक्रमण का दायरा
- 17 जून को 1 पॉजिटिव मरीज की पुष्टि.
- 18 जून को 3 मामले आए सामने.
- 19 जून को 8 पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि.
- 20 जून को 43 मरीज आए सामने.
- 21 जून को 3 मामलों की पुष्टि.
- 27 जून को मिले 8 कोरोना पॉजिटिव.
- 28 जून को 21 मरीजों की पुष्टि.
- 3 जुलाई को 3 पॉजिटिव केस मिले.
- 6 जुलाई 13 मामले आए सामने.
पढ़ें- लखोली में बेकाबू हो रहे हालात, लगातार सामने आ रहे कोरोना के मरीज
बता दें कि राज्य में कोरोना वायरस से जंग में राजनांदगांव की भूमिका लगातार बाकी जिलों से बेहतर रही. यही वजह है कि करीब 437 केस पॉजिटिव मिलने के बाद उनका इलाज कोविड-19 अस्पताल में किया गया और 348 मरीजों को ठीक भी कर लिया गया. माना जा रहा है कि ट्रू नॉट (True Not) बॉयोलॉजिकल लैब की स्थापना होने के बाद जिले के लोगों को इस महामारी से लड़ने में काफी मदद मिलेगी.