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राजनांदगांव: शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने शिक्षक हो रहे परेशान - राजनांदगांव न्यूज

सरकारी स्कूल में शैक्षणिक गतिविधियों के मूल्यांकन को लेकर शिक्षकों के ऊपर तलवार लटक रही है. ऑनलाइन पढ़ाई में शुरुआत में तो बच्चों ने उत्साह दिखाया है, लेकिन इसके बाद अब ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे दूर हो रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की घटती संख्या से शिक्षा विभाग भी परेशान है.

evaluating educational activities
शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन
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Published : Nov 8, 2020, 3:19 PM IST

राजनांदगांव: स्कूल में बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने में शिक्षकों का पसीना छूट रहा है. सरकारी स्कूल के आधे से अधिक बच्चे न तो ऑनलाइन क्लास में जुड़ पा रहे हैं और न ही ऑफलाइन पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है. अब शैक्षणिक गतिविधियों के मूल्यांकन को लेकर शिक्षकों के ऊपर तलवार लटक रही है.

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए करीब 8 महीने से स्कूलों को बंद रखा गया है. ऐसी स्थिति में बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई से शिक्षक जोड़ रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में शुरुआत में तो बच्चों ने उत्साह दिखाया है, लेकिन इसके बाद अब ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे दूर हो रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की घटती संख्या से शिक्षा विभाग भी परेशान है. इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक जल्द से जल्द बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों और उपलब्धियों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार करें.

पढ़ें-रायपुर: स्लम एरिया के बच्चों का भविष्य बना रहे ये भाई-बहन

मूल्यांकन का काम 1 अक्टूबर से शुरू किया गया है और करीब हर महीने इसे किया जाना है. हर बच्चे के मूल्यांकन की एंट्री शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर करनी है. इसका उद्देश्य केवल योजनाओं का आंकलन करना है, लेकिन बच्चों के पढ़ाई में रूचि नहीं लेने के चलते उनकी शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ा जाएगा

डीईओ एचआर सोम का कहना है कि जल्द से जल्द बच्चों को फिर से ऑनलाइन क्लासेस के लिए प्रेरित किया जाएगा. वर्तमान में दीपावली के माहौल के चलते बच्चों का मूल्यांकन शिक्षकों के लिए कठिन कार्य हो गया है. जल्द ही इस समस्या पर भी प्लानिंग के साथ काम किया जाएगा.

राजनांदगांव: स्कूल में बच्चों की शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन करने में शिक्षकों का पसीना छूट रहा है. सरकारी स्कूल के आधे से अधिक बच्चे न तो ऑनलाइन क्लास में जुड़ पा रहे हैं और न ही ऑफलाइन पढ़ाई में रुचि दिखा रहे हैं. ऐसे में शिक्षकों की परेशानी बढ़ गई है. अब शैक्षणिक गतिविधियों के मूल्यांकन को लेकर शिक्षकों के ऊपर तलवार लटक रही है.

कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए करीब 8 महीने से स्कूलों को बंद रखा गया है. ऐसी स्थिति में बच्चों को ऑनलाइन और ऑफलाइन पढ़ाई से शिक्षक जोड़ रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में शुरुआत में तो बच्चों ने उत्साह दिखाया है, लेकिन इसके बाद अब ऑनलाइन पढ़ाई से बच्चे दूर हो रहे हैं. ऑनलाइन पढ़ाई में बच्चों की घटती संख्या से शिक्षा विभाग भी परेशान है. इधर, शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि शिक्षक जल्द से जल्द बच्चों के ऑनलाइन गतिविधियों और उपलब्धियों का मूल्यांकन कर रिपोर्ट तैयार करें.

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मूल्यांकन का काम 1 अक्टूबर से शुरू किया गया है और करीब हर महीने इसे किया जाना है. हर बच्चे के मूल्यांकन की एंट्री शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर करनी है. इसका उद्देश्य केवल योजनाओं का आंकलन करना है, लेकिन बच्चों के पढ़ाई में रूचि नहीं लेने के चलते उनकी शैक्षणिक गतिविधियों का मूल्यांकन सही तरीके से नहीं हो पा रहा है.

ज्यादा से ज्यादा बच्चों को जोड़ा जाएगा

डीईओ एचआर सोम का कहना है कि जल्द से जल्द बच्चों को फिर से ऑनलाइन क्लासेस के लिए प्रेरित किया जाएगा. वर्तमान में दीपावली के माहौल के चलते बच्चों का मूल्यांकन शिक्षकों के लिए कठिन कार्य हो गया है. जल्द ही इस समस्या पर भी प्लानिंग के साथ काम किया जाएगा.

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