राजनांदगांवः कोरोना वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए देश में लॉकडाउन को लगातार नौ दिन हो गए हैं, एक ओर जहां 2 लाख की आबादी वाले शहर राजनांदगांव में सन्नाटा पसरा हुआ है, वहीं दूसरी ओर ग्रामीण इलाकों का भी यही हाल है. ETV भारत की टीम लॉकडाउन का जायजा लेने के लिए ग्रामीण इलाकों में निकली, टीम ने तकरीबन दर्जन से ज्यादा गांव में दस्तक दिया, इस दौरान पता चला कि ग्रामीण इलाके में लोग लॉकडाउन का गंभीरता से पालन रहे हैं.
कोरोना से जहां पूरा देश जंग लड़ रहा है, वहीं लॉकडाउन होने के बाद ग्रामीण इलाकों में भी हालात काफी संवेदनशील है. यह पहली बार है जब ग्रामीण क्षेत्रों में लोग वैश्विक माहामारी का सामना कर रहे हैं, जिससे बचाव का साधन सिर्फ सावधानी है. लॉकडाउन का पालन शहर के लोग से ज्यादा ग्रामीण क्षेत्रों में कड़ाई से कर रहे हैं.
घर के बाहर निकलने से लोग कतरा रहे हैं
ETV भारत की टीम ने मंगलवार को जिलामुख्यालय से तकरीबन 25 किलोमीटर दूर ग्राम बीजेभांटा, बगदई, गूंगेरी नवागांव, टप्पा, चिचोला, जामसरार सहित तुमड़ीबोड इलाकों के गांवों में दस्तक दी. जहां लोगों लॉकडाउन बाद अपने घरों से बहुत कम निकल रहे हैं, ग्रामीण रोजमर्रा की जरूरत की चीजों के लिए भी निर्धारित समय में ही कुछ देर के लिए निकल रहे हैं और फिर वापस घर पर लौट रहे हैं. बस्तियां सूनसान हो चुकी हैं, गलियों में सन्नाटा पसरा है, यहां तक कि जिस गांव में बाजार लगता है, वहां भी लोग निकलने से कतरा रहे हैं.
एक दर्जन गांव में पसरा सन्नाटा
लॉकडाउन होने के बाद से ETV भारत ने तकरीबन एक दर्जन गांवों का जायजा लिया. गांव के ज्यादातर लोग रोजी मजदूरी करके अपना जीवन यापन करते हैं लेकिन पिछले 9 दिन से घरों में हैं, इसके कारण उन्हें दैनिक उपयोग की चीजों के लिए जद्दोजहद करनी पड़ रही है.
परेशान है पूरा परिवार
लॉकडाउन होने के बाद दूसरे राज्यों में काम करने गए मजदूरों के परिवार परेशान हैं, क्योंकि लॉकडाउन होने के बाद वह घर नहीं पहुंच पाए हैं. राज्य शासन के आदेश के बाद जिला प्रशासन ने भी बाहर से आने वाले लोगों पर प्रतिबंध लगा दिया है. जिसके कारण महाराष्ट्र, हैदराबाद, मध्यप्रदेश में मजदूरी करने वाले लोग अब जिले के बॉर्डर इलाकों में आकर फस गए हैं, हालांकि प्रशासन उनके भोजन की व्यवस्था करवाने की बात कह रहा है.