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धान खरीदी पर संकट के बादल: एक बार फिर बारदाने की कमी से किसानों को हो सकता है भारी नुकसान

राजनांदगांव में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने इस साल 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खरीफ की फसल को लेकर के जिला सहकारी बैंक में अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है, लेकिन बारदानों की उपलब्धता को लेकर के लगातार सवाल उठ रहे हैं.

No gunny bags to store paddy
बारदाने की कमी
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Published : Nov 14, 2020, 7:49 AM IST

Updated : Nov 14, 2020, 3:19 PM IST

राजनांदगांव: समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में इस बार भी बारदानों का संकट बना रहेगा. धान खरीदी के लिए मांग के अनुसार बारदानों की उपलब्धता अब तक नहीं हो पाई है. इसके चलते 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी पर संकट का साया मंडराने लगा है. अबतक जिले को मात्र 2 लाख 84 हजार बारदाने मिले हैं. जबकि 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में बारदानों की कमी बनी रह सकती है और खरीदी शुरू होते ही यह संकट और गहराता जा सकता है.

धान खरीदी पर संकट के बादल

60-40 के अनुपात में बारदाने की जरूरत

राजनांदगांव में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने इस साल 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खरीफ की फसल को लेकर के जिला सहकारी बैंक में अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है, लेकिन बारदानों की उपलब्धता को लेकर के लगातार सवाल उठ रहे हैं. 60-40 के अनुपात में बारदानों की जरूरत है, जबकि इसके मुकाबले मार्कफेड ने अबतक बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की है. यहीं कारण है कि धान खरीदी के दौरान किसानों को पूरे खरीदी के दौरान बारदानों की कमी का सामना करना पड़ेगा.

अबतक मिले महज 5700 गठान

राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी के लिए जिले को अबतक मात्र 5700 गठान ही बारदाने मिल पाए हैं. पीडीएस बारदानों का संग्रहण नहीं होने से बारदानों की कमी बनी रह सकती है. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि धान खरीदी के दौरान बारदानों का संकट किसानों को भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है. राजनांदगांव जिले में 2020-21 के दौरान 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में किसानों को हर दिन लाखों की संख्या में बारदाने की जरूरत पड़ेगी, जिसका फिलहाल पूरा होना असंभव सा लग रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: 'आधी' हुई अन्नदाता की खुशी, मजबूरी में मंडी में बेच रहे धान

पीडीएस से मिले 2700 गठान

इधर, पीडीएस से 2700 गठान बारदाना उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा मिलर्स के 11,000 गठान बारदानों का सत्यापन भी करा लिया गया है, लेकिन मांग के अनुसार बारदानों की व्यवस्था नहीं होने से धान खरीदी शुरुआती दिनों में ही प्रभावित हो सकती है. हालांकि इस बात को लेकर मार्कफेड के अधिकारी कुछ भी कहने से साफ तौर पर बच रहे हैं.

1 लाख 72 हजार किसानों का पंजीयन

समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान खरीदी के लिए अबतक राजनांदगांव जिले से 1 लाख 72 हजार किसानों ने अपना पंजीयन करा लिया है. धान खरीदी के लिए बड़े पैमाने पर पंजीयन को लेकर के जिला प्रशासन ने पहले ही निर्देश दिए थे. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की मानें तो जिले में अबतक 1 लाख 72 हजार 535 किसानों का पंजीयन पूरा कर लिया गया है. पंजीयन की आखिरी तारीख 17 नवंबर तक बढ़ा दी गई है. जिससे किसानों को पंजीयन कराने में कोई परेशानी न हो.

पढ़ें: कोरोना संकट, धान खरीदी में देरी और अब मौसम की मार ने किसानों को बनाया लाचार

कमी दूर करने की कोशिश

इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील वर्मा का कहना है कि बारदानों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. पीडीएस और मार्कफेड से लगातार बारदानों को लेकर के चर्चा हो रही है. खरीदी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा इसकी प्लानिंग की जा रही है.

राजनांदगांव: समर्थन मूल्य पर होने वाली धान खरीदी में इस बार भी बारदानों का संकट बना रहेगा. धान खरीदी के लिए मांग के अनुसार बारदानों की उपलब्धता अब तक नहीं हो पाई है. इसके चलते 1 नवंबर से शुरू होने वाली धान खरीदी पर संकट का साया मंडराने लगा है. अबतक जिले को मात्र 2 लाख 84 हजार बारदाने मिले हैं. जबकि 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में बारदानों की कमी बनी रह सकती है और खरीदी शुरू होते ही यह संकट और गहराता जा सकता है.

धान खरीदी पर संकट के बादल

60-40 के अनुपात में बारदाने की जरूरत

राजनांदगांव में 1 दिसंबर से समर्थन मूल्य पर धान खरीदी शुरू की जाएगी. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक ने इस साल 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा है. खरीफ की फसल को लेकर के जिला सहकारी बैंक में अपनी तैयारियां भी शुरू कर दी है, लेकिन बारदानों की उपलब्धता को लेकर के लगातार सवाल उठ रहे हैं. 60-40 के अनुपात में बारदानों की जरूरत है, जबकि इसके मुकाबले मार्कफेड ने अबतक बारदानों की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं की है. यहीं कारण है कि धान खरीदी के दौरान किसानों को पूरे खरीदी के दौरान बारदानों की कमी का सामना करना पड़ेगा.

अबतक मिले महज 5700 गठान

राजनांदगांव जिला सहकारी केंद्रीय बैंक से मिली जानकारी के अनुसार धान खरीदी के लिए जिले को अबतक मात्र 5700 गठान ही बारदाने मिल पाए हैं. पीडीएस बारदानों का संग्रहण नहीं होने से बारदानों की कमी बनी रह सकती है. इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि धान खरीदी के दौरान बारदानों का संकट किसानों को भारी नुकसान भी पहुंचा सकता है. राजनांदगांव जिले में 2020-21 के दौरान 67 लाख क्विंटल धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है. ऐसी स्थिति में किसानों को हर दिन लाखों की संख्या में बारदाने की जरूरत पड़ेगी, जिसका फिलहाल पूरा होना असंभव सा लग रहा है.

पढ़ें: SPECIAL: 'आधी' हुई अन्नदाता की खुशी, मजबूरी में मंडी में बेच रहे धान

पीडीएस से मिले 2700 गठान

इधर, पीडीएस से 2700 गठान बारदाना उपलब्ध कराए गए हैं. इसके अलावा मिलर्स के 11,000 गठान बारदानों का सत्यापन भी करा लिया गया है, लेकिन मांग के अनुसार बारदानों की व्यवस्था नहीं होने से धान खरीदी शुरुआती दिनों में ही प्रभावित हो सकती है. हालांकि इस बात को लेकर मार्कफेड के अधिकारी कुछ भी कहने से साफ तौर पर बच रहे हैं.

1 लाख 72 हजार किसानों का पंजीयन

समर्थन मूल्य पर की जाने वाली धान खरीदी के लिए अबतक राजनांदगांव जिले से 1 लाख 72 हजार किसानों ने अपना पंजीयन करा लिया है. धान खरीदी के लिए बड़े पैमाने पर पंजीयन को लेकर के जिला प्रशासन ने पहले ही निर्देश दिए थे. जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अधिकारियों की मानें तो जिले में अबतक 1 लाख 72 हजार 535 किसानों का पंजीयन पूरा कर लिया गया है. पंजीयन की आखिरी तारीख 17 नवंबर तक बढ़ा दी गई है. जिससे किसानों को पंजीयन कराने में कोई परेशानी न हो.

पढ़ें: कोरोना संकट, धान खरीदी में देरी और अब मौसम की मार ने किसानों को बनाया लाचार

कमी दूर करने की कोशिश

इस मामले में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के सीईओ सुनील वर्मा का कहना है कि बारदानों की कमी को पूरा करने का प्रयास किया जा रहा है. पीडीएस और मार्कफेड से लगातार बारदानों को लेकर के चर्चा हो रही है. खरीदी पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा इसकी प्लानिंग की जा रही है.

Last Updated : Nov 14, 2020, 3:19 PM IST
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