राजनांदगांव : कोरोना वायरस की महामारी का दंश झेल रहे मजदूरों के लिए छत्तीसगढ़ सरकार मदद के नाम पर खाना पूर्ति कर रही है. अब भी मजदूर सैकड़ों मील पैदल चलकर अपने घर पहुंच रहे हैं, लेकिन कई मजदूर ऐसे हैं, जो घर पहुंचने से पहले हादसों के शिकार हो रहे हैं. हालहि में छत्तीसगढ़ के कृष्णा साहू और उनकी पत्नी अपने दो छोटे बच्चों के साथ लखनऊ से साइकिल से निकले थे. जो बुधवार की रात को पटरी पर सोते हुए दुर्घटना के शिकार हो गए और दो छोटे बच्चे अनाथ हो गए.
उन बच्चों के लिए सरकार ने 5 लाख रुपए का मुआवजा देने की बात कही है. इसे लेकर शिवसेना के अरुण पांडे ने छत्तीसगढ़ सरकार से मांग की है कि छत्तीसगढ़ से पलायन कर मजदूरी करने गए मजदूरों के कोरोना काल में मृत्यु के बाद उनकी संतानों को गोद लें. बता दें कि छत्तीसगढ़ राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना पर दुःख व्यक्त किया है और बच्चों की सहायता हेतु 5 लाख रुपये की सहायता राशि प्रदान करने की घोषणा भी की है
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'सरकार ले बच्चों को गोद'
शिवसेना ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से मांग की है कि इस दुःखद सड़क दुर्घटना में अनाथ हुए बच्चों को सरकार को गोद लेकर उनके दत्तक पिता की भांति उनका संरक्षण करें. सरकार को उनकी आगे की जीवन की शिक्षा-दीक्षा संबंधित समस्त जिम्मेदारी स्वयं निभानी चाहिए. उन्होंने कहा कि 'इस तरह के समस्त बच्चों को पुलिस पब्लिक स्कूल में दाख़िला कराया जाना चाहिए, ताकि उनका भविष्य उज्जवल बनाया जा सके'.
छत्तीसगढ़ सरकार ने जिन 4 ट्रेनों को कन्फर्म किया है. इन ट्रेनों से मजदूर छत्तीसगढ़ वापसी कर सकेंगे.
- पहली ट्रेन पठानकोट (पंजाब) से चांपा.
- दूसरी ट्रेन साबरमती (गुजरात) से बिलासपुर.
- तीसरी ट्रेन साबरमती (गुजरात) से बिलासपुर.
- चौथी ट्रेन विजयवाड़ा (आन्ध्रप्रदेश) से बिलासपुर.