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कोरोना ने मूर्तिकारों के जीवन पर लगाया ग्रहण, नहीं मिल रहे गणपति प्रतिमा के ऑर्डर

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लग सकता है. वहीं लोगों को घरों में ही गणेश स्थापना की छूट मिल सकती है. ऐसे में शहर के मूर्तिकारों की जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. मूर्तिकार परेशान हैं.

Economic crisis for sculptors
मूर्तिकारों के सामने आर्थिक संकट
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Published : Jul 15, 2020, 10:21 PM IST

राजनांदगांव: गणपति उत्सव के लिए लगभग 1 महीने का वक्त बचा है. लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं मूर्तिकार भी अपने काम में जुट गए हैं. लेकिन गणेश उत्सव पर कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों में संक्रमण में तेजी देखी गई है.

नहीं मिले गणपति की मूर्ति के ऑर्डर

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लग सकता है. वहीं लोगों को घरों में ही गणेश स्थापना की छूट मिल सकती है. ऐसे में शहर के मूर्तिकारों के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि गणेश उत्सव ही मूर्तिकारों के सालभर के लिए आय का बड़ा स्रोत होता है. ऐसे में गणेश उत्सव पर कोरोना का शिकंजा मूर्तिकारों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है. क्योंकि सामान्य दिनों में निर्माताओं के पास मूर्तियों के लिए जून से ही ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से अब तक एक भी ऑर्डर नहीं आया है. वहीं जिन समितियों के हर साल पहले से ही ऑर्डर रहते थे. उन्होंने भी इस साल ऑर्डर नहीं दिया है.

हताश हैं मूर्तिकार
कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन की वजह से मूर्ति निर्माण करने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं. क्योंकि बड़ी मूर्तियों का ऑर्डर नहीं मिल रहा हैं और झांकी बनाने के लिए भी ऑर्डर नहीं आ रहे हैं. सामान्य दिनों में गणेश चतुर्थी के लिए छह महीने पहले बुकिंग हो जाती थी. लेकिन इस बार बड़े ग्राहक नहीं मिल रहे है. वहीं बड़ी समितियों के ऑर्डर भी नहीं मिल रहे हैं. जिससे मूर्तिकार हताश हैं.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट में यात्री नहीं मिलने से बस संचालक बेबस, सरकार से मदद की आस

कई रोजगार प्रभावित होंगे
गणेश उत्सव के फीके पड़ जाने से महज मूर्तिकारों के रोजगार पर असर पड़ेगा ऐसा नहीं है. बल्कि गणेश उत्सव से जुड़े हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा. जिसमें कच्चा मटेरियल लाने वालों से लेकर रंगों की खरीदी और सजावट के सामान बेचने वाले दुकानदारों की आय में कमी आएगी. इसके अलावा DJ और लाइटिंग वालों का काम भी प्रभावित होगा.

मूर्तिकार संतोष प्रजापति का कहना है कि बड़े मूर्तियों के ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं, वहीं छूटी मूर्तियां बनकर तैयार है, लेकिन खरीददार नहीं आ रहे हैं. इस वजह से ज्यादा मूर्तियाें के निर्माण करने को लेकर असमंजस की स्थिति है. क्योंकि अगर शासन ने मूर्तियां स्थापित करने की इजाजत नहीं दी तो बनी हुई मूर्तियों के ग्राहक नहीं मिलेंगे. इससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा.

पढ़ें: बेरोजगारी: भारत के टॉप 10 राज्यों की लिस्ट में शामिल हुआ छत्तीसगढ़

वहीं शहर के एक और मूर्तिकार चेतन का कहना है कि हमारे यहां शहर के अलावा अन्य जिलों से भी ऑर्डर आए करते थे. समान्य दिनों में मूर्तियों के ऑर्डर गणेश पूजा के दो माह पहले ही पूरी हो जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से शाासन के गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है. क्योंकि अगर बड़ी मूर्तियों की स्थापना को लेकर इजाजत नहीं दी गई तो लोग छोटी मूर्तियों को घरों में ही स्थापित करेंगे.

राजनांदगांव: गणपति उत्सव के लिए लगभग 1 महीने का वक्त बचा है. लोग इसका बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं. वहीं मूर्तिकार भी अपने काम में जुट गए हैं. लेकिन गणेश उत्सव पर कोरोना का ग्रहण लगता नजर आ रहा है. छत्तीसगढ़ में पिछले कुछ दिनों में संक्रमण में तेजी देखी गई है.

नहीं मिले गणपति की मूर्ति के ऑर्डर

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए अंदाजा लगाया जा रहा है कि गणेश उत्सव पर प्रतिबंध लग सकता है. वहीं लोगों को घरों में ही गणेश स्थापना की छूट मिल सकती है. ऐसे में शहर के मूर्तिकारों के जीवन पर बड़ा प्रभाव पड़ेगा. क्योंकि गणेश उत्सव ही मूर्तिकारों के सालभर के लिए आय का बड़ा स्रोत होता है. ऐसे में गणेश उत्सव पर कोरोना का शिकंजा मूर्तिकारों के लिए आर्थिक संकट का कारण बन सकता है. क्योंकि सामान्य दिनों में निर्माताओं के पास मूर्तियों के लिए जून से ही ऑर्डर मिलने शुरू हो जाते थे. लेकिन इस बार कोरोना की वजह से अब तक एक भी ऑर्डर नहीं आया है. वहीं जिन समितियों के हर साल पहले से ही ऑर्डर रहते थे. उन्होंने भी इस साल ऑर्डर नहीं दिया है.

हताश हैं मूर्तिकार
कोरोना संकटकाल और लॉकडाउन की वजह से मूर्ति निर्माण करने वाले लोगों के जीवन में आर्थिक चुनौतियां बढ़ गई हैं. क्योंकि बड़ी मूर्तियों का ऑर्डर नहीं मिल रहा हैं और झांकी बनाने के लिए भी ऑर्डर नहीं आ रहे हैं. सामान्य दिनों में गणेश चतुर्थी के लिए छह महीने पहले बुकिंग हो जाती थी. लेकिन इस बार बड़े ग्राहक नहीं मिल रहे है. वहीं बड़ी समितियों के ऑर्डर भी नहीं मिल रहे हैं. जिससे मूर्तिकार हताश हैं.

पढ़ें: SPECIAL: कोरोना संकट में यात्री नहीं मिलने से बस संचालक बेबस, सरकार से मदद की आस

कई रोजगार प्रभावित होंगे
गणेश उत्सव के फीके पड़ जाने से महज मूर्तिकारों के रोजगार पर असर पड़ेगा ऐसा नहीं है. बल्कि गणेश उत्सव से जुड़े हजारों लोगों का रोजगार छिन जाएगा. जिसमें कच्चा मटेरियल लाने वालों से लेकर रंगों की खरीदी और सजावट के सामान बेचने वाले दुकानदारों की आय में कमी आएगी. इसके अलावा DJ और लाइटिंग वालों का काम भी प्रभावित होगा.

मूर्तिकार संतोष प्रजापति का कहना है कि बड़े मूर्तियों के ऑर्डर नहीं मिल रहे हैं, वहीं छूटी मूर्तियां बनकर तैयार है, लेकिन खरीददार नहीं आ रहे हैं. इस वजह से ज्यादा मूर्तियाें के निर्माण करने को लेकर असमंजस की स्थिति है. क्योंकि अगर शासन ने मूर्तियां स्थापित करने की इजाजत नहीं दी तो बनी हुई मूर्तियों के ग्राहक नहीं मिलेंगे. इससे उन्हें नुकसान झेलना पड़ेगा.

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वहीं शहर के एक और मूर्तिकार चेतन का कहना है कि हमारे यहां शहर के अलावा अन्य जिलों से भी ऑर्डर आए करते थे. समान्य दिनों में मूर्तियों के ऑर्डर गणेश पूजा के दो माह पहले ही पूरी हो जाती थी. लेकिन इस बार कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से शाासन के गाइड लाइन का इंतजार किया जा रहा है. क्योंकि अगर बड़ी मूर्तियों की स्थापना को लेकर इजाजत नहीं दी गई तो लोग छोटी मूर्तियों को घरों में ही स्थापित करेंगे.

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