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गणेश पूजा विशेष: शासन के नियमों से हताश हुए मूर्तिकार, राहत की अपील

मूर्तिकारों के लिए कठिन वक्त है. कोरोना संक्रमण रोकथाम के लिए शासन के बनाए नियमों ने मूर्तिकारों को परेशान कर दिया है. जहां अन्य दिनों में अब 70% तक मूर्तियों की बिक्री हो जाती थी. आज 10% भी नहीं बिक रही है. ऐसे में मूर्तिकार काफी हताश हो गए हैं.

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Published : Aug 1, 2020, 5:00 AM IST

Updated : Aug 1, 2020, 8:35 AM IST

Sculptor of Ganesha became frustrated
नहीं बिक रहीं मूर्तियां

रायपुर: कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन ने लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है. कई लोगों ने तो अपने व्यवसाय भी बदल लिए हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या ने शासन-प्रशासन को चिंतित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. राजधानी भी इनमें से एक है. ऐसे में यहां के मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार हताश हैं.

शासन के नियमों से हताश हुए मूर्तिकार

मूर्तिकार रमेश बताते हैं, मूर्तियों का निर्माण कर्ज लेकर करते हैं. इस काम में पूरा परिवार रात-रात भर काम करता है. तब जाकर वो काम पूरा कर पाते हैं. आज उनका पूरा घर गणेश की मूर्तियों से भरा पड़ा है. उनके पास मूर्ति निर्माण करने के अलावा और कोई काम नहीं है. कोरोना काल के कारण मूर्तियां नहीं बिक रही है. इससे पहले हर साल उनके बनाये मूर्तियों में 70 फीसदी तक बिक जाती थी, लेकिन इस साल 10 बिक्री का भी अनुमान नहीं है.

पढ़ें: 25 से 28 अगस्त तक होगा विधानसभा का मानसून सत्र, चंद्रशेखर गंगराड़े ने दी जानकारी

शासन के नियमों से और नुकसान

रमेश कहते हैं, जो मूर्तियां बुक हुई थी, वो भी शासन के नियम और शर्तों के बाद कैंसल हो गई है, क्योंकि बड़े समिति वाले तो शासन के नियमों को मानकर प्रतिमा स्थापित भी लें. लेकिन छोटे-छोटे आयोजन करने वालों के लिए ये काफी मुश्किल है. वो शासन के लगाए गए नियमों का पालन कर पाने में असमर्थ हैं. इन हालात में शासन और खरीददारों के बीच सिर्फ मूर्तिकार ही पीस रहा है.

शासन-प्रशासन से अपील
मूर्तिकार रमेश प्रजापति ने शासन से अपील की है कि बाकी सभी लोगों को शासन से व्यवसाय करने के लिए अनुमति मिली है. वैसे ही अनुमति शासन से मूर्तिकारों को भी मिले. जिससे वे लोग भी अपना व्यवसाय चला सकें. जिससे उन्हें अपना परिवार चलाने में मदद मिल सके. गणेश पूजन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, इन मूर्तिकारों का सब्र का बांध टूटते जा रहा है. साल भर मूर्तिकारों का परिवार इस दिन की प्रतीक्षा करता है.

रायपुर: कोरोना वायरस संक्रमण और लॉकडाउन ने लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है. कई लोगों ने तो अपने व्यवसाय भी बदल लिए हैं. बढ़ते मरीजों की संख्या ने शासन-प्रशासन को चिंतित कर दिया है. छत्तीसगढ़ के कई जिलों में मंगलवार रात से लॉकडाउन लगा दिया गया है. राजधानी भी इनमें से एक है. ऐसे में यहां के मूर्ति बनाने वाले मूर्तिकार हताश हैं.

शासन के नियमों से हताश हुए मूर्तिकार

मूर्तिकार रमेश बताते हैं, मूर्तियों का निर्माण कर्ज लेकर करते हैं. इस काम में पूरा परिवार रात-रात भर काम करता है. तब जाकर वो काम पूरा कर पाते हैं. आज उनका पूरा घर गणेश की मूर्तियों से भरा पड़ा है. उनके पास मूर्ति निर्माण करने के अलावा और कोई काम नहीं है. कोरोना काल के कारण मूर्तियां नहीं बिक रही है. इससे पहले हर साल उनके बनाये मूर्तियों में 70 फीसदी तक बिक जाती थी, लेकिन इस साल 10 बिक्री का भी अनुमान नहीं है.

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शासन के नियमों से और नुकसान

रमेश कहते हैं, जो मूर्तियां बुक हुई थी, वो भी शासन के नियम और शर्तों के बाद कैंसल हो गई है, क्योंकि बड़े समिति वाले तो शासन के नियमों को मानकर प्रतिमा स्थापित भी लें. लेकिन छोटे-छोटे आयोजन करने वालों के लिए ये काफी मुश्किल है. वो शासन के लगाए गए नियमों का पालन कर पाने में असमर्थ हैं. इन हालात में शासन और खरीददारों के बीच सिर्फ मूर्तिकार ही पीस रहा है.

शासन-प्रशासन से अपील
मूर्तिकार रमेश प्रजापति ने शासन से अपील की है कि बाकी सभी लोगों को शासन से व्यवसाय करने के लिए अनुमति मिली है. वैसे ही अनुमति शासन से मूर्तिकारों को भी मिले. जिससे वे लोग भी अपना व्यवसाय चला सकें. जिससे उन्हें अपना परिवार चलाने में मदद मिल सके. गणेश पूजन जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, इन मूर्तिकारों का सब्र का बांध टूटते जा रहा है. साल भर मूर्तिकारों का परिवार इस दिन की प्रतीक्षा करता है.

Last Updated : Aug 1, 2020, 8:35 AM IST
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