राजनांदगांव : अयोध्या राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का उत्साह पूरे देश में है. 22 जनवरी का दिन पूरे देश में दिवाली की तरह मनाया जाएगा. इसके लिए राजनांदगांव शहर के कई मंदिरों और घर परिवारों में तैयारी शुरू कर दी गई हैं.जिसके लिए बाजार में दीयों की मांग बढ़ गई है. कुम्हार दीयों की बढ़ी मांग को देखते हुए युद्ध स्तर पर दीयों का निर्माण कर रहे हैं.
रावण का वध करके अयोध्या लौटे थे राम : आपको बता दें कि अहंकारी रावण का वध करने के बाद भगवान श्रीराम ने वनवास पूरा किया.इसके बाद अयोध्या वापस आए. भगवान राम के अयोध्या लौटने पर उनके स्वागत में घर-घर दीप जलाकर नगर में उत्सव मनाया गया था.इसलिए इस दिन को दीपावली के रूप में मनाया जाने लगा.अब 500 साल बाद एक बार फिर प्रभु श्रीराम अपने घर में प्रवेश करने वाले हैं.इसलिए अयोध्या में दीपावली की ही तरह उत्सव नजर आएगा.ठीक उसी तरह देश के हर कोने में श्रीराम भक्त दीये जलाकर उत्सव मनाएंगे.
राजनांदगांव में भी बड़ी तैयारी : छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी में भी 22 जनवरी के दिन दीपावली सा माहौल रहेगा.इस दिन संस्कारधानी में श्रीराम के गृह प्रवेश के बाद प्रभु श्रीराम के भक्त अपने घरों और देवालयों में दीपक जलाकर उत्सव मनाएंगे.जिसके लिए हजारों परिवारों ने तैयारियां शुरु कर दी है. मंदिरों में रंग रोगन किए जा रहे हैं.वहीं घरों को भी आकर्षक लाइटों से सजाया जा रहा है.
ऐसे में दीयों की बढ़ती मांग को देखते हुए भी कुम्हार दोगुनी मेहनत कर दीया बनाने में जुटे हैं. कुम्हारों का कहना है कि दीपावली में जिस प्रकार से दीयों की मांग होती है. इसी तरह 22 जनवरी श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के उत्साह को मनाने भी दीयों की मांग बनी हुई है.
''लगभग 10 हजार दिये बनाने के आर्डर एक जगह से ही मिला हैं. 25 हजार दीयों का निर्माण कर रहे हैं. इतने दिए सिर्फ दीपावली पर्व पर ही बिकते हैं.'' -रामखिलावन प्रजापति,कुम्हार
बाजार में दीयों की डिमांड बढ़ी : आपको बता दें कि 22 जनवरी श्रीराम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा पर अपने घर आंगन को रोशन करने के लिए दीयों की मांग बढ़ी हुई है, ऐसे में प्रतिदिन कुम्हार लगभग 1 हजार दीयों का निर्माण कर पाते हैं.मांग को देखते हुए कुम्हार अधिक समय देकर दीयों का निर्माण कर रहे हैं. दीयों को पकाने में भी 10 से 15 दिन लगते हैं.ऐसे में कुम्हारों की माने तो बाजार की मांग के मुताबिक उन्होंने दीये बना लिए हैं.