राजनांदगांव: राज्य सरकार की योजनाओं को पलीता लगाने में अफसर कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. सुरगी गांव से कुम्हालोरी तक सड़क की मरम्मत किए बिना ही ठेकेदार को 80 लाख रुपए का भुगतान किए जाने का मामला अब तूल पकड़ रहा है. ग्रामीणों के लगातार आंदोलन के बाद कांग्रेस मामले की शिकायत आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो में करने की तैयारी में है. दरअसल राज्य शासन ने सुरगी-सोमनी अनुभाग के अंतर्गत आने वाले सुरगी-कुम्हालोरी सड़क की मरम्मत के लिए नवंबर 2022 में अस्सी लाख रुपए की स्वीकृति दी थी. विभाग में टेंडर प्रक्रिया कर एक ठेकेदार को काम सौंपा था. लेकिन काम हुए बिना ही ठेकेदार को राशि का भुगतान कर दिया गया.
यह है पूरा मामला: पीडब्ल्यूडी ने टेंडर प्रक्रिया कर दुर्ग के ठेकेदार केपी मिश्रा को सड़क रिपेयर का काम सौंपते हुए चार महीने में सड़क की मरम्मत करने की बात कही थी. सड़क की मांग को लेकर जन आंदोलन होने के बाद पीडब्ल्यूडी ने किसी ठेकेदार को कहकर आनन-फानन में कुछ गड्ढों को भरने का काम कराया था. इस काम में गुणवत्ता की पूरी तरह अनदेखी की गई. जिन स्थानों पर काम किया गया था. वह पहली बारिश में ही बह गई और फिर से गड्ढों में तब्दील हो गई. इसकी वजह से सड़क पर लगातार दुर्घटनाएं हो रही हैं और लोग इसके शिकार हो रहे हैं.
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नई सड़क को बनाने के लिए 18 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की थी. काम शुरू होने में कुछ टाइम था, तो विभाग ने पैचवर्क के नाम पर 80 लाख रुपए का टेंडर निकाला. यह काम केपी मिश्रा नाम के ठेकेदार को मिला. पैच वर्क का काम पूरा ही नहीं हुआ और ठेकेदार को पूरी राशि का भुगतान कर दिया गया.इसकी शिकायत मैंने मुख्यमंत्री से की है. इसके अलावा मामले की गंभीरता को देखते हुए इसकी शिकायत आर्थिक अपराध में भी की जाएगी. - शाहिद भाई, महामंत्री,प्रदेश कांग्रेस कमेटी
गौरतलब है कि जनचौपाल कार्यक्रम में सुरगी आए राज्य के मुख्यमंत्री ने ग्रामीणों की मांग पर इस सड़क को नई सड़क बनाने की घोषणा की थी. इसी सड़क में अनियमितता को लेकर अब मामला गर्म है.