राजनांदगांव: बीजेपार से भर्रीटोला तक 3 किलोमीटर तक सड़क निर्माण का काम शनिवार से ग्रामीणों ने शुरू किया है. सालों से प्रशासन से गुहार लगाने के बाद भी सुनवाई न होने से परेशान ग्रामीणों ने अपनी समस्या का समाधान खुद ही करने की ठानी. इस काम के माध्यम से गांव के लोगों ने प्रशासन को आईना दिखाया. आज से सड़क निर्माण का काम ग्रामीणों ने शुरू कर दिया. ग्रामीणों के मुताबिक दो से तीन दिनों में सड़क निर्माण का काम पूरा हो जाएगा.
ग्रामीणों ने कैसे शुरू किया सड़क निर्माण ?: बीजेपार के ग्रामीणों ने सड़क निर्माण की अनोखी पहल की है. बीजेपार से भर्रीटोला में 3 किलोमीटर तक जर्जर हो चुकी सड़क की मरम्मत का काम शनिवार से गांव वालों ने शुरू किया. दरअसल, 20 साल पहले ग्रामीणों ने इस सड़क के निर्माण की मांग प्रशासन से की थी. हालांकि प्रशासन ने इस ओर ध्यान ही नहीं दिया. गांववालों ने मुरूम बिछाकर कच्ची सड़क का निर्माण काम शुरू किया.
ग्रामीणों ने पहल की है. ग्रामीणों ने सामने आकर सड़क का निर्माण काम शुरू किया. सीएम के कार्यों से प्रभावित होकर हमने खुद ही सड़क समस्या के निपटान का काम शुरू किया है. पूरे गांव के लोगों के सहयोग से ये काम शुरू किया गया है. आने वाले समय में बघेल सरकार से पक्की सड़क निर्माण की मांग की जाएगी. -नवाज खान, अध्यक्ष, जिला सहकारी केंद्रीय बैंक
बच्चों को स्कूल जाते समय होती थी दिक्कतें: झाड़ीखैरी गांव के सरपंच हेमसिंह निर्मलकर ने कहा कि "यहां सड़क जर्जर होने के कारण हादसे तो होते ही थे. साथ ही स्कूली बच्चों को स्कूल जाते समय या फिर कॉलेज जा रहे बच्चों को काफी दिक्कतें होती थी. खासकर बारिश के दिनों में वे स्कूल नहीं जा पाते थे. जर्जर सड़क के कारण बच्चों की शिक्षा प्रभावित होती थी."
पूरे गांव ने दिया श्रमदान: बीजेपार से भर्रीटोला तक 3 किलोमीटर सड़क निर्माण के लिए जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष नवाज खान के साथ-साथ पूरे गांव ने श्रमदान दिया. श्रमदान देकर गांव के लोगों ने खुद की समस्या को खुद ही हल करने का बीड़ा उठाया. शनिवार को सड़क निर्माण का काम शुरू किया गया है. ये काम दो से तीन दिनों में पूरा होने की बात कही जा रही है.
कई बार की प्रशासन से सड़क निर्माण की मांग: ग्रामीणों की मानें तो लगातार प्रशासन से सड़क निर्माण को लेकर गुहार लगाई गई. बावजूद इसके कोई हल नहीं निकल पाया. बाद में जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष ने किसान सम्मेलन के दौरान सड़क निर्माण की बात रखी थी. हालांकि निर्माण काम न होने के कारण ग्रामीणों ने जिला सहकारी केंद्रीय बैंक के अध्यक्ष के नेतृत्व में श्रमदान कर सड़क की मरम्मत का काम शुरू किया.
आए दिन होते रहते थे हादसे: सड़क जर्जर होने के कारण यहां लगातार हादसे होते रहते थे. कई लोग कच्ची सड़क होने के कारण दुर्घटना का शिकार हो रहे थे. इस सड़क पर जगह-जगह गड्ढा होने से लोग ठोकर खाकर गिरते रहते थे. सड़क बन जाने से ग्रामीण होदसों का शिकार होने से बचेंगे.
प्रशासन को दिखाया आईना: बता दें कि सालों से इस सड़क के निर्माण का काम लंबित पड़ा था. ग्रामीणों ने कई बार प्रशासन से मांग की. हालांकि प्रशासन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया. यही कारण है कि परेशान ग्रामीणों ने खुद सड़क का निर्माण काम शुरू कर प्रशासन को आईना दिखाने का काम किया है.