राजनांदगांव: राजनांदगांव में सांसारिक मोह माया का त्याग कर 18 साल के मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा मोक्ष की राह पर चल चुके हैं. शहर के मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा के लिए तीन दिवसीय संयम अनुमोदन महोत्सव का आयोजन हो रहा है. राजनांदगांव शहर में गुरुवार को धूमधाम से वरघोड़ा निकली गई. 7 दिसंबर को गुजरात में जैन आचार्य से मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा दीक्षा लेंगे.
जैन समाज की उमड़ी भीड़: दरअसल, राजनांदगांव शहर के बसंतपुर के रहने वाले 18 साल के मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा संयम की राह पर जाने की तैयारी कर रहे हैं. जैन समाज से आने वाले सिद्धार्थ गोलछा सांसारिक मोह माया त्याग कर वैराग्य धारण कर अब गुरु और आचार्य के बताए मार्गों पर चलेंगे. इसे लेकर 29 नवंबर से तीन दिवसीय संयम अनुमोदन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को राजनांदगांव शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए जैन समाज के सामाजिक बंधुओं की मौजूदगी में मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा की वरघोड़ा निकली गई. इसमें भारी तादाद में जैन समाज के लोग मौजूद रहे.
7 दिसंबर को गुजरात में लेंगे दीक्षा: सिद्धार्थ गोलछा के माता-पिता योगिता पारस गोलछा व्यापारी हैं. सिद्धार्थ गोलछा नीट की परीक्षा पास कर बी फार्मा की पढ़ाई के लिए प्रवेश ले चुके थे. लेकिन अब वह वैराग्य की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने संयम का मार्ग चुना है.7 दिसंबर 2023 को गुजरात में जैन आचार्य से वह दीक्षा ग्रहण करेंगे. मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा ने बताया कि, " अगर गंदगी से निकलना है तो दूसरी राह को चुनना पड़ेगा. संयम ही एक ऐसा इकलौता राह है, जहां हम गंदगी से छूटकर खुद को साफ कर सकते हैं. रिश्ता एक बंधन है, जिसको तोड़कर व्यक्ति अपने राह पर पहुंच पाएगा. मैं कुछ छोड़कर बहुत कुछ पा रहा हूं. आज के समय में कोई भी सुखी नहीं है. एकमात्र जैन साधु ही आज के डेट में खुश हैं."
"संयम राह कठिन नहीं है. हमने बना दिया है उसे. क्योंकि हमें संसार में बहुत रस आता है. झूठ में बहुत रस आता है. वह अपने आत्म परीक्षण के लिए जा रहा है. यह अच्छे और गुरु के सानिध्य में जा रहा है.- योगिता गोलछा, मुमुक्षु सिद्धार्थ गोलछा की मां
बता दें कि राजनांदगांव शहर के बसंतपुर निवासी सिद्धार्थ गोलछा अब संयम की राह पर चलेंगे. सांसारिक मोह माया को त्याग कर गुरु आचार्य के बताए गए मार्ग पर वह जाएंगे. वो 7 नवंबर को गुजरात के अहमदाबाद में दीक्षा लेंगे. बुधवार से तीन दिवसीय संयम अनुमोदन महोत्सव का आयोजन किया जा रहा है. गुरुवार को राजनांदगांव शहर के विभिन्न मार्गों से होते हुए वरघोड़ा सह वर्षिदान, विदाई और अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया. 7 दिसंबर को सिद्धार्थ सांसारिक मोह माया को त्याग कर जैन परंपरा के अनुसार दीक्षा लेंगे.