राजनांदगांव: शहर में महीने भर पहले अंश खंडेलवाल की मौत हुई थी. पुलिस मामले को पहली नजर में आत्महत्या मान रही है. लेकिन एक माह का समय बीतने के बाद भी पुलिस के हाथ खाली है. पुलिस अब तक यह पता नहीं कर पाई है कि अंश खंडेलवाल ने आत्महत्या की है या फिर उसकी हत्या हुई है. पुलिस अब भी पूरे मामले की छानबीन में जुटी हुई है.
अंश खंडेलवाल के मामले में न्याय की मांग: अंश खंडेलवाल की मौत के बाद व्यापारी वर्ग में काफी नाराजगी देखी गई. शहर में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर व्यापारी लगातार सवाल उठा रहे हैं. परिवार वाले और व्यापारियों की मानें तो अंश ने आत्महत्या नहीं की, उसकी हत्या हुई है. इस मामले पर जोर देते हुए व्यापारी वर्ग ने राजनांदगांव पुलिस के खिलाफ कैंडल मार्च निकाली. शहर के व्यापारियों ने गंज चौक से कैंडल मार्च निकालकर अंश खंडेलवाल मामले में न्याय की मांग की.
पुलिस की भूमिका पर उठ रहा सवालिया निशान: शहर के एक व्यापारी के बेटे अंश खंडेलवाल की लाश अधजली हालत में मिली थी. जिसके बाद से ही पुलिस मामले की जांच पड़ताल कर रही है. लेकिन एक महीने बीत जीने के बाद भी पुलिस मौत के कारणों का खुलासा नहीं कर पाई है. मृतक अंश खंडेलवाल के परिवार सहित शहर के व्यापारी वर्ग में खासी नाराजगी है. व्यापारियों का कहना है कि शहर में कानून व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं है. व्यापारियों के परिवार सुरक्षित नहीं है. ऐसी स्थिति में राजनांदगांव पुलिस की भूमिका को लेकर सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं.
सही दिशा में नहीं हो पा रही जांच: इस मामले पर व्यापारियों का कहना है कि पुलिस अब तक सही दिशा में जांच नहीं कर पाई है. पहले भी राजनांदगांव पुलिस को समय दिया गया था. लेकिन इसके बाद भी अब तक पुलिस हाथ पर हाथ धरे बैठी हुई है. व्यापारियों का कहना है मौके पर जिस तरीके से अंश खंडेलवाल की लाश मिली, वह पूरी तरीके से क्षतिग्रस्त थी. इस कारण अंश की हत्या हुई है. इस बात को भरपूर बल मिलता है. व्यापारियों का कहना है कि पुलिस शुरुआत से ही सही दिशा में जांच नहीं कर पा रही है. अब तक कितने लोगों से पूछताछ की गई है, पूछताछ में क्या बात सामने आई है, यह बात परिवार वालों को भी नहीं बताई गई है. इससे मामले को लेकर संदेह उठ रहा है.