राजनांदगांव: राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार अब मेजर ध्यान चंद (Major Dhyan Chand) के नाम पर दिया जाएगा. केंद्र सरकार ने इस पुरस्कार को मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार किए जाने की घोषणा के बाद राजनांदगांव जिले के खिलाड़ियों में भी हर्ष का माहौल है.
खिलाड़ियों का कहना है कि, खेल रत्न पुरस्कार किसी खिलाड़ी के नाम से दिया जाना एक खिलाड़ी के लिए गर्व का विषय है, जिससे खिलाड़ी को भी यह प्रेरणा मिलती है कि भविष्य में वह भी अपने बेहतर खेल का प्रदर्शन करे. ताकि उनके नाम से भी पुरस्कार मिल सके. हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद के नाम से किए गए इस खेल रत्न पुरस्कार पर खिलाड़ियों ने केंद्र सरकार का आभार जताया है.
खेल जगत का सर्वोच्च पुरस्कार खेल रत्न मेजर ध्यानचंद के नाम से किये जाने से खिलाड़ियों में उत्साह है. वहीं मेजर ध्यानचंद को भारत रत्न देने की मांग भी खिलाड़ियों ने की है. लगभग 41 वर्ष बाद ओलंपिक के हॉकी में भारत ने गुरुवार को पदक हासिल किया है. वहीं अब हॉकी को एक और सम्मान देते हुए अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद के नाम से खेल रत्न दिया जाना हॉकी के क्षेत्र के लिए एक बड़ा सम्मान है.
क्या है पुरस्कार
राजीव गांधी खेल रत्न (Rajiv Gandhi Khel Ratna) पुरस्कार दिए जाने की शुरुआत साल 1991 में हुई थी. पुरस्कार किसी खिलाड़ी के पूरे साल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए दिया जाता है. भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर गत लगभग तीन दशकों से दिया जा रहा राजीव गांधी खेल रत्न पुरस्कार अब मेजर ध्यान चंद के नाम से जाना जाएगा. अभी तक खेल रत्न अवॉर्ड के विजेता को सम्मान में एक पदक, एक प्रमाण पत्र और नकद पुरस्कार मिलता आ रहा है.
युवा कार्यक्रम और खेल मंत्रालय की ओर से गठित एक समिति खेल रत्न अवॉर्ड के संबंध में फैसला लेती है. खिलाड़ियों की सफलताओं का सम्मान और भविष्य में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने के लिए प्रोत्साहन स्वरूप हर साल राजीव गांधी खेल रत्न सम्मान दिया जाता है.