राजनांदगांव : छत्तीसगढ़ में चुनाव की तारीखों का ऐलान होने के बाद प्रांतीय किसान महापंचायत ने एक बार फिर अपनी मांगों को लेकर मोर्चा खोला है. राजनांदगांव में प्रदेश किसान संघ के बैनर तले किसानों ने अपनी मांगों को प्रशासन और शासन के सामने रखा.इस प्रदर्शन में राज्य के अलग-अलग जिलों से किसान इकट्ठा हुए.इस दौरान किसानों ने अपनी मांगों का घोषणापत्र जारी किया. जिसमें किसानों ने दो साल के धान बोनस और कर्ज माफी की मांगों को उठाया.
प्रदेश सरकार को किसानों की चेतावनी : किसानों का कहना है कि उनकी घोषणा पत्र की अनदेखी जो भी पार्टी करेगी उसकी अनदेखी किसान करेंगे. इशारों इशारों में किसानों ने ये कहा कि जो इनकी घोषणा पत्र को प्राथमिकता से लागू और उनकी बात सुनेगा उस पार्टी को किसान संघ समर्थन करेगा.
किसानों के घोषणा पत्र में क्या ? : किसानों के घोषणा पत्र में धान बोनस देने की बात और किसानों के कर्ज माफी के बात को प्रमुखता से उठाया गया है. जिसमें कहा गया है कि प्रत्येक एकड़ में 20 क्विंटल धान और प्रत्येक क्विंटल का धान 4000 रुपए में सरकार खरीदे.साथ ही साथ रमन शासन काल के दो साल का बोनस देने का जो वादा कांग्रेस ने पिछले चुनाव से पहले किया था उसे जल्द से जल्द पूरा करे.
चुनाव से पहले किसानों ने की दबाव बनाने की कोशिश : विधानसभा चुनाव आते ही प्रदेश किसान संघ ने अपने घोषणा पत्र के जरिए राजनीतिक दलों पर दबाव बनाने की कोशिश की है. किसानों को पता है कि राजनीतिक दल अब सूची जारी करने के बाद घोषणापत्र का ऐलान करेंगे. इसलिए विरोध के तौर पर किसान संघ अपना घोषणा पत्र राजनीतिक दलों के सामने ला रहा है ताकि उनकी मांगों को समर्थन मिल सके.इसलिए किसानों ने महापंचायत का आयोजन किया.